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द्वितीय विश्व युद्ध की एक महत्व्पूर्ण लडाई जिसमे लाल सेना ने नाजी सेना को बुरी तरह से परास्त किया था। सोवियत संघ के इस नायक ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान स्टेलिनग्राद की लड़ाई में 300 से अधिक नाजी सैनिक मार गिराए थे
स्टालिनग्राड का युद्ध | |||||||
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द्वितीय विश्व युद्ध का भाग | |||||||
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प्रारंभिक जीवन वसीली जाइटसेव उराल में चेल्याबिंस्क क्षेत्र में येलेनोव्स्क के गांव में किसानों के एक परिवार में पैदा हुआ था। उनके दादा के द्वारा बहुत ही कम उम्र में उन्हे शिकार करना सिखाया | एक बच्चे के रूप में, वसीली, भेड़िये पर नज़र रखने के जाल के बारे मैं और बर्फ में सोने का परीक्छन अपने भाई के साथ प्राप्त किया वह 12 वर्ष की आयु में अपनी पहली ट्रॉफी घर लाया वह बचपन मे अपनी पहली व्यक्तिगत शॉट बेरदान राइफल से एक ही गोली मैं एक भेड़िया मार गिराया, वह उस समय अपनी पीठ पर एक बड़ी एकल शॉट बेरदान राइफ़ल को बड़ी मुसकिल ले जाता था वसीली सिर्फ एक निशानची बनने के लिए बड़ा हुआ था |
द्वितीय विश्व युद्ध 1937 में वसीली लाल सेना में भर्ती किया गया था। उसके छोटे फ्रेम के बावजूद, वह व्लादिवोस्तोक के पास प्रशांत महासागर में सोवियत नौसेना में सेवा करने के लिए भेजा गया था परंतु जब नाजी सेना ने सोवियत संघ पर आक्रमण किया | जाइटसेव, उनके साथियों को फ्रंटलाइन मे स्तांतरण कर दिया उस समय जाइटसेव मेजर सेरजेंट की रेंक पर पाहुच चुके थे
वह अंततः 22 सितंबर 1942 की पूर्व संध्या पर जाइटसेव वोल्गा नदी को पार किया और 62 वें सेना के 284 राइफल डिवीजन के 1047 राइफल रेजिमेंट में शामिल हुए जाइटसेव ने फ्लेम सिटि मे दुश्मन के साथ पहली मुठभेड़ों के दौरान खुद के लिए एक नाम पर्सिद्ध किया फिर एक दिन, जाइटसेव के कमांडिंग अधिकारी ने उसे फोन किया और 800 मीटर की दूरी पर एक खिड़की में एक दुश्मन अधिकारी के बारे मे बताया। वसीली उसके मानक मुद्दे मोससिन-नगंत राइफल से अपने उद्देश्य पर निसना लगाया और एक शॉट मे ही दुश्मन अधिकारी को मर दिया था। कम से कम कुछ ही क्षणों में, दो अन्य नाजी सैनिकों को खिड़की में देखा ओर निसना लगा दिया जिससे दो अन्य नाजी सैनिकों मारे गए इस के लिए, एक साथ वीरता के पदक के साथ, वसीली को एक स्निपर राइफल से सम्मानित किया गया। वसीली जाइटसेव का नाम जल्दी से सोवियत संघ में जाना जाने लगा जाइटसेव ने 10 नवंबर और 17 दिसंबर के बीच वह 225 सत्यापित मार दिये साथ मे 11 नाजी बंदूकधारियों को मार दिया गया। सोवियत संघ जल्द ही बंदूकधारियों के एक स्कूल का आयोजन किया जो एक धातु हार्डवेयर कारखाने मे आधारित था लाल सेना में स्नाइपर आंदोलन की शुरुआत हुई एक स्निपर के रूप में जाइटसेव के कैरियर के दौरान उन्होंने विभिन्न स्थानों में खुद को छुपाने के लिए प्रयोग किया - उदाहरण के लिए, उच्च भूमि पर, मलबे के नीचे या पानी के पाइप में। कुछ नाजी सैनिक मारने के बाद, वह अपनी स्थिति बदल लेता था जाइटसेव साथ में अपने साथी निकोलाई कुलीकोव के साथ छिपने और