बादाम (अंग्रेज़ी:ऑल्मंड, वैज्ञानिक नाम: प्रूनुस डल्शिस, प्रूनुस अमाइग्डैलस) मध्य पूर्व का एक पेड़ होता है। यही नाम इस पेड़ के बीज या उसकी गिरि को भी दिया गया है। इसकी बड़े तौर पर खेती होती है। बादाम एक तरह का मेवा होता है। संस्कृत भाषा में इसे वाताद, वातवैरी आदि, हिन्दी, मराठी, गुजराती व बांग्ला में बादाम, फारसी में बदाम शोरी, बदाम तल्ख, अंग्रेजी में आलमंड और लैटिन में एमिग्ड्रेलस कम्युनीज कहते हैं। आयुर्वेद में इसको बुद्धि और नसों के लिये गुणकारी बताया गया है। भारत में यह कश्मीर का राज्य पेड़ माना जाता है। एक आउंस (२८ ग्राम) बादाम में १६० कैलोरी होती हैं, इसीलिये यह शरीर को उर्जा प्रदान करता है। लेकिन बहुत अधिक खाने पर मोटापा भी दे सकता है। इसमें निहित कुल कैलोरी का ¾ भाग वसा से मिलता है, शेष कार्बोहाईड्रेट और प्रोटीन से मिलता है। इसका ग्लाईसेमिक लोड शून्य होता है। इसमें कार्बोहाईड्रेट बहुत कम होता है। इस कारण से बादाम से बना केक या बिस्कुट, आदि मधुमेह के रोगी भी ले सकते हैं। बादाम में वसा तीन प्रकार की होती है: एकल असंतृप्त वसीय अम्ल और बहु असंतृप्त वसीय अम्ल। यह लाभदायक वसा होती है, जो शरीर में कोलेस्टेरोल को कम करता है और हृदय रोगों की आशंका भी कम करता है। इसके अलावा दूसरा प्रकार है ओमेगा – ३ वसीय अम्ल। ये भी स्वास्थवर्धक होता है। इसमें संतृप्त वसीय अम्ल बहुत कम और कोलेस्टेरोल नहीं होता है। फाईबर या आहारीय रेशा, यह पाचन में सहायक होता है और हृदय रोगों से बचने में भी सहायक रहता है, तथा पेट को अधिक देर तक भर कर रखता है। इस कारण कब्ज के रोगियों के लिये लाभदायक रहता है। बादाम में सोडियम नहीं होने से उच्च रक्तचाप रोगियों के लिये भी लाभदायक रहता है। इनके अलावा पोटैशियम, विटामिन ई, लौह, मैग्नीशियम, कैल्शियम, फास्फोरस भी होते हैं।
बादाम | |
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बादाम के फलदार पेड़, स्पेन | |
वैज्ञानिक वर्गीकरण | |
जगत: | पादप |
विभाग: | मैग्नोलियोफाइटा |
वर्ग: | मैग्नोलियोप्सीडा |
गण: | रोज़ालेस |
कुल: | रोज़ेशी |
वंश: | प्रुनुस |
उपवंश: | अमाइग्डैलस |
जाति: | P. dulcis |
द्विपद नाम | |
Prunus dulcis (मिलर) D.A.Webb |
बादाम, गिरि, कच्ची पोषक मूल्य प्रति 100 ग्रा.(3.5 ओंस) | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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उर्जा 580 किलो कैलोरी 2420 kJ | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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प्रतिशत एक वयस्क हेतु अमेरिकी सिफारिशों के सापेक्ष हैं. स्रोत: USDA Nutrient database |
