आर्मीनिया

आर्मीनिया (आर्मेनिया) पश्चिम एशिया और यूरोप के काकेशस क्षेत्र में स्थित एक पहाड़ी देश है जो चारों तरफ़ ज़मीन से घिरा है। १९९० के पूर्व यह सोवियत संघ का एक अंग था जो एक राज्य के रूप में था। सोवियत संघ में एक जनक्रान्ति एवं राज्यों के आजादी के संघर्ष के बाद आर्मीनिया को २३ अगस्त १९९० को स्वतंत्रता प्रदान कर दी गई, परन्तु इसके स्थापना की घोषणा २१ सितंबर, १९९१ को हुई एवं इसे अंतर्राष्ट्रीय मान्यता २५ दिसंबर को मिली। इसकी राजधानी येरेवन है।

Հայաստանի Հանրապետություն
Hayastani Hanrapetutyun

आर्मीनिया गणराज्य
आर्मीनिया आर्मीनिया
ध्वज कुल चिह्न
राष्ट्रवाक्य: आर्मीनियन: Մեկ Ազգ, Մեկ Մշակույթ
(अनुवाद) Mek Azg, Mek Mshakouyt
(अनुवाद) "एक देश, एक संस्कृति"
राष्ट्रगान: मेर हैयर्निक
("हमारा पितृदेश")
आर्मीनिया
अवस्थिति: आर्मीनिया
राजधानी
और सबसे बड़ा नगर
येरेवान
40°16′N 44°34′E / 40.267°N 44.567°E / 40.267; 44.567
राजभाषा(एँ) आर्मीनियन
सरकार राष्ट्रपति अधीन गणराज्य
 -  राष्ट्रपति आर्मेन सार्गस्यान
 -  प्रधानमंत्री निकोल फाशिन्यान
स्वतंत्रता सोवियत संघ से
 -  घोषणा २३ अगस्त १९९० 
 -  स्थापना २१ सितंबर १९९१ 
क्षेत्रफल
 -  कुल २९,८०० km2 (१३९वाँ)
 -  जल (%) ४.९१
जनसंख्या
 -  २००८ जनगणना ३,२३१,९०० (१३३वां)
 -  १९८९ जनगणना ३,२८८,०००
सकल घरेलू उत्पाद (पीपीपी) २००५ प्राक्कलन
 -  कुल $13,650,000,000 (११८वां)
 -  प्रति व्यक्ति $४,६०० (११९वां)
मानव विकास सूचकांक (२००३)०.७५९
उच्च · 83वां
मुद्रा द्राम (AMD)
समय मण्डल UTC (यू॰टी॰सी॰+४)
 -  ग्रीष्मकालीन (दि॰ब॰स॰) DST (यू॰टी॰सी॰+५)
दूरभाष कूट +३७४
इंटरनेट टीएलडी .am
नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र में शामिल नहीं।

अर्मेनियाई मूल की लिपि आरामाईक एक समय (ईसा पूर्व ३००) भारत से लेकर भूमध्य सागर के बीच प्रयुक्त होती थी। पूर्वी रोमन साम्राज्य और फ़ारस तथा अरब दोनों क्षेत्रों के बीच अवस्थित होने के कारण मध्य काल से यह विदेशी प्रभाव और युद्ध की भूमि रहा है जहाँ इस्लाम और ईसाइयत के कई आरंभिक युद्ध लड़े गए थे। आर्मेनिया प्राचीन ऐतिहासिक सांस्कृतिक धरोहर वाला देश है। आर्मेनिया के राजा ने चौथी शताब्दी में ही ईसाई धर्म ग्रहण कर लिया था। इस प्रकार आर्मेनिया राज्य ईसाई धर्म ग्रहण करने वाला प्रथम राज्य है। देश में आर्मेनियाई एपोस्टलिक चर्च सबसे बड़ा धर्म है। इसके अलावा यहाँ कैथोलिक ईसाईयों, मुसलमानों और अन्य संप्रदायों का छोटा समुदाय है।

आर्मेनिय़ा का कुल क्षेत्रफल २९,८०० कि.मी² (११,५०६ वर्ग मील) है जिसका ४.७१% जलीय क्षेत्र है। अनुमानतः (जुलाई २००८) यहाँ की जनसंख्या ३२,३१,९०० है एवं वर्ग किमी घनत्व १०१ व्यक्ति है। इसकी सीमाएँ तुर्की, जॉर्जिया, अजरबैजान और ईरान से लगी हुई हैं। आज यहाँ ९७.९ प्रतिशत से अधिक आर्मीनियाई जातीय समुदाय के अलावा १.३% यज़िदी, ०.५% रूसी और अन्य अल्पसंख्यक निवास करते हैं। यहां की जनसंख्या का १०.६% भाग अंतर्राष्ट्रीय गरीबी रेखा (अमरीकी डालर १.२५ प्रतिदिन) से नीचे निवास करता है। आर्मेनिया ४० से अधिक अंतर्राष्ट्रीय संगठनों का सदस्य है। इसमें संयुक्त राष्ट्र, यूरोप परिषद, एशियाई विकास बैंक, स्वतंत्र देशों का राष्ट्रकुल, विश्व व्यापार संगठन एवं गुट निरपेक्ष संगठन आदि प्रमुख हैं।

