रानीखेत

रानीखेत (Ranikhet) भारत के उत्तराखण्ड राज्य के अल्मोड़ा ज़िले में स्थित एक छावनी नगर और प्रमुख पर्वतीय पर्यटन स्थल है।

रानीखेत
Ranikhet
नगर व छावनी
बसंत में रानीखेत का विहंगम दृश्य
रात्रिकाल में नगर
गोल्फ़ मैदान
ऊपर से नीचे: बसंत में रानीखेत का विहंगम दृश्य, रात्रिकाल में नगर तथा रानीखेत के गोल्फ़ मैदान
रानीखेत is located in उत्तराखंड
रानीखेत
रानीखेत
उत्तराखण्ड में स्थिति
निर्देशांक: 29°39′N 79°25′E / 29.65°N 79.42°E / 29.65; 79.42 79°25′E / 29.65°N 79.42°E / 29.65; 79.42
देशरानीखेत भारत
राज्यउत्तराखण्ड
ज़िलाअल्मोड़ा ज़िला
ऊँचाई1869 मी (6,132 फीट)
जनसंख्या (2011)
 • कुल18,886
भाषा
 • प्रचलितहिन्दी, कुमाऊँनी
समय मण्डलभामस (यूटीसी+5:30)
पिनकोड263645
वाहन पंजीकरणUK-20

विवरण

देवदार और बलूत के वृक्षों से घिरा रानीखेत बहुत ही रमणीक हिल स्टेशन है। इस स्थान से हिमाच्छादित मध्य हिमालयी श्रेणियाँ स्पष्ट देखी जा सकती हैं। रानीखेत से सुविधापूर्वक भ्रमण के लिए पिण्डारी ग्लेशियर, कौसानी, चौबटिया और कालिका पहुँचा जा सकता है। चौबटिया में प्रदेश सरकार के फलों के उद्यान हैं। इस पर्वतीय नगरी का मुख्य आकर्षण यहाँ विराजती नैसर्गिक शान्ति है। रानीखेत में फ़ौजी छावनी भी है और गोल्फ़ प्रेमियों के लिए एक सुन्दर पार्क भी है।

छावनी

१८६९ में ब्रिटिश सरकार ने कुमाऊं रेजिमेंट के मुख्यालय की स्थापना रानीखेत में की, और भारतीय गर्मियों से बचने के लिए हिल स्टेशन के रूप में इस नगर का प्रयोग किया जाने लगा। ब्रिटिश राज के दौरान एक समय में, यह शिमला के स्थान पर भारत सरकार के ग्रीष्मकालीन मुख्यालय के रूप में भी प्रस्तावित किया गया था। १९०० में इसकी गर्मियों की ७,७०५ जनसंख्या थी, और उसी साल की सर्दियों की जनसंख्या १९०१ में ३,१५३ मापी गई थी। स्वच्छ सर्वेक्षण २०१८ के अनुसार रानीखेत दिल्ली और अल्मोड़ा छावनियों के बाद भारत की तीसरी सबसे स्वच्छ छावनी है।

इतिहास

रानीखेत 
रानीखेत के पोलो मैदान, १८९५

३ मई १८१५ को गोरखाओं द्वारा कुमाऊं को अंग्रेजों को सौंप दिया गया था। अल्मोड़ा पर विजय प्राप्ति के बाद, १८३९ तक अंग्रेजी सेना के सैनिक और अधिकारी हवलबाग में रहते थे। बाद में सेना के कार्यालयों को अल्मोड़ा स्थानांतरित किया गया और सेना को लोहाघाट और पिथौरागढ़ में तैनात कर दिया गया। इस सेना को ही बाद में कुमाऊं बटालियन कहा जाने लगा। १८४६ में इसे वापस अल्मोड़े के लालमांडी किले में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां यह रानीखेत छावनी बनने तक तैनात रही।

