मेवा

मेवा या ख़ुश्क मेवा एक खाद्य श्रेणी है जिसमे सूखे हुए फल और फलों की गिरियां आती हैं। जहां सूखे हुए फलों, जैसे कि किशमिश, खजूर आदि को प्राकृतिक रूप से या मशीनों जैसे कि खाद्य निर्जलीकारक द्वारा सुखाकर तैयार किया जाता है, वहीं गिरियां फलों का तैलीय बीज होती है। मेवाओं को सदा से सेहत के लिए लाभदायक माना गया है। अधिकांशतः लोगों की धारणा होती है कि मेवों में वसा की मात्रा अधिक होती है अतः इनका सेवन हानिकारक होता है। किन्तु इनमें वसा अधिक होने पर भी ये हानिकारक कतई नहीं होते हैं। वास्तव में मेवों में पॉली असंतृप्त वसा होती है जो बुरे कोलेस्ट्रॉल को कम करती है। हाल में हुए वैज्ञानिक शोधों से पता चला है कि मेवों में हृदय तथा अन्य असाध्य रोगों से सुरक्षा प्रदान करने की शक्ति होती है। मेवों को तलने या भूनने से उनके गुण नष्ट हो जाते हैं अतएव इनका प्रयोग बिना तले करना चाहिये। इसके अलावा इनमें नमक मिलाकर प्रयोग करने से इनकी कैलोरी की मात्रा बढ़ती है। यदि एक बार आप मेवों का प्रयोग कर लें तो फिर पूरे दिन अतिरिक्त कैलोरी लेने की जरूरत नहीं पड़ती। मेवों को मूड बनाने वाले खाद्य भी कहा जाता है अतः जब भी अवसाद से घिरा महसूस करें मेवों का प्रयोग कर तरोताजा हो सकते हैं।

मेवा
दुकान पर प्रदर्शित मेवाएं
मेवा
आर्मेनिया में एक ड्राई फ्रूट विक्रेता

कंपोज़ीशन

मेवों में संतृप्त वसा कम होती है तथा असंतृप्त वसा अधिक होती है। कोलेस्ट्रॉल की मात्रा नगण्य रहती है किन्तु फाइबर होते हैं। प्रोटीन समृद्ध होने के कारण ये माँसाहारी भोजन का अच्छा विकल्प हैं क्योंकि मेवों में मेवों में अमीनो अम्ल, जैसे आर्जीनिन पाए जाते हैं। ताजे फलों की ही भांति, सूखे मेवा भी विटामिन (विटामिन ए, विटामिन बी१, विटामिन बी२, विटामिन बी३, विटामिन बी६ तथा फॉलिक एसिड), पैंटोथेनिक अम्ल और खाद्य खनिज (कैल्शियम, लौह, मैग्नेशियम, फास्फोरस, पोटैशियम, सोडियम, ताम्र, मैंगनीज़, सेलेनियम) आदि से परिपूर्ण हो सकते हैं। निर्जलीकरण के कारण इनमें से ७/८ भाग जल-अभाव हो सकता है। इस कारण इनके ताजे फलों के मुकाबले इनका तेज स्वाद भी हो सकता है। निर्जलीकरण के कारण इनका अधिकांश विटामिन सी नष्ट हो चुका होता है। बादाम, अखरोट, काजू, पिस्ता में असंतृप्त वसा पाई जाती है जबकि नारियल तथा खजूर में संतृप्त वसा पाई जाती है। लेकिन नारियल या खजूर को जब कुछ पारंपरिक व्यंजनों में मिलाकर बनाया जाता है तो ये उतने नुकसानदेह नहीं होते।

स्वास्थ्य

शारीरिक श्रम न करने वाले आराम पसंद लोगों द्वारा मेवे का अधिक मात्रा में सेवन मोटापा बढ़ाता है और अतिरिक्त चर्बी चढ़ने से उन्हें कई प्रकार के रोग लग जाते हैं। अधिकतर मेवे की प्रकृति गरम होती है और ठंडे मौसम में इनका सेवन लाभप्रद होता है। इसके अलावा ज्यादा मेवा खाने से पाचन क्रिया भी बिगड़ सकती है।

विभिन्न मेवाएं

    काजू
मेवा 
मेवा भरी थाली

काजू प्रोटीन, खनिज लवण, लौह, फाइबर, फोलेट, मेग्नीशियम, फॉस्फोरस, सेलेनियम और तांबा का अच्छा स्रोत है। काजू का तेल, स्कर्वी, मस्सा और रिंगवर्म के उपचार के लिए इस्तेमाल किया जाता है। प्रतिदिन ७ से १० काजू का सेवन कर सकते हैं।

    पिस्ता

बिना नमक के मुट्ठीभर पिस्ते खाना सेहत के लिए लाभदायक होता है। नियमित रूप से इनका सेवन कर सकते हैं। पिस्ता कैलोरी-मुक्त होता है और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में भी सहायक होते हैं। इसे हृदय रोगों की आशंका भी कम होती है।

