एशिया: विश्व का सबसे बड़ा महाद्वीप

Asia ka maha dweep bhoot he bada ha yehesome likes aae hagin to woh kisi seh aseh keee kilometertekfelahouahaiएशिया या जम्बुद्वीप क्षेत्रफल (4,45,79,000 वर्ग किलोमीटर) और जनसंख्या ( 4.7 अरब )दोनों ही दृष्टि से विश्व या दुनिया का सबसे बड़ा महाद्वीप है, जो उत्तरी गोलार्द्ध, भूमध्य रेखा के उत्तर में में स्थित है। पश्चिम में इसकी सीमाएँ यूरोप से मिलती हैं, हालाँकि इन दोनों के बीच कोई सर्वमान्य और स्पष्ट सीमा नहीं निर्धारित की गई है। एशिया और यूरोप दोनों देशों को मिलाकर यूरेशिया बना है। यह भूमध्य सागर, अंध सागर, आर्कटिक महासागर, प्रशांत महासागर और हिन्द महासागर से घिरा हुआ है। जिसके कारण काकेशस पर्वत शृंखला और यूराल पर्वत शृंखला प्राकृतिक रूप दोनों पर्वत शृंखलाएँ एशिया को यूरोप से अलग करती है।

एशिया
एशिया: इतिहास, भूगोल, जलवायु एवं जलवायु परिवर्तन
क्षेत्रफल 5,45,79,000 किमी2 (1,75,12,000 वर्ग मील)
जनसंख्या 3,87,90,00,000 (1st)
जनसंख्या घनत्व 89/किमी2 (226/वर्ग मील)
राष्ट्रीयता एशियन
देश 50 (देशों की सूची)
अधीनस्थ क्षेत्र
अमान्य क्षेत्र
भाषा (एँ) भाषाओं की सूची
समय क्षेत्र UTC+2 to UTC+12
इंटरनेट टीएलडी .asia
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एशिया: इतिहास, भूगोल, जलवायु एवं जलवायु परिवर्तन
2018 के अनुसार, भौतिक, राजनीतिक और जनसांख्यिकी विशेषताओं को दर्शाने वाला एशिया के सबसे अधिक आबादी वाले हिस्से का मानचित्र

विश्व के सबसे प्राचीन मानव सभ्यताओं का जन्म इसी महाद्वीप पर हुआ था जैसे सुमेर, भारतीय सभ्यता, चीनी सभ्यता इत्यादि। चीन और भारत विश्व के दो सर्वाधिक जनसंख्या वाले देश हैं।

पश्चिम में स्थित एक लंबी भू सीमा यूरोप को एशिया से पृथक करती है। सतह सीमा उत्तर-दक्षिण दिशा में नीचे की ओर रूस में यूराल पर्वत तक जाती है, यूराल नदी के किनारे कैस्पियन सागर तक और फिर काकेशस पर्वत से होते हुए हिंद सागर तक जाती है। रूस का लगभग तीन चौथाई भू-भाग एशिया में तथा शेष भू-भाग यूरोप में है।

विश्व के कुल क्षेत्र का लगभग 1/10वां भाग और भू-भाग का 30% एशिया में है। इस महाद्वीप की जनसंख्या अन्य सभी महाद्वीपों की संयुक्त जनसंख्या से अधिक है जो कुल जनसंख्या का लगभग 3/5वां भाग अथवा 60% है। उत्तर में बर्फ़ीले आर्कटिक से लेकर दक्षिण में ऊष्ण भूमध्य रेखा तक यह महाद्वीप लगभग 4,45,70,000 किमी क्षेत्र में फैला हुआ है और अपने में कुछ विशाल, रिक्त रेगिस्तानों, विश्व के सबसे ऊँचे पर्वतों और कुछ सबसे लंबी नदियों को समेटे हुए है। एशिया दुनिया के अधिकांश धर्मों का हिंदू धर्म, पारसी धर्म, यहूदी धर्म, जैन धर्म, बौद्ध धर्म, ईसाई धर्म, इस्लाम, सिख धर्म और साथ ही कई अन्य धर्मों का जन्म स्थान है।

