चंगेज़ ख़ान: जीवन के वृतांत

चंगेज़ ख़ान (मंगोलियाई: Чингис Хаан, चंगेज खान, सन् 1162 – 18 अगस्त, 1227) एक मंगोल ख़ान (शासक) था उसने मंगोल साम्राज्य के विस्तार में एक अहम भूमिका निभाई। वह अपनी संगठन शक्ति, बर्बरता तथा साम्राज्य विस्तार के लिए प्रसिद्ध हुआ। इससे पहले किसी भी यायावर जाति (अहीर ) यायावर का अर्थ है-एक स्थान पर टिक्कर ना रहने वाला के व्यक्ति ने इतनी विजय यात्रा नहीं की थी। वह पूर्वोत्तर एशिया के कई घुमंतू जनजातियों को एकजुट करके सत्ता में आया। साम्राज्य की स्थापना के बाद और चंगेज खान की घोषणा करने के बाद, मंगोल आक्रमणों को शुरू किया गया, जिसने अधिकांश यूरेशिया विजय प्राप्त की। अपने जीवनकाल में शुरू किए गए अभियान क़रा खितई, काकेशस और ख्वारज़्मियान, पश्चिमी ज़िया और जीन राजवंशों के खिलाफ, शामिल हैं। मंगोल साम्राज्य ने मध्य एशिया और चीन के एक महत्वपूर्ण हिस्से पर कब्जा कर लिया।

चंगेज़ ख़ान (बचपन का नाम तैमूजिन)
चंगेज़ ख़ान: प्रारंभिक जीवन, सैनिक जीवन, भारत की ओर प्रस्थान
Genghis Khan as portrayed in a 14th-century Yuan era album; now located in the National Palace Museum, Taipei, Taiwan. The original version was in black and white; drawn by a Mongol painter under the supervision of Kublai Khan and commissioned in 1278.
Great Khan of the Mongol Empire
शासनावधिSpring 1206 – August 18, 1227
राज्याभिषेकSpring 1206 in a Kurultai at the Onon River, मंगोलिया
उत्तरवर्तीÖgedei Khan
जन्मTemüjin
ल. 1155/1162
Khentii Mountains, Khamag Mongol
निधनअगस्त 18, 1227 (aged approximately 65/72)
Yinchuan, Western Xia
जीवनसंगी
  • Börte Üjin Khatun
  • Yisui
  • Juerbiesu
  • Kunju Khatun
  • Khulan Khatun
  • Yesugen Khatun
  • Yesulun Khatun
  • Ibaqa Khatun
  • Möge Khatun
  • Isukhan Khatun
  • Gunju Khatun
  • Abika Khatun
  • Gurbasu Khatun
  • Chaga Khatun

others

संतान
  • Jochi
  • Chagatai
  • Ögedei
  • Alakhai Bekhi
  • Tolui
  • others
पूरा नाम
Genghis Khan
मंगोल: Чингис хаан Chinggis Khaan
[t͡ʃʰiŋɡɪs xaːŋ]
Mongol script: ᠴᠢᠩᠭᠢᠰ ᠬᠠᠭᠠᠨ
Chinggis Qa(gh)an/ Chinggis Khagan
मृत्यूपरांत नाम
Emperor Fatian Qiyun Shengwu (法天啟運聖武皇帝)
मंदिर नाम
Taizu (太祖)
घरानाBorjigin
राजवंशGenghisid
पिताYesügei
माताHoelun
धर्मतेन्ग्री धर्म

चंगेज खान की मृत्यु से पहले, उसने ओगदेई खान को अपना उत्तराधिकारी बनाया और अपने बेटों और पोते के बीच अपने साम्राज्य को खानतों में बांट दिया। पश्चिमी जिया को हराने के बाद 1227 में उसका निधन हो गया। वह मंगोलिया में किसी न किसी कब्र में दफनाया गया था।उसके वंशजो ने आधुनिक युग में चीन, कोरिया, काकेशस, मध्य एशिया, और पूर्वी यूरोप और दक्षिण पश्चिम एशिया के महत्वपूर्ण हिस्से में विजय प्राप्त करने वाले राज्यों को जीतने या बनाने के लिए अधिकांश यूरेशिया में मंगोल साम्राज्य का विस्तार किया। इन आक्रमणों में से कई स्थानों पर स्थानीय आबादी के बड़े पैमाने पर लगातार हत्यायेँ की। नतीजतन, चंगेज खान और उसके साम्राज्य का स्थानीय इतिहास में एक भयावय प्रतिष्ठा है।

अपनी सैन्य उपलब्धियों से परे, चंगेज खान ने मंगोल साम्राज्य को अन्य तरीकों से भी उन्नत किया। उसने मंगोल साम्राज्य की लेखन प्रणाली के रूप में उईघुर लिपि को अपनाने की घोषणा की। उसने मंगोल साम्राज्य में धार्मिक सहिष्णुता को प्रोत्साहित किया, और पूर्वोत्तर एशिया की अन्य जनजातियों को एकजुट किया। वर्तमान मंगोलियाई लोग उसे मंगोलिया के 'संस्थापक पिता' के रूप में जानते हैं।