रानीखेत 
रानीखेत का दृश्य, १८८०

१८३०-५६ के बीच, विभिन्न यूरोपीय समूहों ने जिले में चाय बागानों की स्थापना की आशा में भूमि अधिग्रहण किया। उनमें से एक त्रोप परिवार भी था, जिसने चौबटिया, होल्म खेत और उपत के ग्रामीणों से जमीन खरीदी। १८६८ में पहली बार इस स्थल का चयन ब्रिटिश सैनिकों के आवास लिए किया गया था, और अगले ही वर्ष सरना, कोटली और ताना के ग्रामीणों से १३.०२४ रूपये के मुआवज़े पर भूमि अधिग्रहण कर यहां छावनी का गठन कर दिया गया था। त्रोप परिवार की सारी संपत्तियों को भी उसी वर्ष अधिग्रहित किया गया था, होल्म संपत्ति को छोड़कर, जिसे १८९३ तक छावनी में शामिल नहीं किया गया था। १८६९-७० में नगर में पुलिस स्टेशन की स्थापना हुई। १८८७ की शुरूआत में ही यहां के जंगलों को एक कार्य योजना के तहत लाया गया था, हालांकि इन्हें १९१५ तक आम छावनी कानूनों और नियमों के तहत प्रबंधित करना जारी रखा गया था। इन नियमों के तहत चराई और अनुमति के बिना घास काटने और जंगलों को जलाने से मना किया गया था। ३ दिसंबर १९१५ को १८७८ के भारतीय वन अधिनियम के तहत छावनी के हिस्से को आरक्षित वन के रूप में अधिसूचित कर दिया गया।

ब्रिटिश राज के दौरान एक समय में इस नगर को शिमला के स्थान पर ब्रिटिश भारत के ग्रीष्मकालीन मुख्यालय के रूप में भी प्रस्तावित किया गया था। १९०० में इसकी ७,७०५ की गर्मियों की जनसंख्या थी, और उसी साल की सर्दियों की जनसंख्या १९०१ में ३,१५३ मापी गई थी। १९१३ में इसे पाली तहसील का मुख्यालय बनाया गया, जिसका नाम बाद में रानीखेत तहसील कर दिया गया था।:१७०

नामोत्पत्ति

रानीखेत नाम एक स्थानीय लोककथा से लिया गया है, जिसमें कहा गया है कि इसी स्थान पर कत्यूरी राजा सुधारदेव ने अपनी ​​रानी का दिल जीत लिया था। इस क्षेत्र को उन्होंने बाद में अपने निवास के लिए भी चुना, हालांकि इस क्षेत्र में कोई महल स्थित नहीं है।

रानीखेत जिला

भारत की स्वतंत्रता के बाद से ही अल्मोड़ा जिले को बांटकर अलग रानीखेत जिला बनाने की मांग उठती रही है। १९६० के दशक से ही रानीखेत जिले के लिए आंदोलन शुरू हो गए थे, और १९८५ तक इन आंदोलनों की संख्या और गहराई, दोनों ही काफी बढ़ चुकी थी। १९८७ में उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद के अध्यक्ष वैंकट रमानी की समिति ने जिले की संस्तुति की और फिर इसके २ वर्ष बाद १९८९ में आठवें वित्त आयोग ने जिले को वित्तीय मंजूरी भी प्रदान कर दी। इसके बाद भी जब जिले का गठन नहीं हुआ, तो १९९३-९४ में फिर एक आंदोलन शुरू हो गया, जिसके बाद यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने पहल की, और रानीखेत में सीओ तथा एडीएम की नियुक्ति की गई, परन्तु बाद में एडीएम को हटा दिया गया।

२००४, २००५ में फिर से लोग जिले की मांग को लेकर आंदोलनरत हुए। २००७ में प्रशासन ने राज्य सरकार को रानीखेत जिले का आधिकारिक प्रस्ताव भेज। इस प्रस्ताव के अनुसार रानुखेत जुले में छह ब्लॉक, पांच तहसीलें, १३०९ राजस्व गांव, ५९ न्याय पंचायतें तथा १२० पटवारी क्षेत्र शामिल किए गए थे। २००१ की जनगणना के अनुसार प्रस्तावित जिले की जनसंख्या ३,४०,४५६ और क्षेत्रफल १३७३५.७४० हेक्टेयर था। २०१० में भी अधिवक्ताओं के नेतृत्व में एक बड़ा जन आंदोलन हुआ। आठ महीने तक चले इस आंदोलन के बाद २०११ में उत्तराखण्ड के तत्कालीन मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल ने अल्मोड़ा जिले की रानीखेत, सल्ट, भिकियासैंण, द्वाराहाट, और चौखुटिया तहसीलों से रानीखेत जिले की घोषणा की थी, परन्तु गजट नोटिफिकेशन जारी न होने के कारण जिला अस्तित्व में नहीं आया। वर्ष २०१२ के विधानसभा चुनावों के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया। जिला रानीखेत हेतु बहुत आन्दोलन हुए ! मजे की बात है हरीश रावत, पूर्व मुख्य स्वर्गीय बचे सिंह रावत व अजय भट्ट केन्द्रीय मंत्री जैसे लोग इस आन्दोलन के समय समय पर मुख्य आन्दोलनकारी रहे ! बाद में इन्हें केन्द्रीय मंत्रिमंडल में स्थान ही मिला ! पर मंत्री बनाने के बाद जिला निर्माण के मसले में टाल मटोल करते रहे !

