क्रिस्टोफ़र हिचन्स

क्रिस्टोफ़र हिचन्स (Christopher Hitchens), एक ब्रिटेन में जन्मे, अमेरिकी लेखक, पत्रकार और साहित्यिक आलोचक थे। उन्हें धर्म की आलोचना के लिए विशेष रूप से जाना जाता है। उन्हें न्यू लिबरेशन मूवमेंट के चार घुड़सवारों में से एक माना जाता है। (बाक़ी तीन: सैम हैरिस, रिचर्ड डॉकिंस, डैनियल डेनेट )।

क्रिस्टोफ़र हिचन्स
व्यक्तिगत जानकारी
जन्मक्रिस्टोफ़र एरिक हिचन्स
13 अप्रैल 1949
पॉर्ट्स्मथ, हैम्पशायर, इंग्लैंड
मृत्यु15 दिसम्बर 2011(2011-12-15) (उम्र 62)
ह्यूस्टन, अमेरिका
जीवनसाथी(याँ)
वृत्तिक जानकारी
युगContemporary philosophy
क्षेत्रपाश्चात्य दर्शन
विचार सम्प्रदाय (स्कूल)New Atheism
राष्ट्रीयता
  • UK (1949–2011)
  • US (2007–2011)
मुख्य विचारPolitics, philosophy of religion, history, literary criticism
प्रमुख विचारहिचन्स का रेज़र
शिक्षाThe Leys School, Cambridge
हस्ताक्षरक्रिस्टोफ़र हिचन्स
क्रिस्टोफ़र हिचन्स

पहले उन्हें पश्चिमी देशों के वामपंथी राजनीतिक विचारकों का समर्थन प्राप्त था। लेकिन सलमान रुश्दी के खिलाफ ईरान के इस्लामी मुल्लाओं के फतवा जारी करने का विरोध करने पर वामपंथियों ने अपना समर्थन वापस ले लिया। उन्होंने 18 से अधिक पुस्तकें लिखी हैं। इनमें से उनकी दो सबसे विवादास्पद पुस्तकें मदर टेरेसा पर उनकी पुस्तक "द मिशनरी पोज़ीशन" (The Missionary Position) और उनकी पुस्तक "गॉड इज़ नॉट ग्रेट" (God Is Not Great) शामिल हैं, जो धार्मिक विश्वास की आलोचना करती हैं।

वे ईश्वरवाद-विरोधी थे, और सभी धर्मों को गलत, हानिकारक और सत्तावादी मानते थे। उन्होंने स्वतंत्र अभिव्यक्ति और वैज्ञानिक खोज के पक्ष में तर्क दिया, और कहा कि वे मानव सभ्यता के लिए नैतिक आचार संहिता के रूप में धर्म से श्रेष्ठ हैं। उन्होंने धर्म और राजनीति को एक-दूसरे से अलग रखने की भी वकालत की। "जो दावा बिना सबूत के किया जा सकता है, वह बिना सबूत के खारिज किया जा सकता है" को हिचेन्स के रेजर के रूप में जाना जाता है।


प्रभाव

हिचंस पर जॉर्ज ऑरवेल, थॉमस पायने, थॉमस जेफरसन, कार्ल मार्क्स, रिचर्ड डॉकिंस, लियोन ट्रॉट्स्की इत्यादि का प्रभाव रहा है।

धर्म की आलोचना

हिचन्स एक ईश्वरवाद-विरोधी (anti-theist) थे। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति "नास्तिक हो सकता है और चाहता है कि ईश्वर में विश्वास सही हो", लेकिन "एक ईश्वरवाद-विरोधी, एक शब्द जिसे मैं संचलन में लाने की कोशिश कर रहा हूं, ऐसा व्यक्ति है, जिसे इस बात से राहत मिलती है कि ईश्वर के होने का कोई सबूत नहीं है।" वह अक्सर इब्राहीमी धर्मों के खिलाफ बोलते थे। न्यूयॉर्क पब्लिक लाइब्रेरी में 2010 के एक साक्षात्कार में, हिचन्स ने कहा कि वह शिशु खतना के खिलाफ थे।द इंडिपेंडेंट (लंदन) के पाठकों द्वारा यह पूछे जाने पर कि वे "बुराई की धुरी" किसे मानते हैं, हिचन्स ने उत्तर दिया "ईसाई धर्म, यहूदी धर्म, इस्लाम - तीन प्रमुख एकेश्वरवाद।"


संदर्भ

Tags:

अमेरिका (बहुविकल्पी)यूनाइटेड किंगडमरिचर्ड डॉकिन्ससैम हैरिस

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