अटलांटिक महासागर

अन्ध महासागर या अटलांटिक महासागर उस विशाल जलराशि का नाम है जो यूरोप तथा अफ्रीका महाद्वीपों को नई दुनिया के महाद्वीपों से पृथक करती है। क्षेत्रफल और विस्तार में दुनिया का दूसरे नंबर का महासागर है जिसने पृथ्वी का १/५ क्षेत्र घेर रखा है। इस महासागर का नाम ग्रीक संस्कृति से लिया गया है जिसमें इसे नक्शे का समुद्र भी बोला जाता है। इस महासागर का आकार लगभग अंग्रेजी अक्षर 8 के समान है। लंबाई की अपेक्षा इसकी चौड़ाई बहुत कम है। आर्कटिक सागर, जो बेरिंग जलडमरूमध्य से उत्तरी ध्रुव होता हुआ स्पिट्सबर्जेन और ग्रीनलैंड तक फैला है, मुख्यतः अंधमहासागर का ही अंग है। इस प्रकार उत्तर में बेरिंग जल-डमरूमध्य से लेकर दक्षिण में कोट्सलैंड तक इसकी लंबाई १२,८१० मील है। इसी प्रकार दक्षिण में दक्षिणी जार्जिया के दक्षिण स्थित वैडल सागर भी इसी महासागर का अंग है। इसका क्षेत्रफल इसके अंतर्गत समुद्रों सहित ४,१०,८१,०४० वर्ग मील है। अंतर्गत समुद्रों को छोड़कर इसका क्षेत्रफल ३,१८,१४,६४० वर्ग मील है। विशालतम महासागर न होते हुए भी इसके अधीन विश्व का सबसे बड़ा जलप्रवाह क्षेत्र है। उत्तरी अंधमहासागर के पृष्ठतल की लवणता अन्य समुद्रों की तुलना में पर्याप्त अधिक है। इसकी अधिकतम मात्रा ३.७ प्रतिशत है जो २०°- ३०° उत्तर अक्षांशों के बीच विद्यमान है। अन्य भागों में लवणता अपेक्षाकृत कम है।

अन्ध महासागर (अटलांटिक महासागर)
Map of the Arctic Ocean
Extent of the Atlantic Ocean according to the 2002 IHO definition, excluding Arctic and Antarctic regions
अन्ध महासागर (अटलांटिक महासागर) is located in पृथ्वी
अन्ध महासागर (अटलांटिक महासागर)
अन्ध महासागर (अटलांटिक महासागर)
निर्देशांक0°N 25°W / 0°N 25°W / 0; -25 25°W / 0°N 25°W / 0; -25
द्रोणी देशList of bordering countries (not drainage basin), ports
सतही क्षेत्रफल106,460,000 कि॰मी2 (1.1459×1015 वर्ग फुट)
North Atlantic: 41,490,000 कि॰मी2 (4.466×1014 वर्ग फुट),
South Atlantic 40,270,000 कि॰मी2 (4.335×1014 वर्ग फुट)
औसत गहराई3,646 मी॰ (11,962 फीट)
अधिकतम गहराईPuerto Rico Trench
8,376 मी॰ (27,480 फीट)
जल आयतन310,410,900 कि॰मी3 (1.096206×1019 घन फुट)
तट लम्बाई1111,866 कि॰मी॰ (367,014,000 फीट) including marginal seas
द्वीपList of islands
खाईयाँPuerto Rico; South Sandwich; Romanche
1 तट लम्बाई का मापन सटीक नहीं होता है
पृथ्वी के महासागर
अटलांटिक महासागर

नितल

अटलांटिक महासागर 
सागर की गहराइयां दिखाता मानचित्र

अन्ध महासागर के नितल के प्रारंभिक अध्ययन में जलपोत चैलेंजर (१८७३-७६) के अन्वेषण अभियान के ही समान अनेक अन्य वैज्ञानिक महासागरीय अन्वेषणों ने योग दिया था। अन्ध महासागरीय विद्युत केबुलों की स्थापना के हेतु आवश्यक जानकारी की प्राप्ति ने इस प्रकार के अध्यायों को विशेष प्रोत्साहन दिया। इसका नितल इस महासागर के एक कूट द्वारा पूर्वी और पश्चिमी द्रोणियों में विभक्त है। इन द्रोणियों में अधिकतम गहराई १६,५०० फीट से भी अधिक है। पूर्वोक्त समुद्रांतर कूट काफी ऊँचा उठा हुआ है और आइसलैंड के समीप से आरंभ होकर ५५°डिग्री दक्षिण अक्षांश के लगभग स्थित बोवे द्वीप तक फैला है। इस महासागर के उत्तरी भाग में इस कूट को डालफिन कूट और दक्षिण में चैलेंजर कूट कहते हैं। इस कूट का विस्तार लगभग १०,००० फुट की गहराई पर अटूट है और कई स्थानों पर कूट सागर की सतह के भी ऊपर उठा हुआ है। अज़ोर्स, सेंट पॉल, असेंशन, ट्रिस्टाँ द कुन्हा और बोवे द्वीप इसी कूट पर स्थित है। निम्न कूटों में दक्षिणी अंध महासागर का वालफिश कूट और रियो ग्रैंड कूट, तथा उत्तरी अंध महासागर का वाइविल टामसन कूट उल्लेखनीय हैं। ये तीनों निम्न कूट मुख्य कूट से लंब दिशा में फैले हैं।

अटलांटिक महासागर 
पुर्तगाल के पश्चिमी तट से अंध महासागर का दृश्य

ई. कोसना (१९२१) के अनुसार इस महासागर की औसत गहराई, अंतर्गत समुद्रों को छोड़कर, ३,९२६ मीटर, अर्थात् १२,८३९ फुट है। इसकी ज्ञात अधिकतम गहराई, ८,७५० मीटर अर्थात् २८,६१४ फुट है और यह गिनी स्थली की पोर्टोरिकी द्रोणी में स्थित है।अन्ध महासागर की मुख्य स्थली का ७४ प्रतिशत भाग तलप्लावी निक्षेपों (पेलाजिक डिपाजिट्स) से ढका है, जिसमें नन्हें नन्हें जीवों के शल्क (जैसे ग्लोबिजराइना, टेरोपॉड, डायाटम आदि के शल्क) हैं। शेष २६ प्रतिशत भाग पर भूमि पर उत्पन्न हुए अवसादों (सेडिमेंट्स) का निक्षेप है जो मोटे कणों द्वारा निर्मित है।

पृष्ठधाराएँ

अटलांटिक महासागर 
सागर की पृष्ठधाराएं:
जामुनी:गहन सागर धाराएं
नीली:सतही धाराएं

अंध महासागर की पृष्ठधाराएँ नियतवाही पवनों के अनुरूप बहती हैं। परंतु स्थल खंड की आकृति के प्रभाव से धाराओं के इस क्रम में कुछ अंतर अवश्य आ जाता है। उत्तरी अन्ध महासागर की धाराओं में उत्तरी विषुवतीय धारा, गल्फ स्ट्रीम, उत्तरी अन्ध प्रवाह, कैनेरी धारा और लैब्रोडोर धाराएँ मुख्य हैं। दक्षिणी अन्ध महासागर की धाराओं में दक्षिणी विषुवतीय धारा, ब्राजील धारा, फाकलैंड धारा, पछवाँ प्रवाह और बैंगुला धाराएँ मुख्य हैं।

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ

महासागर को विक्षनरी में देखें जो एक मुक्त शब्दकोश है।

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