सून त्ज़ू यानि आचार्य सून (Sun Tzu ; 544-496 BC) जिनका जन्म नाम सून वू था, प्राचीन चीन के सेनानायक, रणनीतिकार तथा दार्शनिक थे। माना जाता है कि सून त्ज़ू बींग्फ़ा ( आचार्य सून की युद्ध नीति) नामक ग्रन्थ की रचना उन्होने ही की थी। यह ग्रन्थ सैन्यनीति का बहुत प्रभावशाली प्राचीन ग्रंथ है।
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सून त्ज़ू का जन्म ईसापूर्व 544 में हुआ था। उस समय चीन अपने इतिहास के वसंत व शरत काल में से गुजर रहा था। वे छी राज्य के निवासी थे। जब वे 19 वर्ष की उम्र के हुए, तो वे पूर्वी चीन के वू राज्य में गये और वू राज्य (आज के सू च्यो शहर) के उपनगर में सैन्य विद्या ग्रहण करने लगे। वू राज्य के अधिकारी वू ज़ी श्येन ने वू के राजा से सून त्ज़ू का परिचय करवाया। स्वन ज़ी ने अपने 13 लेख वू के राजा को दिये। वू के राजा ने ये लेख पढ़े और पढ़ने के बाद सून त्ज़ू की बड़ी प्रशंसा की। लेकिन, वू के राजा को यह पता नहीं चल पाया था कि सून त्ज़ू इन विचारों को यथार्थ लड़ाई में प्रयोग कर सकेंगे या नहीं। इसलिए, उन्होंने सून त्ज़ू को राजमहल की उच्च दासियों से अभ्यास करने का आदेश दिया।
सून त्ज़ू ने 180 दासियों को दो दलों में विभाजित किया और वू के राजा की पसंदीदा दो सुन्दरियों को दोनों दलों का प्रधान नियुक्त किया।
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