रेणि

रेणि चाहे रेणी एगो फूलदार आ फलदार गाँछ होला आ एकरे फल में से निकले वाला बियवो सभ के रेणि कहल जाला। ई पुरूबी अफ्रीका आ भारत मे बेसी फरेला।

रेणि
रेणि के गाँछ पर लागल फर।

रेणि से तेल निकलेला जेकर बहुते परकार से परजोग होखेला। हेकर बिया मे 40 से 60% तेल होला जेकरा मे ट्राईग्लीसेराइड के मातरा बेसी होला। एहमे बहुत कम मातरा मे रिसिन ओ पाईल जाला, जेवन की एक परकार बिख चाहे माहुर होला।

नाँव

रेणि सबद संस्कृत के "एरंड" सबद से बनल बा। अंग्रेजी मे हेकरा कैस्टर कहल जाला आ लैटिन मे रिसिनस कहल जाला।

हेकर तेल के "क्राइस्ट के पाँजा" कहल जाला, एहसे की ई बहुते घाऊ सभ के भर देवेला।

बीबरन

रेणि के गांछन के जामे के तरीका आ हुलिया मे बहुते बिबिधता होला। ई बिबिधता अईसन किसानन के चलते बाटे जे केवनो एगो चीझु जइसे पतई चाहे बिया चाहे फ़ुल ला एकर खेती करेला। ई बड़ी हाली हाली बढ़ेला आ बारह मीटर ले लाम हो जाला।

हेकर पतई 15 से 45 सेंटीमीटर लाम होला अउर अदिमि के पाँजा लेखा होला जेहमे अंगुरी लेख पतई आगे निकलल होला। कोनो कोनो गाँछ के पतई पहिले कत्थी होला आ फेर जब गाँछ बड़ हो जाला तऽ हरिया जाला।

रेणि 
नर फूल
रेणि 
मादा फूल
रेणि 
हरियर बिया (रेणि) सूखा के तीनि फरुआ हो जाला, आ एहमे से बिया निकलेला

पतई मे पंखुड़ी ना होखे आ ई नर चाहे मादा मे से कोनो एगो होखेला आ दुनो एक्के गाँछ प फरेला। नर फूल मादा से बेसी होला आ उजर होला बाकिर मादा फूल रेणि के काँट प फरेला आ लाल होला।.

हेकर फल हरीयर आ कंटाइल होला जेकरा भीतर एगो अंडकार बिया होला, जेकरा मे बिख होखेला।

औसधी

रेणि के तेल दवाई के काज करेला।

अउर परयोग

असम के बोड़ो जनजात एकर पतई रेसम के कींट सभ के खियावे ला करेला।

रेणि के तेल गाड़ी सभ मे लुबिरिकैंट के काज करेला एकर पहिलका बिस्व जुध घड़ी हवाई जहाज के इंजनो मे परयोग भइल बा।

बिकास

रेणि 
छोट गाँछ

भले ई दक्खिन पुरुबी भूमध्यसागर के बेसिन, पूरूबी अफ्रीका आ भारत मे होखेला, बाकिर आजि इ सवसे उष्णकटिबंधीय क्षेत्रन मे व्यापक बा। उपयुक्त जलवायु अला क्षेत्रन मे, रेणि आसानी से अपना को स्थापित करेला जेने इ एगो आक्रामक गाँछ बन जाला आ अक्सरहां बंजर भूञ प भेंटाला।

इट पार्क अउर अन सार्वजनिक क्षेत्रन मे एगो सजाउटी गाँछ के रूप में बड़ पैमाना प उपजोग कइल जाला।

एलर्जीनिक सकान

ई एलर्जी मीटर प 10 मे 10 प आवेला। एकरा से अस्थमा होखे के सम्भावना बढ़ि जाला आ हेकरा से एलर्जी होखल आम बात बा।

रेणि के गाँछ बहुते हलुक पराग बनावेला, जे हावा मे उधिया के फेफड़ा मे ढ़ूक जाला, जेकरा से एलर्जी होला। हेकर रस से देह मे नोचनी हो जाला। जदि केहू के एह गाँछ से एलर्जी होला तऽ खाली हेकर पतई चाहे बिया छुवे से होकर देहि हगुवावे लागेला।

बिख

रेणि 
बिया

रेणि के काँचा बिया मे रिसीन जोन की एगो बीख बाटे। अइसे तऽ सेयान बेकत मे चार से आठ गो बिया के खोराकी घातक होला बाकिर बिख से मरे के मामला बहुते कम आइल बा। एकरा लगे सामान्य गाँछ सभ से बेसी बिख होखे ला गिनीज विश्व रेकार्ड बाटे। बेसी रिसिन देह मे गइला से ओकाई, अतिसार आ बिपि काम हो जाला। रेणि से रिसीन निकालल जा सकेला बाकिर ई ओतने कठिन होखी जेतना बदाम से साईनाइड निकालल होखेला।

रिसीन देहि मे गइला के दु तीन घंटा बादे ओकर लच्छन बुझाला, कबो कबो तऽ छत्तिस घंटा लागि जाला, जेमे मुह लहरे लागेला, पेट बथे लागेला आ पेखाना मे खून आवे लागेला। जदि इलाज ना होखे तऽ तीन से पांच दिन मे अदिमी मू जाला बाकिर ढेर अदमि बाच जाला आ पूरा स्वस्थ हो जाला।

माहुर के असर तबे होखेला जदि बिया के खात घड़ी चिबा लिहल जाए, बिना चिबवले बिया मे से माहुर ना निकले आ अईसन मे कुछु ना होला। इहे माहुर गाँछ मे किट सभ के खईला से बचावेला। एही चलते रिसिन के कीटनासक बनावे मे उपजोग होला।

हाट बजार मे बेचावे अला रेणि के तेल मे माहुर ना होखे, आ उपजोग कोनो हानि ना करे।

आधुनिक व्यावसायिक उपजोग

दुनिया भ मे हर बरिस लमसम बीस लाख टन रेणि के बिया उपजेला। एहमे भारत, चीन आ मोजाम्बिक सभ से बेसी उपलजावेलऽसन।

उपज

सभ से बेसी रेणि के बिया उपजावे अला दस गो देस – 2013
देस उपज (टन) फूटनोट
रेणि  भारत 1,744,000
रेणि  People's Republic of China 60,000 *
रेणि  Mozambique 60,000 F
रेणि  Ethiopia 13,000 *
रेणि  Thailand 12,000 *
रेणि  Brazil 11,953
रेणि  Paraguay 11,000 *
रेणि  South Africa 6,200 F
रेणि  Pakistan 6,000 *
रेणि  Vietnam 6,000 *
 World 1,854,775 A
No symbol = official figure, F = FAO estimate, * = Unofficial/Semi-official/mirror data, A = Aggregate (may include official, semi-official or estimates);

Source: Food And Agricultural Organization of United Nations: Economic And Social Department: The Statistical Division

पूरान उपजोग

रेणि के बिया मिस्र के मकबरा सभ मे मिलल बा; जोन की 4000 ईसा पूर्व के बा। लहे लहे जरे अला तेल के बाति सभ मे ऊपजोग होखत रहे। हिरोडोटस अउर बाकि यूनानी लेखक सभ रेणि के तेल के आग जरावे मे आ बार सुन्नर करे ला उपजोग के लिखले बाड़न। कहल जाला जे क्लियोपाट्रा एकरा से आपन आँखि चमकावत रही।

आयुर्वेद मे एकर अउषद्धिय गुन के बरनन बाटे। पुरान रोम ओ मे एकरा दवाई मानल जात रहे।

संदर्भ

Tags:

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