आम निर्वाचन २०५१|
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कुल मतदान | ६१.८६% |
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निर्वाचनको नतिजा
परिणामस्वरूप नेपाली काङ्ग्रेस पार्टीले संसदमा आफ्नो बहुमत गुमाएको थियो र नेकपा एमाले प्रतिनिधिसभाको सबैभन्दा ठूलो दल बनेको थियो। तथापि कुनै पनि दलले बहुमतका लागि आवश्यक १०३ सिट आफैँले जितेका थिएनन्। राजतन्त्र समर्थक पार्टी, राष्ट्रिय प्रजातन्त्र पार्टीले अघिल्लो चुनावमा आफूले जितेको ४ बाट २० सिट प्राप्त गरी उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल गरेको थियो। आम निर्वाचन २०४८मा भएको अघिल्लो चुनावमा मतदान गरेका ६०% बाट मतदाताहरूको मतदान ५८% ले घटेको थियो।
राजनीतिक दल | नेता | उम्मेदवार | मत | सिट |
संख्या | % | +− % | संख्या | +− |
| नेपाली कांग्रेस | गिरिजाप्रसाद कोइराला | २०५ | २५,४५,२८७ | ३३.३८ | ४.३७ | ८३ | २७ |
| नेकपा (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) | मनमोहन अधिकारी | १९६ | २३,५२,६०१ | ३०.८५ | २.८७ | ८८ | १९ |
| राष्ट्रिय प्रजातन्त्र पार्टी | सूर्यबहादुर थापा | २०२ | १३,६७,१४८ | १७.९३ | ५.९९ | २० | १६ |
| नेपाल सद्भावना पार्टी | गजेन्द्रनारायण सिंह | ८६ | २,६५,८४७ | ३.४९ | ०.६१ | ३ | ३ |
| संयुक्त जनामोर्चा नेपाल | निर्मल लामा | ४९ | १,००२८५ | १.३२ | ३.५१ | ० | ९ |
| राष्ट्रीय जनमुक्ति पार्टी | गोरेबहादुर खपाङ्गी | ८२ | ७९,९९६ | १.०५ | | ० | |
| नेपाल मजदुर किसान पार्टी | नारायणमान बिजुक्छे | २७ | ७५,०७२ | ०.९८ | ०.२७ | ४ | २ |
| नेपाल जनवादी मोर्चा | राजारामप्रसाद सिंह | ४१ | ३२,७३२ | ०.४३ | | ० | |
| नेकपा (मार्क्सवादी) | | ४९ | २९,५७१ | ०.३९ | | ० | |
| नेकपा (संयुक्त) | विष्णुबहादुर मानन्धर | ३४ | २९,२७३ | ०.३८ | | ० | |
| नेपाली काङ्ग्रेस (विशेश्वर) पार्टी | | १० | १२,५७१ | ०.१६ | | ० | |
| राष्ट्रिय जनता परिषद् | | २८ | ८,९३१ | ०.१३ | | ० | |
| जनवादी मोर्चा (नेपाल) | | ३ | ३,६८१ | ०.०५ | ०.०३ | ० | |
| प्रजातान्त्रिक लोक दल | | १० | ३,०८२ | ०.०४ | | ० | |
| नेपाल प्रजा परिषद् | | ७ | १,८३२ | ०.०२ | | ० | |
| राष्ट्रिय जनता पार्टी | | ७ | १.५२५ | ०.०२ | ०.०४ | ० | |
| नेपाली काङ्ग्रेस (वि.पि) | | २ | ८४० | ०.०१ | | ० | |
| नेपाली काङ्ग्रेस (सुवर्ण) | | ४ | ४८४ | ०.०१ | | ० | |
| जनता दल (समाजवादी प्रजातान्त्रिक) | केशरजङ्ग रायमाझी | १ | ४०४ | ०.०१ | ०.०७ | ० | |
| संयुक्त प्रजातन्त्र पार्टी | | १ | २१८ | ०.०० | | ० | |
| नेपाल जनहित पार्टी | | २ | १५६ | ०.०० | | ० | |
| मूल नेपाली काँग्रेस | | १ | ५३ | ०.०० | | ० | |
| उदारवादी प्रजातान्त्रिक पार्टी | | १ | १८ | ०.०० | | ० | |
| स्वतन्त्र | | ३८५ | ४,७१,३२४ | ६.१८ | २.०१ | ७ | ४ |
बदर मत | — | २,४१,०७१ | ३.१६ | १.२६ | — | — |
जम्मा | १,४३३ | ७६,२५,३४८ | १०० | २०५ |
परिणाम
निर्वाचन पछि नेकपाले संसदमा मनमोहन अधिकारीलाई संसदीय दलको नेता रूपमा चयन गरेको थियो र उनले अल्पमतको सरकार बनाउने प्रयास गरेेेेका थिए। राजा वीरेन्द्रले कम्युनिष्ट र नेपाली काङ्ग्रेस दुवै पार्टीलाई सरकार बनाउन किन दिनुपर्छ भनेर बुझाउन आग्रह गरेका थिए र त्यसपछि उनले कसलाई प्रधानमन्त्री नियुक्त गर्नुपर्छ भन्ने विषयमा निर्णय गरेेेेका थिए। नेपाली काङ्ग्रेसले सत्तामा रहन प्रयास गर्नका लागि राष्ट्रिय प्रजातन्त्र पार्टी लगायतका साना दलहरूसँग सम्झौता गर्ने प्रयास गरेको थियो। तथापि उक्त प्रयास असफल भएको थियो र अधिकारी अल्पसङ्ख्यक कम्युनिष्ट सरकारको प्रमुखमा नेपालको प्रधानमन्त्रीमा नियुक्त भएका थिए जहाँ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी विश्वको संवैधानिक राजतन्त्रमा पहिलो निर्वाचित साम्यवादी सरकार बनेको थियो र प्रजातान्त्रिक ढङ्गले सत्तामा आउने दक्षिण एसियाको पहिलो साम्यवादी सरकार गठन गर्न समेत सफल भएको थियो।
सन्दर्भ सामग्रीहरू
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