इतिहास

एशिया: इतिहास, भूगोल, जलवायु एवं जलवायु परिवर्तन 
रेशम मार्ग पूरे एशिया की संस्कृतियों से जुड़ा था।
एशिया: इतिहास, भूगोल, जलवायु एवं जलवायु परिवर्तन 
मंगोल साम्राज्य का विस्तार।

एशिया के इतिहास को कई परिधीय तटीय क्षेत्रों के रूप में देखा जा सकता है :— पूर्वी एशिया, दक्षिण एशिया, दक्षिण पूर्व एशिया और मध्य पूर्व पश्चिम एशिया, जो मध्य एशियाई मैदानों के आर्द्र द्रव्यमान वाले भाग से जुड़ा हुआ है। तटीय परिधि वाली भाग दुनिया की कुछ शुरुआती अज्ञात सभ्यताओं की पहचान थी, जिसके अन्तर्गत प्रत्येक उपजाऊ भूमि, नदी घाटियों के आसपास मेसोपोटामिया, सिंधु घाटी और पीली नदी जैसी कई सभ्यताएं विकसित हुई। इन्हीं सभ्यताओं में गणित और पहिया जैसी प्रौद्योगिकियों का अविष्कार हुआ। एशिया के इतिहास के अध्ययन से प्रतीत होता है कि एशिया के इन्हीं तराई क्षेत्रों में लेखन, हस्त कलाये, और नगर, राज्य और बड़े-बड़े साम्राज्य का विकास हुआ है। एशिया के केंद्रीय स्टेपी क्षेत्र में लंबे समय से घोड़े पर सवार खानाबदोशों का निवास स्थल हुआ करता था, जिनका समुह स्टेपी से लेकर एशिया के सभी क्षेत्रों तक शिकार के लिए जाते थे। भाषा के संबंध में देखा जाय तो सर्वप्रथम इंडो-यूरोपीय भाषाओं की खोज इसी क्षेत्र में हुई, जो बाद में मध्य पूर्व, दक्षिण एशिया और चीन की सीमाओं तक विकसित होने लगी। एशिया का सबसे उत्तरी भाग साइबेरिया, जहां घने जंगलों, जलवायु और टुंड्रा के कारण स्टेपी खानाबदोशों के लिए काफी हद तक यह क्षेत्र दुर्गम बना रहता था। जिसके कारण इस क्षेत्र में बहुत कम आबादी निवास करती थी। अधिकतर पहाड़ी और रेगिस्तानी क्षेत्र जैसे काकेशस और हिमालय पर्वत और काराकुम और गोबी रेगिस्तान इत्यादि स्टेपी निवासियों के लिए ख़तरनाक क्षेत्र माना जाता था जबकि शहरी निवासी तकनीकी और सामाजिक-आर्थिक रूप से अधिक उन्नत थे। 7वीं शताब्दी की विजय के दौरान बीजान्टिन और फारसी साम्राज्यों की इस्लामिक खलीफा की हार के कारण पश्चिम एशिया और मध्य एशिया के दक्षिणी हिस्से और दक्षिण एशिया के पश्चिमी हिस्से उसके नियंत्रण में आ गए। 13वीं सदी में मंगोल साम्राज्य ने एशिया के एक बड़े हिस्से पर कब्ज़ा कर लिया, जो चीन से लेकर यूरोप तक फैला हुआ क्षेत्र था। मंगोल आक्रमण से पहले, सांग राजवंश में कथित तौर पर लगभग 120 मिलियन आबादी थी; आक्रमण के बाद हुई 1300 की जनगणना में लगभग 60 मिलियन आबादी की सूचना दी गई। 17वीं शताब्दी से एशिया में रूसी साम्राज्य का विस्तार होना शुरू हुआ, और अंततः 19वीं शताब्दी के अंत तक पूरे साइबेरिया और अधिकांश मध्य एशिया पर कब्ज़ा कर लिया। 16वीं शताब्दी के मध्य से ओटोमन साम्राज्य ने अनातोलिया, अधिकांश मध्य पूर्व, उत्तरी अफ्रीका और बाल्कन को नियंत्रित किया। 17वीं शताब्दी में मांचू नामक राजा ने चीन पर विजय प्राप्त की और चिंग राजवंश की स्थापना की। 16वीं और 18वीं शताब्दी में इस्लामिक मुगल साम्राज्य और हिंदू मराठा साम्राज्य ने क्रमशः भारत के अधिकांश हिस्से पर अपना अपना साम्राज्य स्थापित किया।