यद्यपि अपने अभियानों की क्रूरता के लिए चंगेज़ खान को जाना जाता है और कई लोगों द्वारा एक नरसंहार शासक होने के लिए माना जाता है परंतु चंगेज खान को सिल्क रोड को एक एकत्रीय राजनीतिक वातावरण के रूप में लाने का श्रेय दिया जाता रहा है। यह रेशम मार्ग पूर्वोत्तर एशिया से मुस्लिम दक्षिण पश्चिम एशिया और ईसाई यूरोप में संचार और व्यापार लायी, इस तरह सभी तीन सांस्कृतिक क्षेत्रों के क्षितिज का विस्तार हुआ।

प्रारंभिक जीवन

चंगेज़ खान का जन्म 1162 के आसपास आधुनिक मंगोलिया के उत्तरी भाग में ओनोन नदी के निकट हुआ था। चंगेज़ खान की दांयी हथेली पर पैदाइशी खूनी धब्बा था।उसके तीन सगे भाई व एक सगी कियात कबीले का मुखिया था। येसूजेई ने विरोधी कबीले की होयलन का अपहरण कर विवाह किया था।लेकिन कुछ दिनों के बाद ही येसूजेई की हत्या कर दी गई। उसके बाद तेमूचिन की माँ ने बालक तेमूजिन तथा उसके सौतले भाईयों बहनों का लालन पालन बहुत कठिनाई से किया। बारह वर्ष की आयु में तिमुजिन की शादी [फिरदोस] के साथ कर दी गयी।इसके बाद उसकी पत्नी बोरते का भी विवाह् के बाद ही अपहरण कर लिया था। अपनी पत्नी को छुडाने के लिए उसे लड़ाईया लड़नी पड़ीं थी। इन विकट परिस्थितियों में भी वो दोस्त बनाने में सक्षम रहा। नवयुवक बोघूरचू उसका प्रथम मित्र था और वो आजीवन उसका विश्वस्त मित्र बना रहा। उसका सगा भाई जमूका भी उसका एक विश्वसनीय साथी था। तेमुजिन ने अपने पिता के वृद्ध सगे भाई तुगरिल उर्फ़ ओंग खान के साथ पुराने रिश्तों की पुनर्स्थापना की।

सैनिक जीवन

जमूका हँलांकि प्रारंभ में उसका मित्र था, बाद में वो शत्रु बन गया। 1180 तथा 1190 के दशकों में वो ओंग ख़ान का मित्र रहा और उसने इस मित्रता का लाभ जमूका जैसे प्रतिद्वंदियों को हराने के लिए किया। जमूका को हराने के बाद उसमें बहुत आत्मविश्वास आ गया और वो अन्य कबीलों के खिलाफ़ युद्ध के लिए निकल पड़ा। इनमें उसके पिता के हत्यारे शक्तिशाली तातार कैराईट और खुद ओंग खान शामिल थे। ओंग ख़ान के विरूद्ध उसने 1203 में युद्ध छेड़ा। 1206 इस्वी में तेमुजिन, जमूका और नेमन लोगों को निर्णायक रूप से परास्त करने के बाद स्टेपी क्षेत्र का सबसे प्रभावशाली व्य़क्ति बन गया। उसके इस प्रभुत्व को देखते हुए मंगोल कबीलों के सरदारों की एक सभा (कुरिलताई) में मान्यता मिली और उसे चंगेज़ ख़ान (समुद्री खान) या सार्वभौम शासक की उपाधि देने के साथ महानायक घोषित किया गया।

कुरिलताई से मान्यता मिलने तक वो मंगोलों की एक सुसंगठित सेना तैयार कर चुका था। उसकी पहली इच्छा चीन पर विजय प्राप्त करने की थी। चीन उस समय तीन भागों में विभक्त था - उत्तर पश्चिमी प्रांत में तिब्बती मूल के सी-लिया लोग, जरचेन लोगों का चीन राजवंश जो उस समय आधुनिक बीजिंग के उत्तर वाले क्षेत्र में शासन कर रहे थे तथा शुंग राजवंश जिसके अंतर्गत दक्षिणी चीन आता था। 1209 में सी लिया लोग परास्त कर दिए गए। 1213 में चीन की महान दीवीर का अतिक्रमण हो गया और 1215 में पेकिंग नगर को लूट लिया गया। चिन राजवंश के खिलाफ़ 1234 तक लड़ाईयाँ चली पर अपने सैन्य अभियान की प्रगति भर को देख चंगेज़ खान अपने अनुचरों की देखरेख में युद्ध को छोड़ वापस मातृभूमि को मंगोलिया लौट गया।