बादाम हालांकि एक मेवा होता है, किन्तु तकनीकी दृष्टि से यह बादाम के पेड़ के फल का बीज होता है। बादाम का पेड़ एक मध्यम आकार का पेड़ होता है और जिसमें गुलाबी और सफेद रंग के सुगंधित फूल लगते हैं। ये पेड़ पर्वतीय क्षेत्रों में अधिक मात्रा में पाये जाते हैं। इसके तने मोटे होते हैं। इसके पत्ते लम्बे, चौड़े और मुलायम होते हैं। इसके फल के अन्दर की मिंगी को बादाम कहते हैं। बादाम के पेड़ एशिया में ईरान, ईराक, मक्का, मदीना, मस्कट, शीराज आदि स्थानों में अधिक मात्रा में पाये जाते हैं। इसके फल वानस्पतिक रूप से अष्ठिफल के रूप में जाने जाते हैं और उनमें एक बाह्य छिलका होता है तथा एक कठोर छाल के साथ अंदर एक बीज होता है। आमतौर पर बादाम बिना छिलके के ही मिलता है। इसका बीज निकालने के लिए छिलके को अलग करना होता है। छिले हुए बादाम गेरुए या गहरे पीले रंग के होते हैं। बादाम दो प्रकार के होते हैं- मीठे और कड़वे। मीठा बादाम वह किस्म है जिसे लोग एक खाद्य उत्पाद के रूप में सीधे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से खाते हैं। कड़वा बादाम मीठे बादाम से थोडा़ छोटा व चौडा़ होता है और मुख्य रूप से बादाम तेल निकालने के काम आता है तथा इसे खाद्य के रूप में उपयोग नहीं किया जाता है क्योंकि यह कुछ विषैला होता है। बादाम के उपयोग की तीन मुख्य वैश्विक श्रेणियां हैं, चॉकलेट कॉन्फेक्शनरी, बेकरी और अल्पाहार।
संसार भर में हाल के वर्षों में छिलके के आधार पर बादाम का उत्पादन ७-८.५ लाख टन हुआ है। इसमें फसल और उत्पादन में २००५- ०९ के बीच निरंतर बढ़ोत्तरी देखी गई। प्रतिकूल मौसमी स्थितियों के कारण विशेषज्ञों द्वारा २००९-१० में उत्पादन में कमी आने का पूर्वानुमान है। वैश्विक बादाम उत्पादन में ८०% भाग के साथ अमेरिका मीठे बादामों का इकलौता सबसे बडा़ उत्पादक, ग्राहक और निर्यातक देश है। अमेरिकी उत्पादन का ९९% भाग अमेरिकी कैलिफोर्निया राज्य का है, जो मीठे बादामों का सबसे महत्वपूर्ण उत्पादक रहा है। यहां लगाया जाने वाली नॉनपरेल इकलौती सबसे बडी़ किस्म है। इसका उत्पादन कुल उपज का ३८% है। इसके बाद कैमल (१२%), मोंटेरी (१०%), बट/पडरे (९%) और बट (८%) है। विश्व का सबसे बड़ा बादाम व्यापार करने वाला ब्ल्यु डॉयमंड ग्रोवर्स को-ऑपरेटिव है, जो कैलिफोर्निया में सैक्रामेंटो में स्थित है। ब्ल्यु डॉयमंड कैलिफोर्निया के दो तिहाई उत्पादकों के स्वामित्व वाला संगठन है और कैलिफोर्निया की एक तिहाई फसलों का विपणन करता है। छिलके के आधार पर वर्ष २००८-०९ में २६०००, १६०००, ९५००, ७९८००, १५०० और १२०० टन उत्पादन के साथ क्रमश: अन्य उत्पादक देश हैं – आस्ट्रेलिया, तुर्की, चिली, यूरोपीय संघ, चीन और भारत। यूरोपीय संघ में स्पेन इकलौता सबसे बडा़ उत्पादक है। पिछले कुछ वर्षों में (शेल्ड आधार पर) बादाम का वार्षिक व्यापार लगभग ४.