भूगोल

एशिया: इतिहास, भूगोल, जलवायु एवं जलवायु परिवर्तन 
हिमालय पर्वत शृंखला सबसे ऊंची चोटियों का घर है।

एशिया पृथ्वी पर सबसे बड़ा महाद्वीप है। पृथ्वी के कुल सतह क्षेत्र का 9% या इसके भूमि क्षेत्र का 30% भाग अनावरण करता है, और इसकी तटरेखा 62,800 किलोमीटर (39,022 मील) सबसे लंबी है। एशिया को आम तौर पर यूरेशिया के पूर्वी चौथे-पांचवें हिस्से के रूप में जाना जाता है। यह स्वेज़ नहर और यूराल पर्वत के पूर्व में और काकेशस पर्वत और काला सागर के दक्षिण में स्थित है यह पूर्व में प्रशांत महासागर, दक्षिण में हिंद महासागर और उत्तर में आर्कटिक महासागर से घिरा है।

एशिया को 49 देशों में विभाजित किया गया है, उनमें से जॉर्जिया, अजरबैजान, रूस, कजाकिस्तान और तुर्की अंतरमहाद्वीपीय देश हैं जो आंशिक रूप से यूरोप में स्थित हैं। भौगोलिक दृष्टि से, रूस एशिया में है, लेकिन सांस्कृतिक और राजनीतिक दृष्टि से इसे एक यूरोपीय राष्ट्र के रूप में जाना जाता है।

जलवायु एवं जलवायु परिवर्तन

एशिया: इतिहास, भूगोल, जलवायु एवं जलवायु परिवर्तन 
कोप्पेन-गीजर जलवायु का वर्गीकरण एशिया का मानचित्र

एशिया की जलवायु विशेषताएँ अत्यंत विविध हैं। एशिया की जलवायु साइबेरिया में आर्कटिक से लेकर दक्षिणी भारत और दक्षिण पूर्व एशिया में उष्णकटिबंधीय तक फैला है। यह दक्षिण-पूर्वी भागों में नम पाये जाते है, और अधिकांश आंतरिक भाग शुष्क पाये जाते हैं। हिमालय की उपस्थिति के कारण मानसून परिसंचरण दक्षिणी और पूर्वी हिस्सों में हावी रहता है, जिससे तापीय न्यून दाब का निर्माण होता है जो गर्मियों के दौरान नमी को सुखा देता है। इसी कारण एशिया महाद्वीप का दक्षिणी-पश्चिमी भाग गर्म होता है। साइबेरिया का उत्तरी गोलार्द्ध सबसे ठंडे स्थानों में से एक माना जाता है, इसका प्रभाव मुख्यतः उत्तरी अमेरिका के निम्न द्रव्यमान वाले क्षेत्रों देखा जा सकता है। फिलीपींस के उत्तर-पूर्व और जापान के दक्षिण में उष्णकटिबंधीय चक्रवात के सक्रियता का प्रभाव ज्यादा देखने को मिलता है।एशिया महाद्वीप के कई देशों पर जलवायु परिवर्तन का बड़ा प्रभाव देखने को मिलता है। वैश्विक जोखिम विश्लेषण फार्म मेपलक्रॉफ्ट द्वारा 2010 में किए गए एक सर्वेक्षण में 16 ऐसे देशों की पहचान की गई जहां जलवायु परिवर्तन के प्रति बेहद संवेदनशीलता देखने को मिलता हैं। प्रत्येक राष्ट्र की भेद्यता की गणना 42 सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय संकेतकों को ध्यान में रख करके की गई, जिसमें अगले 30 वर्षों के दौरान संभावित जलवायु परिवर्तन प्रभावों की पहचान की जाने की संभावना है। और इन देशों के अन्तर्गत भारत, वियतनाम, थाईलैंड, पाकिस्तान, चीन और श्रीलंका के एशियाई देश जलवायु परिवर्तन से अत्यधिक जोखिम का सामना करने वाले 16 देशों में से माने जाते हैं। एक अध्ययन से पता चला है कि कुछ बदलाव पहले से ही हो रहे हैं। उदाहरण के लिए, अर्ध-शुष्क जलवायु वाले भारत के उष्णकटिबंधीय भागों में, 1901 और 2003 के बीच तापमान में 0.4 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई।

