चंदन तिवारी बिहार की मशहूर लोकगायिका हैं.
बिहार लोकसंगीत गायन के लिए इन्हें भारत सरकार के संगीत नाटक अकादमी ने बिस्मिल्ला खान युवा पुरस्कार और बिहार सरकार ने बिहार कला सम्मान से सम्मानित किया है. अपनी गायकी और बिहारी लोकगीतों की दुनिया को अपार विस्तार देने की वजह से पूरे देश में इनकी अलग पहचान बनी है. चंदन तिवारी भोजपुरी,मैथिली,मगही,अवधी,नागपुरी और हिंदी में गाती हैं. इनकी पहचान भोजपुरी गायकी में है. इन्हें भोजपुरी कोकिला के नाम से संबोधित किया जाता है.
चंदन तिवारी का जन्म बक्का गाँव, भोजपुर जिला, बिहार, भारत में हुआ था। उनके पिता हिंदुस्तान स्टील लिमिटेड बोकारो में नौकरी करते थे, इसी कारण उनकी शिक्षा झारखण्ड के बोकारो स्टील सिटी में ही सपन्न हुई। उन्होंने विनोबा भावे विश्वविद्यालय, हजारीबाग से एंथ्रोपोलॉजी में बीए ऑनर्स पूरा किया है। प्रयाग संगीत समिति, इलाहाबाद से उनका छह साल का प्रभाकर भी है। चन्दन की पहली गुरु उनकी माता रेखा तिवारी थीं जो उन्हें स्कूल के दिनों में राष्ट्रीय गीतों का अभ्यास कराया करती थीं। वह अपनी माँ के साथ मंदिरो में भजन गाया करती थीं। वे लोक गायिका के नाम से भी जानी जाती हैं और भोजपुरी, मगही, मैथिली, नागपुरी भाषा नागपुरी अवधी और हिंदी में गाती हैं। उन्हें बिस्मिल्लाह खान सम्मान से सम्मानित किया गया था। वे विभिन्न तरह के गीत गाती थी जैसे पूरबी सोहर, पचरा गांधी गीत, रिवर सॉन्ग, छठ गीत कजरी और ठुमरी।  वे मैथिली और भोजपुरी अकादमी, दिल्ली सरकार के लिए दुर्लभ और ग्रामीण भोजपुरी गीत पर अनुसंधान कर रही हैं।
उसने दूरदर्शन पर कई विशेष संगीत कार्यक्रम किए हैं, जिनमें माय म्यूजिकल एफर्ट पर विशेष शो शामिल हैं । उन्होंने महुआ टी.वी. पर जिला टॉप और सुर संग्राम में भाग लिया था। उन्होंने ईटीवी में भाग लिया और साथ ही लोक जलवा शो भी किया। बिग मैजिक गंगा टीवी के साथ उन्होंने भक्ति सागर के कई विशेष शो किए हैं। ऑल इंडिया रेडियो पटना के साथ उन्होंने विशेष लोक और ग़ज़ल रिकॉर्डिंग शो किया है। वह हमेशा लोकगीतों में महिलाओं की भागीदारी और महिला सशक्तीकरण के पक्ष में खड़ी रही हैं। उन्होंने कई विशेष संगीत श्रृंखलाएं भी की हैं और साक्षात्कार कई प्रतिष्ठित निजी F.M.radio चैनलों के साथ किया है। जैसे रेडियो मिर्ची, रेडियो धूम, रेडियो सनेही और मोबाइल रेडियो-ग्रामवाणी। चंदन तिवारी को बिग मैजिक गंगा टीवी शो tvshows / details / sa-re-ga-ma-pa-rang-purvaiya / 0-6-646 रंग पुरवैया टीम का सदस्य चुना गया था। चंदन तिवारी गायन, त्योहारों और कई तरह के मुद्दों पर विभिन्न रूपों में काम करते रहे हैं। वह हमेशा संगीत उद्योग में अश्लीलता के खिलाफ रही हैं।
भोजपुरी के संस्कार और संस्कृति को बचाए रखने के लिए चन्दन तिवारी को अनेकों राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार और सम्मानों से सम्मानित किया जा चुका है।
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