वेब ब्राउज़र

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वेब ब्राउज़र
एक वेब ब्राउज़र (सफारी) एक वेबपन्ना दिखाता हुआ

वेब ब्राउज़र वेबसाइटों तक पहुंचने के लिए एक ऐप है। जब कोई यूज़र किसी वेबसाइट से वेबपन्ना मांगता है, तो ब्राउज़र एक वेब सर्वर से ज़रूरी फाइलों को लाता है और फिर यूज़र के स्क्रीन पर पन्ना दिखाता है। ब्राउज़र का इस्तेमाल डेस्कटॉप, लैपटॉप, टैबलेट, और स्मार्टफोन जैसे कई डिवाइसों पर किया जाता है। 2020 में, अंदाज़ा 490 करोड़ लोगों ने ब्राउज़र का इस्तेमाल किया। सबसे ज़्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला ब्राउज़र गूगल क्रोम है, जिसकी 70% बाज़ार हिस्सेदारी है। उसके बाद 18% के साथ सफारी है।

वेब ब्राउज़र एक सर्च इंजन नहीं होता, हालांकि लोग अक्सर इन दोनों को एक मानते हैं। एक सर्च इंजन एक वेबसाइट है जो दूसरे वेबसाइटों के लिंक देता है। हालांकि, किसी वेबसाइट के सर्वर से जुड़ने और उसके वेबपन्ने दिखाने के लिए यूज़र के पास एक वेब ब्राउज़र होना चाहिए। कुछ तकनीकी संदर्भ में, ब्राउज़र को "यूज़र एजेंट" के बोला जाता है।

इतिहास

वेब ब्राउज़र 
टिम बर्नर्स ली, 2005

पहला वेब ब्राउज़र, वर्ल्डवाइडवेब, 1990 में सर टिम बर्नर्स ली ने बनाया था। इसके बाद उन्होंने निकोला पेलो को लाइन मोड ब्राउज़र लिखने के लिए भर्ती किया, जो बेकार टर्मिनल पर वेबपन्ना दिखाता था। मोज़ेक वेब ब्राउज़र अप्रैल 1993 में जारी किया गया, और बाद में लोकप्रियता पानेवाला सबसे पहला वेब ब्राउज़र बन गया। इसके ग्राफिकल यूजर इंटरफेस ने वर्ल्ड वाइड वेब को नेविगेट करना औसत इंसान के लिए ज़्यादा आसान बना दिया। इसने 1990 के दशक में इंटरनेट बूम को जन्म दिया, जब वेब बहुत तेज़ी से विकसित हुआ। मोज़ेक टीम के नेता मार्क एंडरसन ने खुद की कंपनी नेटस्केप शुरू की, जिसने 1994 में नेटस्केप नेविगेटर जारी किया। नेविगेटर जल्द सबसे मशहूर ब्राउज़र बन गया।

माइक्रोसॉफ्ट ने 1995 में इंटरनेट एक्सप्लोरर की शुरुआत की। इससे नेटस्केप के साथ उसका ब्राउज़र जंग छिड़ गया। कुछ साल के अंदर, माइक्रोसॉफ्ट ने दो वजह से ब्राउज़र बाज़ार में एक ताकतवर जगह हासिल कर लिया: इसने अपने लोकप्रिय ऑपरेटिंग सिस्टम माइक्रोसॉफ्ट विंडोज के साथ इंटरनेट एक्सप्लोरर को बंडल किया और फ्रीवेयर के तरह रिलीज़ किया। 2000 के दशक की शुरुआत में इंटरनेट एक्सप्लोरर की बाज़ार हिस्सेदारी 95% से ज़्यादा हो गई। 1998 में, नेटस्केप ने ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर मॉडल का इस्तेमाल करके एक नया ब्राउज़र बनाने के लिए मोज़िला फाउंडेशन लॉन्च किया। फाउंडेशन ने फायरफॉक्स ब्राउज़र बनाया, जिसे पहली बार 2004 में जारी किया गया था। 2010 में फायरफॉक्स की बाज़ार हिस्सेदारी 32% पर पहुंच गई। ऐप्पल ने 2003 में अपना सफारी ब्राउज़र जारी किया। ऐप्पल डिवाइसों पर सफारी मुख्य ब्राउज़र बना हुआ है, हालांकि ये बाकी जगह मशहूर नहीं हुआ।