६ लाख टन रहा है। वर्ष २००८-०९ में ४४०,०००, १२३०० और ६७०० टनों के निर्यात के साथ क्रमश: अमेरिका, आस्ट्रेलिया और चिली (शेल्ड आधार पर) मुख्य निर्यातक रहे हैं। वर्ष २००८-०९ में २००,००० टन, ४५,००० टन, २१,००० टन, १९,००० टन और १४,००० टन के क्रमश: आयात के साथ यूरोपीय संघ, भारत, जापान, कनाडा और टर्की साल २००८-०९ में प्रमुख आयातक रहे हैं। कैलिफोर्नियाई फसल की सर्वोच्च कटाई की अवधि मध्य अगस्त से सितंबर तक रहती है, आस्ट्रेलियाई फसल की कटाई का समय फरवरी और अप्रैल के बीच होता है।
बादाम का पेड़ भी आड़ू की तरह ही दिखता है और उसे भी आडू की समकूल परस्थिति में उगाया जाता है। बादाम आड़ू परिवार का ही फल है। बादाम का उल्लेख प्राचीन बाईबिल और प्राचीन यूनान के इतिहास में भी मिलता है। यूनानी इतिहास के अनुसार ३००० ईसा पूर्व भी वहां इसकी पैदावार होती थी। उसके १०० वर्ष बाद प्राचीन रोमवासी इसे अपने साथ इटली ले गए। इसे उन्होंने अपने राजा को उपहार स्वरूप दिया। उसके बाद यह मिस्र से होता हुआ इंग्लैंड पहुंचा। स्पेन और इटली पहले ऐसे देशों में शामिल हैं जहां इसके लिये विपरीत जलवायु होने पर भी सबसे पहले बादाम निर्यातक देशों में गिने गये। इससे पहले बादाम के बारे में विश्व के लोग नहीं जानते थे। १७०० मध्यपूर्व से आज तक इसके उत्पादन में खूब बढोत्तरी हुई है और अनेक प्रतिकूल स्थानों पर भी यह आसानी से उगाया जा रहा है। सन १८०० के बाद बादाम की विभिन्न किस्मे भी खोजी गई हैं और उनमे कैलिफोर्निया से निर्यात होने वाली बादाम की किस्में सर्वश्रेष्ठ मानी जाती हैं।
एशिया के भारत और जापान जैसे देशों में बादाम खूब उगाया जाता रहा है। भारत में इसकी उपयोगिता केवल भोजन के साथ ही बेहतर मानी जाती है लेकिन जापान में इसे चॉकलेट और दूध से बनने वाले विभिन्न उत्पतादों में कैल्शियम के सबसे मजबूत विकल्प के रूप में प्रयोग किया जाता है। चीन में इसे सर्दियों में भूनकर खाया जाता है और नव वर्ष के अवसर पर यह उनका विशेष उपहार माना जाता है। यूरोप में इसे विवाह के अवसर पर ऐतिहासिक काल से प्रयोग किया जा रहा है और बच्चों के लिए इसे ख़ुशी और स्वास्थ्य का प्रतीक माना जाता है। जर्मनी में बादाम का पेस्ट नाश्ते में प्रयोग किया जाता रहा है और इसे आइसक्रीम के बेकरी उत्पादों में प्रयोग किया जाता है। २०१० जनवरी में फ्रांस में बनने वाला पारम्परिक राजा का केक बादाम की विशेष क्रीम से बनाया गया था। इसे सोने के मुकुट के साथ बाजार में बेचा गया।
बादाम को रोजाना सेवन किया जा सकता है। प्रतिदिन चौथाई कप या २२-२४ बादाम सेवन कर सकते हैं। अनेक शोधों से यह ज्ञात हुआ है, कि रोजाना उपरोक्त मात्रा में बादाम खाने से मोटापा नहीं होता है। किन्तु कच्चे बादाम खाने से टायफाइड हो सकता है। इस लिये हमेशा भुना हुआ, नमक के साथ या नमक के बिना, खाना चाहिये। बादाम का तेल, मालिश के लिये प्रयोग किया जाता है
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