यतो धर्म ततो जय

यतो धर्मः ततो जयः (या, यतो धर्मस्ततो जयः) एक संस्कृत श्लोक है। यह भारत के सर्वोच्च न्यायालय का ध्येय वाक्य है। यह महाभारत में कुल तेरह बार आता है और इसका मतलब है जहाँ धर्म है वहाँ जय (जीत) है।

अर्थ

इस ध्येयवाक्य का अर्थ महाभारत के उस श्लोक (संस्कृत: यतः कृष्णस्ततो धर्मो यतो धर्मस्ततो जयः) से आता है जब कुरुक्षेत्र के युद्ध में अर्जुन युधिष्ठिर के अकर्मण्यता को दूर कर रहें थे। वे उस समय कहते हैं, "विजय सदा धर्म के पक्ष में रहती है, एवं जहाँ श्रीकृष्ण हैं वहाँ विजय है". गांधारी भी अपने पुत्रों के मृत्यु के बाद समान उद्गार कहती है।

यह भी देखें

संदर्भ

Tags:

भारत का उच्चतम न्यायालयमहाभारतश्लोकसंस्कृत भाषा

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