गूगल ने 2008 में अपना क्रोम ब्राउज़र लॉन्च किया, जिसने इंटरनेट एक्सप्लोरर से लगातार बाज़ार हिस्सेदारी छीनी और 2012 में सबसे मशहूर ब्राउज़र बन गया। क्रोम तब से ताकतवर बना हुआ है। 2015 में, माइक्रोसॉफ्ट ने विंडोज़ 10 के रिलीज़ के लिए इंटरनेट एक्सप्लोरर को ऐज में बदल दिया।

तकनीक

वेब ब्राउज़र (फायरफॉक्स) इस्तेमाल करके अंग्रेज़ी विकिपीडिया पर घूमते हुए

वेब ब्राउज़र का काम वर्ल्ड वाइड वेब या स्थानीय स्टोरेज से कंटेंट लाना और उसे यूज़र के डिवाइस पर दिखाना है। ये प्रॉसेस तब शुरू होती है जब यूज़र ब्राउज़र में यूनिफॉर्म रिसोर्स लोकेटर (यूआरएल), जैसे https://xn--p2br8c.com, डालता है। हाइपरटेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल (एचटीटीपी) इस्तेमाल करके सारे यूआरएल लाए जाते हैं, जहां एचटीटीपी डाटा ट्रांसफर के लिए नियमों का एक सेट है। अगर युआएल एचटीटीपी के महफूज़ मोड (एचटीटीपीएस) का इस्तेमाल करता है, तो बातचीत सुरक्षा और सूचना निजता के लिए ब्राउज़र और वेब सर्वर के बीच कनेक्शन एन्क्रिप्ट किया जाता है।

वेबपन्नों में आमतौर पर दूसरे पन्नों और संसाधनों के हाइपरलिंक होते हैं। हर लिंक में एक यूआरएल होता है, और जब इसे क्लिक या टैप किया जाता है, तो ब्राउज़र नए कंटेंट पर जाता है। उसी पन्ने के साथ अगली मुलाकात के लिए ज़्यादातर ब्राउज़र कैश इस्तेमाल करते हैं। कैश कई चीज़ों को इकट्ठा कर सकता है, जैसे बड़ी तस्वीरें, और इसलिए उन कंटेंट को सर्वर से वापस डाउनलोड करने की ज़रूरत नहीं होती। कैश किए गए चीज़ें आमतौर पर सिर्फ तब तक रखे जाते हैं, जब तक वेब सर्वर अपने एचटीटीपी संदेशों में उन्हें रखने के लिए बोलता है।

निजता

ब्राउज़िंग के दौरान, कई वेबसाइटों से मिले कुकीज़ ब्राउज़र इकट्ठा करता हैं। उनमें से कुछ में लॉगइन पासवर्ड या साइट पसंद शामिल हैं। हालांकि, दूसरों का इस्तेमाल लंबे समय तक यूज़र के हलचल पर नज़र रखने के लिए किया जाता है; इसलिए ब्राउज़र आमतौर पर कुकीज़ को हटाने के लिए मेन्यू में एक हिस्सा देते हैं। आमतौर पर, कुकीज़ को बेहतर तरीके से संभालने के लिए ब्राउज़र एक्सटेंशन की ज़रूरत होती है।

खासियत

सबसे मशहूर ब्राउज़रों में कई खासियत आम हैं। वो अपनेआप यूज़र के ब्राउज़िंग इतिहास को लॉग करते हैं, अगर यूज़र अपने ब्राउज़िंग इतिहास को बंद नहीं करते हैं या निजी मोड का इस्तेमाल नहीं करते हैं। वो यूज़र को बुकमार्क सेट करने, ऐक्सटेंशन के साथ ब्राउज़र को बदलने, और यूज़र पासवर्ड संभालने भी देते हैं। कुछ सिंक सेवा और वेब सुलभता सुविधा देते हैं।

