सन १९५६ में पहले इज़राइल तथा बाद में ब्रिटेन और फ्रांस द्वारा मिस्र पर किया गया आक्रमण स्वेज संकट (Suez Crisis) कहलाता है। यह आक्रमण स्वेज नहर पर पश्चिमी देशों का नियंत्रण पुनः स्थापित करने तथा मिस्र के राष्ट्रपति नासिर को सत्ता से हटाने के उद्देश्य से किया गया था। युद्ध शुरू होने के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका, सोवियत संघ और राष्ट्र संघ ने राजनैतिक हस्तक्षेप किया और आक्रमणकारी देश पीछे हटने को बाध्य हुए।
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सन् 1956 में मिस्त्र के राष्ट्रपति कर्नल नासिर ने 26 जुलाई 1956 इस्वी में स्वेज नहर का राष्ट्रीयकरण कर दिया तथा ब्रिटेन व फ्रांस की सेनाओं से मिस्र खाली करने का आदेश दिया। इस पर ब्रिटेन व फ्रांस की सेनाओं ने मिस्र पर आक्रमण कर दिया। सुरक्षा परिषद् में रुस ने आक्रमण न रोकने की स्थिति में युद्ध में कूद पड़ने की धमकी दी इस पर ब्रिटेन तथा फ्रांस ने युद्ध बन्द कर दिया। संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव हैमर शोल्ड ने एक संयुक्त राष्ट्रीय सेना को मिस्र भेजकर वहाँ शान्ति स्थापित करवायी। तथा 1957 में स्वेज नहर को सभी देशों के जहाजों के आवागमन के लिए खोल दिया गया।
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