गरम मसाला 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसको सी.
मोहन द्वारा निर्मित और अस्पी ईरानी द्वारा निर्देशित किया गया है। इसमें अरुणा ईरानी और महमूद मुख्य भूमिकाओं में हैं। जबकि अशोक कुमार, अमिताभ बच्चन, जितेन्द्र और हेमामालिनी ने विशेष भूमिकाएँ निभाई हैं। फिल्म का संगीत आर॰ डी॰ बर्मन ने तैयार किया था।
गरम मसाला | |
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गरम मसाला का पोस्टर | |
निर्देशक | असपि ईरानी |
लेखक | असपि ईरानी |
पटकथा | हकीम रियाज़ लट्टा |
निर्माता | सी॰ मोहन |
अभिनेता | अरुणा ईरानी, महमूद |
संगीतकार | आर॰ डी॰ बर्मन |
प्रदर्शन तिथियाँ | 5 मई, 1972 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
सब्ज़बाग राज्य में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। राजा कई वर्षों से लापता है और राजकुमार हरक्यूलिस के प्रशिक्षण केंद्र में है। लेकिन कप्तान किशोर ने हरक्यूलिस को निर्देश दे रखा है कि वह युवा राजा को सच्चे राजत्व के बारे में कुछ ना सिखाये। जब कप्तान इस बात से संतुष्ट हो गया कि युवा राजकुमार (महमूद) कायर और मनोरंजन प्रेमी के रूप में विकसित हो रहा है। तो उसने उसे ताज पहनाने के लिए हरक्यूलिस के प्रशिक्षण केंद्र से लाने के लिए एक शाही दस्ता भेजा। रास्ते में एक चाल से जुगनू (अरुणा ईरानी) युवा राजकुमार को उसके साथियों से अलग कर देती है और उसके राजा बनने पर न्याय की मांग करती है। लेकिन उसे पता चलता है कि युवा राजकुमार को यहाँ तक कि यह भी नहीं पता कि उसके अपने पिता के साथ क्या हुआ था। जुगनू उसे जाने देती है। राज्य में राजकुमार का स्वागत कप्तान और उसकी प्रेमिका नीलिमा (बिन्दू) करती है।
राजकुमार की हरकतों को देखकर, उन दोनों को यकीन हो जाता है कि वह केवल नाम के लिए राजा होगा और वे स्वयं सिंहासन के पीछे की असली शक्ति होंगे। फिर राजकुमार का जन्मदिन मनाने के बहाने वे पहले से ही पीड़ित लोगों से और अधिक धन इकट्ठा करने की कोशिश करते हैं। जब कप्तान के सिपाही गरीब लोगों को लूट रहे होते हैं तो एक नकाबपोश व्यक्ति उन्हें बचाने के लिए आता है। वह सिपाहियों को भगा देता है और गरीबों से जो छीन लिया गया था उसे वापस कर देता है। कप्तान गुस्से में होता है और उस नकाबपोश आदमी को पकड़ने की साजिश रचता है जो उसके लिए कांटा बन गया है। तदनुसार जब नकाबपोश आदमी 'गरम मसाला' गरीब लोगों से लिए गए सारे पैसे लेने के लिए महल में आता है, तो उसे पकड़ लिया जाता है। वह बेनकाब होने ही वाला होता है कि एक दूसरा नकाबपोश आदमी आता है और गरम मसाला को बचाता है। कप्तान खुद को इन दो रहस्यमय नकाबपोशों के आमने-सामने पाता है।
सभी गीत मजरुह सुल्तानपुरी द्वारा लिखित; सारा संगीत आर॰ डी॰ बर्मन द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "गरम मसाला" | आर॰ डी॰ बर्मन | 3:14 |
2. | "तुम जैसों को पायल में बांध" | आशा भोंसले | 7:04 |
3. | "हाय रे ना मारो" | आशा भोंसले | 7:02 |
4. | "चुनरी धर के किनारे गोरी" | आशा भोंसले, मोहम्मद रफ़ी | 5:13 |
5. | "मुझको बचा लो मेरी माँ" | आशा भोंसले, मोहम्मद रफ़ी | 5:58 |
6. | "राजा बना मेरा छैला कैसा" | आशा भोंसले | 5:56 |
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