सन् 1218 में करा खिता की पराजय के बाद मंगोल साम्राज्य अमू दरिया, तुरान और ख्वारज़्म राज्यों तक विस्तृत हो गया। 1219-1221 के बीच कई बड़े राज्यों - ओट्रार, बुखारा, समरकंद, बल्ख़, गुरगंज, मर्व, निशापुर और हेरात - ने मंगोल सेना के सामने समर्पण कर दिया। जिन नगरों ने प्रतिशोध किया उनका विध्वंस कर दिया गया। इस दौरान मंगोलों ने बेपनाह बर्बरता का परिचय दिया और लाखों की संख्या में लोगों का वध कर दिया।

भारत की ओर प्रस्थान

चंगेज खान ने गजनी और पेशावर पर अधिकार कर लिया तथा ख्वारिज्म वंश के शासक अलाउद्दीन मुहम्मद को कैस्पियन सागर की ओर खदेड़ दिया जहाँ 1220 में उसकी मृत्यु हो गई। उसका उत्तराधिकारी जलालुद्दीन मंगवर्नी हुआ जो मंगोलों के आक्रमण से भयभीत होकर गजनी चला गया। चंगेज़ खान ने उसका पीछा किया और सिन्धु नदी के तट पर उसको हरा दिया। जलालुद्दीन सिंधु नदी को पार कर भारत आ गया जहाँ उसने दिल्ली के सुल्तान इल्तुतमिश से सहायता की फरियाद रखी। लेकिन इल्तुतमिश ने शक्तिशाली चंगेज़ ख़ान के भय से उसको सहयता देने से इंकार कर दिया।

इस समय चेगेज खान ने सिंधु नदी को पार कर उत्तरी भारत और असम के रास्ते मंगोलिया वापस लौटने की सोची। पर असह्य गर्मी, प्राकृतिक आवास की कठिनाईयों तथा उसके शमन निमितज्ञों द्वारा मिले अशुभ संकेतों के कारण वो जलालुद्दीन मंगवर्नी के विरुद्ध एक सैनिक टुकड़ी छोड़ कर वापस आ गया। इस तरह भारत में उसके न आने से तत्काल भारत एक संभावित लूटपाट और वीभत्स उत्पात से बच गया।

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ


Tags:

चंगेज़ ख़ान प्रारंभिक जीवनचंगेज़ ख़ान सैनिक जीवनचंगेज़ ख़ान भारत की ओर प्रस्थानचंगेज़ ख़ान सन्दर्भचंगेज़ ख़ान बाहरी कड़ियाँचंगेज़ ख़ानख़ान (उपाधि)मंगोल भाषामंगोल साम्राज्य११६२१२२७१८ अगस्त

🔥 Trending searches on Wiki हिन्दी:

अमर सिंह चमकीलाभारतीय दण्ड संहिताजसोदाबेन मोदीभारत का योजना आयोगहिन्दी साहित्य का इतिहाससाइमन कमीशनआदिकालबर्बरीकगलसुआप्रबन्धनमायावतीमुख्य चुनाव आयुक्त (भारत)महिला सशक्तीकरणराष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सदस्यों की सूचीकंप्यूटरपृथ्वीराज चौहानरामधारी सिंह 'दिनकर'राष्ट्रीय जनता दलगुजरातअफ़ीमनिकाह हलालाकामाख्या मन्दिरभारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठनअमिताभ बच्चनऔरंगज़ेबहिंदी साहित्य का इतिहास (पुस्तक)तुलनात्मक राजनीतिबीएसई सेंसेक्सस्वर वर्णधातु (संस्कृत के क्रिया शब्द)दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठनफूलन देवीयूरोपीय संघजनसंचारविश्व के सभी देशसच्चर कमिटीजयंतीव्यवहारवाददुबईसूचना प्रौद्योगिकीईस्ट इण्डिया कम्पनीजीमेलराममनोहर लोहियाअसहयोग आन्दोलननॉटी अमेरिकाराजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियमक्षत्रियअक्षय तृतीयातारक मेहता का उल्टा चश्माकाभारतीय स्थापत्यकलापर्यायवाचीउधम सिंहचुप चुप केजन गण मनप्राचीन भारतीय शिक्षाइंडियन प्रीमियर लीगनई दिल्लीऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीनतुलसीदासप्रकाश-संश्लेषणभारत की संस्कृतिभारतीय संविधान का इतिहासफ़तेहपुर सीकरीलाल क़िलाफलों की सूचीआत्महत्याचमाररामेश्वरम तीर्थबिहारभारतीय आम चुनाव, 2014कश्मीरा शाहसमाजशास्त्रभारतीय राजनीतिक दर्शनप्रत्ययये रिश्ता क्या कहलाता हैवाल्मीकिपश्चिम बंगाल🡆 More