वेब ब्राउज़र 
ज़्यादातर ब्राउज़रों में वेबपन्ने के ऊपर यूज़र इंटरफेस होता हैं।

मोबाइल ब्राउज़र में डेस्कटॉप ब्राउज़र के तरह यूआई सुविधाएं होते हैं, लेकिन टच स्क्रीन सीमाओं के वजह से मोबाइल यूआई को आसान बनाना ज़रूरी होता है। कीबोर्ड शॉर्टकट के आदी यूज़रों के लिए ये अंतर बहुत बड़ा है। सबसे मशहूर डेस्कटॉप ब्राउज़रों में जटिल वेब डेव्लपमेंट औज़ार भी होते हैं, जो डेवलपर को वेबपन्ने का जांच-पड़ताल करने देते है।

मुख्य ब्राउज़र

जनवरी 2023 डेक्सटॉप ब्राउज़र शेयर
गूगल क्रोम
  
66.39%
माइक्रोसॉफ्ट ऐज
  
11.09%
ऐप्पल सफारी
  
9.33%
मोज़िला फायरफॉक्स
  
6.87%
ओपेरा
  
3.42%
360 सेफ
  
0.92%

मौजूदा वक्त में दुनियाभर में सबसे ज़्यादा इस्तेमाल किए जानेवाला ब्राउज़र गूगल क्रोम है, जिसकी ब्राउज़र बाज़ार में 65% हिस्सेदारी है। गूगल क्रोम गूगल के मुफ्त और ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर प्रोजेक्ट क्रोमियम पर बनाया गया है, और ये गूगल के ऑपरेटिंग सिस्टम क्रोमओएस का एक मुख्य हिस्सा है। ऐप्पल सफारी 18% के बाज़ार हिस्सेदारी के साथ दूसरा सबसे ज़्यादा इस्तेमाल किए जानेवाला ब्राउज़र है। सिर्फ डेस्कटॉप ब्राउज़र को गिनने पर माइक्रोसॉफ्ट ऐज हिस्सेदारी में दूसरा है। सफारी वेबकिट पर बनाया गया है और मैक कंप्यूटरों के लिए डिफॉल्ट वेब ब्राउज़र है। 2015 में पेश किया गया माइक्रोसॉफ्ट ऐज विंडोज़ 10 और 11 पर डिफॉल्ट वेब ब्राउज़र है। मोज़िला फाउंडेशन का फायरफॉक्स चौथा सबसे मशहूर डेस्कटॉप ब्राउज़र है, और बाकी ब्राउज़रों के उल्ट, मुफ्त और ओपन-सोर्स है।

कुछ ब्राउज़रों को अपने बढ़ते सेटिंग और निजता के वजह से लाखों यूज़र मिले है। ऐसे कुछ ब्राउज़रों में इंस्टॉल करते वक्त से ऐडब्लॉकर्स भी होते हैं। उदाहरण में ब्रेव, ऐपिक, मैक्सथन, और ओपेरा शामिल हैं। टॉर ब्राउज़र टॉर गुमनाम नेटवर्क तक पहुंच देता है। टॉर डार्क वेब तक पहुंच देता है, और निजता के लिए इंटरनेट ट्रैफिक को बार-बार एन्क्रिप्ट करता है। बड़े ब्राउज़रों के मुकाबले में इन ब्राउज़रों की बाज़ार हिस्सेदारी कम है। उदाहरण के लिए, अक्टूबर 2022 में 2.49% बाज़ार हिस्सेदारी के साथ ओपेरा ब्राउज़र बड़े फासले के साथ इन ब्राउज़रों में सबसे ज़्यादा मशहूर है।

संदर्भ

Tags:

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