इस बीच सोसियल मीडिया का दौर प्रारंभ हुवा! इससे प्रेरित हो डीएन बड़ोला  ने 25 सितम्बर, 2015 से प्रारंभ किया गया ! यह उत्तराखंड में सोसियल मीडिया का पहला सबसे लम्बे समय            3,178 दिन से  8 साल 8 माह 7 दिन से चल रहा अभिनव अभियान है !

जलवायु

रानीखेत का मौसम सर्दियों में बहुत ठंडा हो जाता है, और गर्मियों में मध्यम रहता है। सर्दी के मौसम में रानीखेत में बर्फ भी पड़ती है, मुख्य रूप से दिसंबर, जनवरी और फरवरी के महीनों में। हालांकि बाकी महीनों में रानीखेत का मौसम सुखद रहता है।

रानीखेत के जलवायु आँकड़ें
माह जनवरी फरवरी मार्च अप्रैल मई जून जुलाई अगस्त सितम्बर अक्टूबर नवम्बर दिसम्बर वर्ष
औसत उच्च तापमान °C (°F) 11.1
(52)
13.1
(55.6)
17.4
(63.3)
22.2
(72)
25.4
(77.7)
24.6
(76.3)
21.5
(70.7)
21.0
(69.8)
21.0
(69.8)
19.7
(67.5)
16.8
(62.2)
13.5
(56.3)
18.94
(66.1)
दैनिक माध्य तापमान °C (°F) 6.4
(43.5)
8.0
(46.4)
11.9
(53.4)
16.2
(61.2)
19.5
(67.1)
19.8
(67.6)
18.2
(64.8)
17.8
(64)
17.3
(63.1)
14.9
(58.8)
11.6
(52.9)
8.5
(47.3)
14.18
(57.51)
औसत निम्न तापमान °C (°F) 1.8
(35.2)
2.9
(37.2)
6.4
(43.5)
10.3
(50.5)
13.7
(56.7)
15.0
(59)
15.0
(59)
14.7
(58.5)
13.6
(56.5)
10.1
(50.2)
6.5
(43.7)
3.6
(38.5)
9.47
(49.04)
औसत वर्षा मिमी (inches) 76
(2.99)
56
(2.2)
58
(2.28)
26
(1.02)
58
(2.28)
209
(8.23)
532
(20.94)
431
(16.97)
241
(9.49)
102
(4.02)
7
(0.28)
27
(1.06)
1,823
(71.76)
स्रोत: Climate-Data.org

भूगोल

रानीखेत 
रानीखेत नगर का विहंगम दृश्य

रानीखेत छावनी उत्तराखण्ड राज्य में अल्मोड़ा तथा नैनीताल से क्रमशः ५० और ६० किमी की दूरी पर २९.६४ के अंक्षाशों तथा ७९.४२ के देशांतर पर स्थित है। प्रशासनिक रूप से रानीखेत अल्मोड़ा जनपद के पश्चिमी भाग में स्थित है, जहां यह इसी नाम की तहसील का मुख्यालय भी है। रानीखेत छावनी दो पर्वत चोटियों पर फैली हुई है; पहली, जिसे रानीखेत रिज कहा जाता है, ५,९८३ फीट (१,८२४ मीटर) की ऊंचाई पर स्थित है; और दूसरी, चौबटिया रिज ६,९४२ फीट (२,११६ मीटर) की ऊंचाई पर है।

रानीखेत छावनी में भारतीय सेना की कुमाऊँ तथा नागा रेजिमेंट के रेजिमेंटल सेंटर स्थित हैं। छावनी कुल ४,१७६.०३१ एकड़ क्षेत्र में फैली हुई है, जिसमें से २,५८०.१३५ एकड़ रिज़र्व वन क्षेत्र, ९२०.३२८ एकड़ स्टेशन क्षेत्र तथा ६७५.५६८ एकड़ मिलिटरी क्षेत्र है।:१५५ छावनी के चारों ओर चीड़, बांज, और देवदार के जंगल हैं, जिनमें तेंदुए, पहाड़ी बकरी, हिरण, सांभर, पाइन मार्टन, खरगोश, लाल चेहरे वाले बंदर, जंगली लंगूर, लाल लोमड़ी और साहीदार सहित कई वन्यजीव निवास करते हैं।

