नमाज: इस्लाम में रोज जरूर कइल जाये वाली आराधना

नमाज मुसलमान लोगन के एक किसिम के पूजन-आराधन क तरीका हवे। इस्लाम में इबादः (पूजन-आराधन भा अल्लाह/ईश्वर के ओर भक्ति-भाव आ सेवा-भाव जाहिर कइल) के तरीका सब में से नमाजो एगो तरीका ह। ई प्रार्थना करे के दिसा में मुँह क के खड़ा हो के, उझुक के, आ बइठ के कई चरण में पूरा होखे वाला कर्मकांड ह जेकरा दौरान कुरआन के आ सुन्नाह के वाक्य सभ पढ़ल जालें।

नमाज़
नमाज: इस्लाम में रोज जरूर कइल जाये वाली आराधना
नमाज के दौरान उझुक के रुकू करत मुसलमान लोग
ऑफिशियल नाँवصَلَاة
अन्य नाँव"सलाह"
मनावे वालामुसलमान
प्रकारइस्लामी
महत्त्वइस्लामी धर्मादेश द्वारा जरूरी बतावल प्रार्थना
Observances
  • सलात
  • जुमा क नमाज
  • दुहा
  • ईद क नमाज
  • तरावीह
  • Rain prayer
  • कुसुफ़ आ खुसुफ़
संबंधित बातिलावत, रकात, सजदा

खड़ा होखे, उझुके आ बइठे के कई चरण के मिला के नमाज पूरा होला, जेह चरण सभ के रकात कहल जाला। नमाज से पहिले स्वच्छता के काम वुजू कइल जाला। नमाज के अकेल्ले एकांत में चाहे कई जन के साथे मिल के कइल जा सके ला, दुसरका के जमात कहल जाला आ जमात में नमाज पढ़े पर नमाज पढ़वावे वाला बेकती इमाम होलें। बिसेस नमाज सभ जमात में होखे लीं जइसे कि जुमा (शुक) के नमाज चाहे ईद के नमाज आ इनहन के साथे इमाम लोगन द्वारा उपदेश शामिल होखे ला।

रोज रोज के जरूरी नमाज सभ के इस्लाम के पाँच गो आधारभूत पंचशील (फाइव पिलर्स ऑफ़ इस्लाम) के नाँव से जानल जाला; इनहन के तीन, चाहे (बहुधा) पाँच बेर पढ़ल जाला। भोर में फज्र, दुपहर में जुह्र, तिजहरिया खा अस्र, साँझ बेर मगरिब आ रात होखे पर ईशा के नमाज अदा कइल जालीँ।

शब्दउत्पत्ती

नमाज भा नमाज़ फ़ारसी मूल क शब्द हवे। नमाज (फारसी: نماز) उत्पत्ती प्राचीन मध्य फारसी भाषा से भइल जेकर मतलब होला "श्रद्धा"। ई वर्तमान में तुर्की आ अउरी तुर्की भाषा के देस सभ में जइसे कि कजाकिस्तान (कजाख: Намаз), बोस्निया में, ईरान, अफगानिस्तान, ताजिकिस्तान आ भारतीय उपमहादीप के अउरी फारसी भाषा सभ में जइसे कि उर्दू (हिंदी: नमाज़) आ बंगाली में इस्तेमाल होखे वाला शब्द हवे (बंगाली: নামাজ) के नाम से जानल जाला।

    सलाह

नमाज के मूल अरबी भाषा में, जेह में कुरआन लिखल गइल ह, आ इस्लामी चीजन के मूल भाषा मानल जाला, में सलाह कहाला। एह अरबी शब्द क मतलब होला प्रार्थना कइल। एह शब्द के इस्तेमाल मुख्य रूप से अंगरेजी भाषी लोग खाली इस्लाम के पाँच गो फर्ज में से एक नमाज सभ के संदर्भ देवे खातिर करे ला। हालाँकि, ई इस्लाम में डेली के पूजन-आराधन खातिर इस्तेमाल होखे वाला शब्द हवे आ एकर ब्यापक अरथ होला।

एह शब्द के हिज्जे मलेशिया, ब्रुनेई आ इंडोनेशिया में सोलाट, सोमालिया में सलाद, आ तंजानिया में स्वाहिली भाषी लोग द्वारा स्वालाह के रूप में कइल जाला।

संदर्भ

Tags:

इस्लामकुरआन

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