अर्थव्यवस्था

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सिंगापुर में दुनिया में सबसे व्यस्त बंदरगाहों की सूची में से एक है और यह दुनिया का चौथा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा व्यापार केंद्र है।

एशिया की अर्थव्यवस्था यूरोप के बाद विश्व की, क्रय शक्ति के आधार पर, दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। एशिया की अर्थव्यवस्था के अन्तर्गत लगभग 4 अरब लोग आते हैं, जो विश्व जनसंख्या का 80% है। ये 4 अरब लोग एशिया के 46 विभिन्न देशों में निवास करते है। छः अन्य देशों के कुछ भूभाग भी आंशिक रूप से एशिया में पड़ते हैं, लेकिन इन देशों का बहुत ही कम भाग एशिया में है इसलिए इन्हें गिना नहीं जाता। वर्तमान में विश्व का सबसे ते़ज़ी उन्नति करता हुआ क्षेत्र है और चीन इस समय एशिया की सबसे बड़ी और विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है जो कई पूर्वानुमानों के अनुसार अगले कुछ वर्षों में विश्व की भी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी। एशिया काफी हद तक दुनिया का सबसे बड़ा महाद्वीप है और यह पेट्रोलियम, जंगल, मछली, पानी, चावल, तांबा और चांदी जैसे प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है। एशिया में विनिर्माण परंपरागत रूप से पूर्व और दक्षिण पूर्व एशिया में सबसे मजबूत रहा है, विषेशकर चीन, ताइवान , दक्षिण कोरिया, जापान, भारत, फिलीपींस और सिंगापुर में। बहुराष्ट्रीय निगमों के क्षेत्र में जापान और दक्षिण कोरिया का दबदबा कायम है, लेकिन तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के कारण भारत में भी चीन के जैसा प्रगति हो रही हैं। सस्ते श्रम की प्रचुर आपूर्ति और अपेक्षाकृत विकसित बुनियादी ढांचे का लाभ उठाने के लिए यूरोप, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान की कई कंपनियां एशिया के विकासशील देशों में परिचालन कर रही हैं।

    एशिया की 5 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं वाले देश है
  1. चीन
  2. जापान
  3. दक्षिण कोरिया
  4. भारत और सिंगापुर
  5. इंडोनेशिया

जनसांख्यिकी

एशिया: इतिहास, भूगोल, जलवायु एवं जलवायु परिवर्तन 
जनसंख्या घनत्व के अनुसार संप्रभु देशों का मानचित्र

एशिया महाद्वीप पृथ्वी के 29.4% भूमि क्षेत्र का अनावरण करता है और इसकी आबादी लगभग 4.75 बिलियन (2022 तक) है, जो विश्व की आबादी का लगभग 60% है। 2022 तक चीन और भारत दोनों की संयुक्त जनसंख्या 2.8 बिलियन से अधिक होने का अनुमान है। 2055 तक एशिया की जनसंख्या 5.25 बिलियन तक बढ़ने का अनुमान है, या उस समय अनुमानित विश्व जनसंख्या का लगभग 54%। 2022 तक एशिया में जनसंख्या वृद्धि अत्यधिक असमान दरों के साथ 0.55% प्रति वर्ष के करीब थी। कई पश्चिमी एशियाई और दक्षिण एशियाई देशों की विकास दर विश्व औसत से ऊपर है, विशेष रूप से पाकिस्तान में 2% प्रति वर्ष, जबकि चीन में -0.06% की मामूली कमी हुई और भारत में 2022 में 0.6% की वृद्धि हुई।