स्टिंग रणनीति का व्यायाम करता था। जाइटसेव की आम रणनीति में से एक रणनीति यह थी की , प्रत्येक बिंदु पर दो पुरुषों के साथ तीन स्थानों से एक बड़े क्षेत्र को कवर किया जाए इस रणनीति को "छक्के” के रूप में जाना जाता है और चेचन्या में युद्ध के दौरान लागू किया गया था आज यह भी प्रयोग मे लाया जाता है जब जाइटसेव ने जनवरी, 1943 तक स्टेलिनग्राद की लड़ाई में भाग लिया। वहा एक मोर्टार हमले से उसकी आंखों पर चोट लगने से घायल होना पड़ा | 22 फरवरी 1943 को जाइटसेव सोवियत संघ के शीर्षक “हीरो” से सम्मानित किया गया जर्मनी में सीलोव हाइट्स में युद्ध समाप्त होने के बाद सैन्य रैंक कप्तान लेकर वापस घर आए | वह 1943 में कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य बने नागरिक जीवन युद्ध समाप्त होने के बाद वह कीव सिटि मे रहने लगे , जहा उन्होने एक कपड़ा विश्वविद्यालय में अध्ययन किया उसके बाद एक इंजीनियर के रूप में रोजगार प्राप्त किया तथा वह कपड़ा संयंत्र के निदेशक बनने के बाद अंतिम समय तक वह कीव सिटि मे ही रहे | वसीली जाइटसेव 1991 में 76 वर्ष की उम्र मे मृत्यु हो गई और कीव सिटि में दफनाया गया था जाइटसेव की अंतिम ईछा जमीन मे दफनाया जाना था
स्मरणोत्सव 31 जनवरी 2006 को वसीली जाइटसेव को पूरे सैनिक सम्मान के साथ स्टेलिनग्राद (अब वोल्गोग्राद) में फिर से दफन किया गया था जाइटसेव चाहते थे के उन्हे स्टेलिनग्राद के रक्षकों के स्मारक में दफनाया जाए उनके ताबूत पर कुछ पंक्तिया लिखि गई – “हमारे लिए वोल्गा से परे कोई भूमि नहीं हो सकती ” अमेरिकी स्निपर स्कूल के कर्नल डोनाल्ड जाइटसेव के बारे मे एक न्यूज़ पेपर मे लिएका था वसीली जाइटसेव एक पौराणिक कथा के समान है और हर अमेरिकी स्निपर अपनी रणनीति मे और तरीकों को उनके जैसा बनाना चाहिए। वह सभी बंदूकधारियों से महान थे भगवान उनकी आत्मा को शांति मिले
एनिमी एट द गेट्स 2001 युद्ध आधारित चलचित्र है, जिसका निर्देशन जीन-जैक अनौद ने किया है। जूड लॉ, जोसफ फिनीस और एड हैरिस इस फिल्म के मुख्य अभिनेता हैं। यह फिल्म द्वितिय विश्व युद्ध में हुए 'स्टालिनग्राड की लडाई' की कहनी पर आधारित है इस चलचित्र का शीर्षक विलियम क्रैग की 1 9 73 कि अकाल्पनिक पुस्तक एनिमी एट द गेट्स: द बैटल ऑफ़ स्टालिनग्राड से लिया गया है। यह पुस्तक स्टालिनग्राड की लडाई में 1 9 42 से 1 9 43 के घटनाओं का वर्णन करती है। यह सोवियत निशानेबाज़ वसीली जाइटसेव और उनके जर्मन प्रतिद्वंदी, मेजर इर्विन कोनिग (जर्मनः इरविन क्योनिग) के बीच बढ़ रहे द्वंद्वयुद्ध पर आधरित है, जब वे दोनों युद्ध के दौरान एक दूसरे का पीछा करते हैं। इस चलचित्र के कुछ अंश एक अन्य पुस्तक वॉर ऑफ़ द रैट्स से भी लिए गए हैं। महादद्विपीय यूरोप में यह चलचित्र स्टालिनग्राड नाम से जारी किया गया था और यह इसी नाम के एक अन्य चलचित्र से बिल्कुल भिन्न है।
सर्वोच्च पुरस्कार वसीली जाइटसेव ने सर्वोच्च पुरस्कार प्राप्त किए :- सोवियत संघ का हीरो ; ऑर्डर ऑफ लेनिन ; ऑर्डर ऑफ द रेड बननेर(दो बार ); ऑर्डर ऑफ पत्रिओटिक वार (प्रथम ) ; जीत पर जर्मनी के लिए स्टेलिनग्राद ओर मेडल फॉर द विक्टरी आदि पदक मिले
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