आनंदऋषीजी (२७ जुलै, इ.स.
१९००">इ.स. १९००-श्रावण शुद्ध प्रतिपदा, शके १८२२: चिचोंडी, पाथर्डी तालुका, अहमदनगर जिल्हा, महाराष्ट्र - २८ मार्च, इ.स. १९९२:अहमदनगर, महाराष्ट्र) हे एक जैन संत होते. यांचे मूळ नाव नेमीचंद देवीचंदजी गुगळे होते. यांच्या आईचे नाव हुलसाबाई आणि त्यांच्या मोठ्या भावाचे नाव उत्तमचंदजी होते. आनंद ऋषीजी यांना श्वेतांबर जैन पंथाचे आचार्य या पदवीने सन्मानित करण्यात आलेले आहे. जैन धर्मीयांमध्ये त्यांचे आदराचे आणि मानाचे स्थान आहे.
आनंदऋषीजी यांनी दहा वर्षांचे असताना जैन धर्माचा अभ्यास सुरू केला आणि वयाच्या १३व्या वर्षी, ७ डिसेंबर १९१३ रोजी (मार्गशीर्ष शुक्ल नवमी) अहमदनगर जिल्हातील मिरी या गावी दीक्षा घेतली, त्यावेळी त्यांना आनंदऋषीजी महाराज हे नाव देण्यात आले.
आनंदऋषीजींनी पंडित राजधरी त्रिपाठी यांच्याकडून संस्कृत आणि प्राकृत शिकून १९२० साली अहमदनगर येथे पहिले प्रवचन दिले. संस्कृत, प्राकृत बरोबरच त्यांना मातृभाषा मराठी, इंग्लिश, उर्दू, फारसी, गुजराती, हिंदी या भाषा उत्तम येत होत्या. यांचे वक्तृत्व प्रभावी होते.
स.नं | वर्ष | ठिकान | स.नं | वर्ष | ठिकाना | |
---|---|---|---|---|---|---|
१ | १९१४ | मनमाड (महाराष्ट्र) | ४० | १९५३ | ||
२ | १९१५ | ४१ | १९५४ | |||
३ | १९१६ | ४२ | १९५५ | |||
४ | १९१७ | ४३ | १९५६ | |||
५ | १९१८ | ४४ | १९५७ | |||
६ | १९१९ | ४५ | १९५८ | |||
७ | १९२० | ४६ | १९५९ | |||
८ | १९२१ | ४७ | १९६० | |||
९ | १९२२ | ४८ | १९६१ | |||
१० | १९२३ | ४९ | १९६२ | |||
११ | १९२४ | ५० | १९६३ | |||
१२ | १९२५ | ५१ | १९६४ | |||
१३ | १९२६ | ५२ | १९६५ | |||
१४ | १९२७ | ५३ | १९६६ | |||
१५ | १९२८ | ५४ | १९६७ | |||
१६ | १९२९ | ५५ | १९६८ | |||
१७ | १९३० | ५६ | १९६९ | |||
१८ | १९३१ | ५७ | १९७० | |||
१९ | १९३२ | ५८ | १९७१ | |||
२० | १९३३ | ५९ | १९७२ | |||
२१ | १९३४ | ६० | १९७३ | |||
२२ | १९३५ | ६१ | १९७४ | |||
२३ | १९३६ | ६२ | १९७५ | |||
२४ | १९३७ | ६३ | १९७६ | |||
२५ | १९३८ | ६४ | १९७८ | |||
२६ | १९३९ | ६५ | १९७९ | |||
२७ | १९४० | ६६ | १९८० | |||
२८ | १९४१ | ६७ | १९८१ | |||
२९ | १९४२ | ६८ | १९८२ | अहमदनगर (महाराष्ट्र) | ||
३० | १९४३ | ६९ | १९८३ | अहमदनगर (महाराष्ट्र) | ||
३१ | १९४४ | ७० | १९८४ | नाशिक (महाराष्ट्र) | ||
३२ | १९४५ | ७१ | १९८५ | अहमदनगर (महाराष्ट्र) | ||
३३ | १९४६ | ७२ | १९८६ | अहमदनगर (महाराष्ट्र) | ||
३४ | १९४७ | ७३ | १९८७ | पुणे (महाराष्ट्र) | ||
३५ | १९४८ | ७४ | १९८८ | अहमदनगर (महाराष्ट्र) | ||
३६ | १९४९ | ७५ | १९८९ | अहमदनगर (महाराष्ट्र) | ||
३७ | १९५० | ७६ | १९९० | केडगाव नगर(महाराष्ट्र) | ||
३८ | १९५१ | ७७ | १९९१ | अहमदनगर (महाराष्ट्र) | ||
३९ | १९५२ | ७८ | १९९२ | अहमदनगर (महाराष्ट्र) |
आनंदऋषीजींनी पुढे रतनऋषीजींसोबत जैन धर्माच्या प्रचाराचे कार्य सुरू केले. रत्नऋषीजी महाराज यांच्या १९२७ साली अलिपूर येथील (संथारा व्रतपश्चात्) मॄत्यूनंतर आनंदऋषीजींनी त्यांच्या गुरूशिवाय हिंगणघाट येथे पहिला चातुर्मास केला.