संस्कृति

एशिया की संस्कृति रीति-रिवाजों और परंपराओं का एक विविध मिश्रण है जो सदियों से महाद्वीप के विभिन्न जातीय समूहों द्वारा प्रचलित है। महाद्वीप को छह भौगोलिक उप-क्षेत्रों में विभाजित किया गया है:— ██ पूर्वी एशिया ██ पश्चिमी एशिया ██ मध्य एशिया ██ दक्षिण-पूर्व एशिया ██ दक्षिण एशिया इन क्षेत्रों को उनकी सांस्कृतिक समानताओं से परिभाषित किया जाता है, जिसमें सामान्य धर्म, भाषाएं और जातीयताएं शामिल हैं। पश्चिम एशिया, जिसे दक्षिण-पश्चिम एशिया या मध्य पूर्व के रूप में भी जाना जाता है, की सांस्कृतिक जड़ें उपजाऊ क्रिसेंट और मेसोपोटामिया की प्राचीन सभ्यताओं में हैं, जिन्होंने फारसी, अरब, ओटोमन साम्राज्यों के साथ-साथ यहूदी धर्म, ईसाई धर्म और इब्राहीम धर्मों को जन्म दिया। इस्लाम। ये सभ्यताएं, जो पहाड़ी किनारों में स्थित हैं, दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से हैं, जिनमें खेती के प्रमाण लगभग 9000 ईसा पूर्व के हैं। महाद्वीप के विशाल आकार और रेगिस्तान और पर्वत शृंखलाओं जैसी प्राकृतिक बाधाओं की उपस्थिति से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद, व्यापार और वाणिज्य के क्षेत्र में एशिया की छवि सुदृढ़ बनाने में मदद की है जो पूरे क्षेत्र में साझा की जाती है।

प्रमुख एशियाई सीमाएं

एशिया महाद्वीप अन्य अन्तर्राष्ट्रीय देशों के साथ समुद्री, हवाई, और स्थलीय सीमा साझा करती है। उदाहरण स्वरुप:—

एशिया-अफ्रीका सीमा

एशिया और अफ्रीका के बीच लाल सागर, और स्वेज़ नहर है। और इसके माध्यम से सीमा साझा करती हुईमिस्र से जुड़ती है जिसके कारण मिस्र को आज के संदर्भ में एक अंतरमहाद्वीपीय देश के नाम से जाना जाता है, व्यापारिक दृष्टि से मजबूत देश एशिया में हैं और शेष देश अफ्रीका में है।

एशिया-उत्तरी अमेरिका सीमा

बेरिंग जलडमरूमध्य और बेरिंग सागर एशिया और उत्तरी अमेरिका के भू-भाग को अलग करते हैं, साथ ही रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच अंतर्राष्ट्रीय सीमा भी साझा करते हैं। यह राष्ट्रीय और महाद्वीपीय सीमा बेरिंग जलडमरूमध्य में डायोमेड द्वीप समूह को रूस में बड़ा डायोमेड और संयुक्त राज्य अमेरिका में छोटा डायोमेड से अलग करती है। अलेउतियन द्वीप एक द्वीप शृंखला है जो अलास्का प्रायद्वीप से पश्चिम की ओर रूस के कोमांडोरस्की द्वीप और कामचटका प्रायद्वीप तक फैली हुई है। उनमें से अधिकांश हमेशा उत्तरी अमेरिका से जुड़े होते हैं, पश्चिमी निकट द्वीप समूह को छोड़कर, जो उत्तरी अलेउतियन बेसिन से पुरे एशिया के महाद्वीपीय शाखाओं पर स्थिर है।

नोबेल पुरस्कार विजेता

बहुश्रुत रवीन्द्रनाथ टैगोर, एक बंगाली कवि, नाटककार साहित्यकार थे। 1913 में पहले एशियाई नोबेल पुरस्कार विजेता बने। उन्हें शांतिनिकेतन के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्होंने अंग्रेजी, फ्रेंच और यूरोप और अमेरिका के अन्य राष्ट्रीय गद्य साहित्य पर कार्य किया और उनके इसी साहित्यिक विचारों के उल्लेखनीय प्रभाव के कारण नोबेल पुरस्कार नवाजा गया। साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार जीतने वाले अन्य एशियाई लेखकों में यासुनारी कावाबाता (जापान, 1968), केन्ज़ाबुरो ओई (जापान, 1994), गाओ जिंगजियान (चीन, 2000), ओरहान पामुक (तुर्की, 2006), और मो यान (चीन, 2012) दलाई लामा इत्यादि शामिल हैं। जिनमें से एक दलाई लामा को अपने आध्यात्मिक और राजनीतिक जीवन काल में लगभग चौरासी पुरस्कार प्राप्त हुए

प्राचीन भारतीय पुस्तकों में वर्तमान एशिया के नाम

एशिया से संबंधित प्रमुख परियोजनाएं देखें

संदर्भ सूची

बाहरी कड़ियाँ

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