नाम

अर्मेनियाई मूल के लोग अपने को हयक का वंशज मानते हैं जो नूह (इस्लाम ईसाईयत और यहूदियों में पूज्य) का पर-परपोता था। कुछ ईसाईयों की मान्यता है कि नोआ (इस्लाम में नूह) और उसका परिवार यहीं आकर बस गया था। आर्मीनिया का अर्मेनियाई भाषा में नाम हयस्तान है जिसका अर्थ हायक की जमीन है। हायक नोह के पर-परपोते का नाम था।

इतिहास

इस्लाम, ईसाई और यहूदी धर्म की उभय मान्यताओं के अनुसार पौराणिक महाप्रलय की बाढ़ से बचाने वाले नोआ (अरबी में नूह, हिन्दू मत्स्यावतार से मेल खाता) का नाव यरावन की पहाड़ियों के पास आकर रुक गया था। अर्मेनियाई अपने को नोहे के परपोते के पोते हयक का वंशज मानते हैं। कांस्य युग में हिट्टी तथा मितन्नी जैसे साम्राज्यों की भूमि रहा है। लौह काल में अरामे के उरातु साम्राज्य ने सभी शक्तियों को एक किया और उसी के नाम पर इस क्षेत्र का नाम अर्मेनिया पड़ा।

इतिहास के पन्नों पर आर्मीनिया का आकार कई बार बदला है। ८० ई.पू. में आर्मेनिया राजशाही के अंतर्गत वर्तमान तुर्की का कुछ भू-भाग, सीरिया, लेबनान, ईरान, इराक, अज़रबैजान और वर्तमान आर्मीनिया के भू-भाग सम्मिलित थे। रोमन काल में अर्मेनिया फ़ारस और रोम के बीच बंटा रहा। ईसाई धर्म का प्रचार यूरोप और ख़ुद अर्मेनिया में इसी समय हुआ। सन ५९१ में बिज़ेन्टाईनों ने पारसियों को हरा दिया पर ६४५ में वे ख़ुद दक्षिण में शक्तिशाली हो रहे मुस्लिम अरबों से हार गए। इसके बाद यहाँ इस्लाम के भी प्रचार हुआ। ईरान के सफ़वी वंश के समय (१५०१-१७३०) यह चार बार इस्तांबुल के उस्मानी तुर्कों और इस्फ़हान के शिया सफ़वी शासकों के बीच हस्तांतरित होता रहा। १९२० से लेकर १९९१ तक आर्मीनिया एक साम्यवादी देश था। यह सोवियत संघ का एक सदस्य था। आज आर्मीनिया की तुर्की और अज़रबैजान से लगती सीमा संघर्ष की वजह से बंद रहती हैं। नागोर्नो-काराबाख पर आधिपत्य को लेकर १९९२ में आर्मेनिया और अज़रबैजान के बीच लड़ाई हुई थी जो १९९४ तक चली थी। आज इस जमीन पर आर्मीनिया का अधिकार है लेकिन अजरबैजान अभी भी जमीन पर अपना अधिकार बताता है।

प्रशासनिक खंड

आर्मेनिया दस प्रांतों (मर्ज़) में बंटा हुआ है। प्रत्येक प्रांत का मुख्य कार्यपालक (मार्ज़पेट) आर्मेनिया सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है। इनमें येरवान कों राजधानी शहर (कघाक़) (Երևան) होने से विशिष्ट दर्जा मिला है। येरवान का मुख्य कार्यपालक महापौर होता है, एवं राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है। हरेक प्रांत में स्व-शासित समुदाय (हमायन्क) होते हैं। वर्ष २००७ के आंकड़ों के अनुसार आर्मेनिया में ९१५ समुदाय थे, जिनमें से ४९ शहरी एवं ८६६ ग्रामीण हैं। राजधानी येरवान शहरी समुदाय है, जो १२ अर्ध-स्वायत्त जिलों में भी बंटा हुआ है।

प्रांत राजधानी क्षेत्रफल जनसंख्या
अरागत्सोत्न (Արագածոտն) अश्तारक (Աշտարակ) २,७५३ कि.मी² १२६,२७८
अरारत (Արարատ) अर्ताशत (Արտաշատ) २,०९६ कि.मी² २५२,६६५
अर्मावीर (Արմավիր) अर्मावीर (Արմավիր) १,२४२ कि.मी² २५५,८६१
गेघार्कुनिक (Գեղարքունիք) गावर (Գավառ) ५,३४८ कि.मी² २१५,३७१
कोटायक (Կոտայք) ह्राज़दान (Հրազդան) २,०८९ कि.मी² २४१,३३७
लोरी (Լոռի) वनाद्ज़ोर (Վանաձոր) ३,७८९ कि.मी² २५३,३५१
शिराक (Շիրակ) ग्युमरी (Գյումրի) २,६८१ कि.मी² २५७,२४२
स्युनिक (Սյունիք) कपान (Կապան) ४,५०६ कि.मी² १३४,०६१
तवूश (Տավուշ) इजेवान (Իջևան) २,७०४ कि.मी² १२१,९६३
वयोत्स द्ज़ोर (Վայոց Ձոր) येघेग्नाद्ज़ोर (Եղեգնաձոր) २,३०८ कि.मी² ५३,२३०
येरवान (Երևան) २२७ कि.मी² १,०९१,२३५

ये भी देखें

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ


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