आचार्य आनंदऋषीजींनी २५ नोव्हेबर १९३६ रोजी ’तिलोकरत्न स्थानकवासी जैन धार्मिक परीक्षा बोर्डा’ची स्थापना केली. आणि याच ठिकाणी त्यांची समाधीही आहे. या जागेला आनंद धाम असेही संबोधले जाते.
धर्म हा तोडण्यासाठी नाही, तर तो जोडण्यासाठी आहे हा मानवकल्याणाचा मूलमंत्र मानून सुमारे ७५ वर्षे देशभर भ्रमण करून हा संदेश त्यांनी दिला. भगवान महावीरांचे तत्त्वज्ञान हजारो वर्षे पोथ्यांत बंदिस्त होते, ते सर्वसामान्यांपर्यंत पोहचविण्याचे कार्य आनंदऋषीजींनी केले. जैन धर्मग्रंथ आणि अन्य धर्मांची शिकवण यांची सांगड हे त्यांच्या शिकवणुकीचे वैशिष्ट्य होते. त्यांनी अन्य धर्मांचा बारकाईने अभ्यास केला होता..त्यांच्या प्रवचनांमध्ये संत ज्ञानेश्वर, संत तुकाराम, नामदेव, एकनाथमहाराजांबरोबर गुरुनानक इतकेच नाही तर महंमद पैगंबराची वचने यांचा समावेश असे; संत कबीर, तुलसीदास, नरसी मेहता यांच्या कवनांचाही उल्लेख असे.
आपलाच धर्म श्रेष्ठ्हा हेका त्यांनी कटाक्षाने टाळला. खुद्द जैन धर्मातील सर्व पंथांनी संघटितरीत्या धर्मकार्य करावे, मात्र त्याचा केंद्रबिंदू हा देशकार्याचा, सर्वसामान्यांच्या उत्थानाचाच असावा अशी त्यांची धारणा होती.
आनंदऋषीजीचा २८ मार्च १९९२ रोजी अहमदनगर येथे मॄत्यू झाला. तेथील आनंदऋषीजी हॉस्पिट्ल हे त्यांच्या स्मरणार्थ बांधण्यात आलेले आहे. त्यांच्या स्मरणार्थ आनंद धाम (जैन धार्हेमिक परीक्षा बोर्ड) धार्मिक स्थान बनविण्यात आले आहे.
या लेखाच्या निःपक्षपाती दृष्टिकोनाबद्दल विवाद आहे. कृपया तशी परिस्थिती निर्माण होईपर्यंत, हा संदेश हटवू नका. |
This article uses material from the Wikipedia मराठी article आनंदऋषीजी, which is released under the Creative Commons Attribution-ShareAlike 3.0 license ("CC BY-SA 3.0"); additional terms may apply (view authors). इतर काही नोंद केली नसल्यास,येथील मजकूर CC BY-SA 4.0च्या अंतर्गत उपलब्ध आहे. Images, videos and audio are available under their respective licenses.
®Wikipedia is a registered trademark of the Wiki Foundation, Inc. Wiki मराठी (DUHOCTRUNGQUOC.VN) is an independent company and has no affiliation with Wiki Foundation.