    अखरोट

सर्दी में अखरोट का सेवन करना बेहद फायदेमंद है। प्रतिदिन आहार में पांच अखरोट शामिल कर सकते हैं। अखरोट में उपस्थित वसा और पोषक तत्व ग्लूकोज और डायबिटीज टाइप-२ से पीड़ित लोगों में इंसुलिन स्थिरता को बनाए रखने में उपयोगी होते हैं। गर्मियों में पानी में भिगोकर इनकी गिरियों का सेवन पेट के लिए भी फायदेमंद होता है। अखरोट की गिरियां बुरे कोलेस्ट्रॉल स्तर को कम करके हृदय रोगों की संभावना को कम करता है। अखरोट में उपस्थित ओमैगा-3 फैटी एसिड रियूमेटॉयड आर्थराइटिस और अवसाद को कम करने में उपयोगी है।

    बादाम

प्रतिदिन इसकी दस गिरि बादाम का सेवन कर सकते हैं। अन्य मेवों की तरह बादाम में भी वसा का उच्च स्तर होता है जिसमें ६५ प्रतिशत वसा मोनोअनसेचुरेटेड होते हैं जो कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में उपयोगी हैं।

    खुबानी
मेवा 
सूखी खुबानी

सूखी खुबानी का सेवन प्यास और कफ में फायदेमंद है। इसमें विटामिन ए, बी कॉम्लेक्स और सी की प्रचुरता होती है, जो आंखों और प्रजनन क्षमता के लिए फायदेमंद होता है।

    अंजीर

सूखे अंजीर मोटे लोगों के लिए अच्छा अल्पाहार होता है। इनमें फाइबर और पोटेशियम प्रचुर मात्र में होता है, जो भूख नियंत्रित करता है।

    किशमिश

किशमिश में एंथोयायनिन होता है, जो गैस संबंधित रोगों में फायदेमंद है। इसमें उपस्थित एंटीऑक्सीडेंट अल्जाइमर में भी लाभदायक है। साथ ही कब्ज आदि में भी इससे लाभ मिलता है।

खजूर

फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट के अलावा खजूर में कई विटामिन और खनिज होते हैं। हालांकि, वे कैलोरी में उच्च हैं। खजूर में फाइबर अधिक होता है, जो कब्ज को रोकने और ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए फायदेमंद हो सकता है।

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ

विकिमीडिया कॉमन्स पर सुखे मेवा से सम्बन्धित मीडिया है।

Tags:

मेवा कंपोज़ीशनमेवा स्वास्थ्यमेवा विभिन्न एंमेवा सन्दर्भमेवा बाहरी कड़ियाँमेवाअवसादकिशमिशकैलोरीखजूरगिरी (फल)तेलनिर्जलीकरणपॉली असंतृप्त वसाबीजसाधारण नमकहृदय

🔥 Trending searches on Wiki हिन्दी:

विनायक दामोदर सावरकरआयुष्मान भारत योजनाभारत का संविधानहरभजन सिंहहरियाणापर्यायवाचीभारत की राजनीतिगंधमादन पर्वतबद्रीनाथ मन्दिरमनुस्मृतिझारखण्डमानव का विकासरीमा लागूप्रबन्धनपानीपत का प्रथम युद्धहिन्दी की गिनतीभारत की जनगणनाकालभैरवाष्टकदशरथज्योतिराव गोविंदराव फुलेभारत का उच्चतम न्यायालयखजुराहोहिन्दी साहित्य का इतिहासभारतीय शिक्षा का इतिहासचंद्रशेखर आज़ाद रावणभारतीय संविधान के संशोधनों की सूचीशिवराज सिंह चौहानआंत्र ज्वरमैहरनीति आयोगमस्तिष्करंग दे बसंतीहर हर महादेव (2022 फिल्म)मुलायम सिंह यादवइतिहासचम्पारण सत्याग्रहप्रकाश राजजलओशोसंगठनआल्हागणतन्त्र दिवस (भारत)पानीपत के युद्धबाल गंगाधर तिलकभारत के राष्ट्रपतियों की सूचीव्यक्तित्व विकासभारत में धर्मराधा कृष्णप्रकाश-संश्लेषणबीमाकेरलओम शांति ओममानव दाँतभारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठनगायत्री मन्त्रसनातन धर्मआयुर्वेदमहामृत्युञ्जय मन्त्रभारतीय थलसेनासिंधु घाटी सभ्यताऔरंगज़ेबभीमराव आम्बेडकरपंचायतअशोक के अभिलेखकृषिसाई पल्लवीसांख्यिकीमोहिनी एकादशीश्वसन तंत्रइन्दिरा गांधीअखण्ड भारतभारत की पंचवर्षीय योजनाएँप्रेम मन्दिरराजस्थान के मुख्यमंत्रियों की सूचीसंबित पात्रामुनमुन सेनजय श्री कृष्णा🡆 More