रानीखेत नगर में प्रशासन का कार्य रानीखेत छावनी परिषद देखती है। रानीखेत छावनी परिषद का गठन १९२४ के छावनी बोर्ड अधिनियम के अंतर्गत हुआ था। रानीखेत एक प्रथम श्रेणी की छावनी है, तथा प्रशासनिक कार्यों से ७ वार्डों में विभक्त है। रानीखेत छावनी परिषद में कुल १४ सदस्य होते हैं, जिनमें से ७ इन्ही वार्डों से चुनकर आते हैं।

रानीखेत नगर से हिमालय पर्वत श्रंखलाओं का दृश्य।

जनसांख्यिकी

रानीखेत की जनसंख्या
जनगणना जनसंख्या
१८८१5,984
१९०१3,246
१९११5,78178.1%
१९२१3,632-37.2%
१९३१3,7723.9%
१९४१4,89429.7%
१९५१8,93782.6%
१९६१10,64219.1%
१९७१13,91730.8%
१९८१18,19030.7%
१९९१16,874-7.2%
२००१19,05512.9%
२०११18,886-0.9%
source:

२०११ की जनगणना के अनुसार, रानीखेत की जनसंख्या १८,८८६ है, जिसमें से पुरुषों की संख्या ११,७१२ है जबकि महिलाओं की संख्या ७,४७४ है। १८८१ में जब इम्पीरियल गजेटियर आफ़ इण्डिया के प्रथम संस्करण का प्रकाशन हुआ, उस समय रानीखेत की जनसंख्या ५,९८४ थी, और नगर में ३,३१३ हिन्दू, १,०९० मुसलमान, तथा १,५७३ यूरोपियन लोग रहते थे। रानीखेत नगर की साक्षरता दर ९५.२१% है, जो राज्य की औसत ७८.८२% से अधिक है। पुरुषों में साक्षरता लगभग ९७.७९% है जबकि महिलाओं में साक्षरता दर ९१.१८% है।

नगर की कुल आबादी में से ८५.११% ​​लोग हिंदू धर्म का जबकि ९.२२% लोग इस्लाम का, और ५.०९% लोग ईसाई धर्म का अभ्यास करते हैं। इसके अतिरिक्त नगर में अल्प संख्या में सिख और बौद्ध धर्म के अनुयायी भी हैं। हिंदी और संस्कृत राज्य की आधिकारिक भाषाऐं हैं जबकि कुमाऊँनी यहां की स्थानीय बोली है। अंग्रेजी का भी प्रयोग होता है।

शिक्षा

रानीखेत के प्रमुख विद्यालय निम्न हैं:

  • शिव दत्त पालीवाल राजकीय इंटर कॉलेज
  • केन्द्रीय विद्यालय, रानीखेत
  • अशोक हॉल कन्या आवासीय विद्यालय
  • जीडी बिरला मेमोरियल विद्यालय
  • आर्मी पब्लिक स्कूल, रानीखेत
  • नेशनल इंटर कॉलेज, रानीखेत
  • रानीखेत छावनी विद्यालय
  • रानीखेत कैनोसा कान्वेंट विद्यालय
  • बीरशिव उच्चतर माध्यमिक विद्यालय
  • रानीखेत (मिशन) इंटर कॉलेज
  • सरस्वती शिशु मन्दिर, रानीखेत
  • माउंट सिनाई विद्यालय
  • श्री राम संस्कृत विद्यापीठ

आवागमन

राष्ट्रीय राजमार्ग १०९ रानीखेत से होकर गुजरता है, जो इसे रुद्रपुर, हल्द्वानी, नैनीताल, अल्मोड़ा, द्वाराहाट, चौखुटिया और कर्णप्रयाग नगरों से जोड़ता है। इसके अतिरिक्त रानीखेत सड़क मार्ग से रामनगर तथा खैरना से भी जुड़ा है। पंतनगर में स्थित पंतनगर विमानक्षेत्र सबसे निकटतम हवाई अड्डा है, जबकि रामनगर तथा काठगोदाम निकटतम रेलवे स्टेशन हैं।

पर्यटन

रानीखेत 
रानीखेत में चीड़ तथा बांज के वनों का दृश्य
रानीखेत 
गोल्फ के मैदान
रानीखेत 
रानी झील
रानीखेत 
सरना गार्डन रोड

रानीखेत के प्रमुख पर्यटन स्थल निम्न हैं:

गोल्फ कोर्स

रानीखेत गोल्फ कोर्स रानीखेत के प्रमुख आकर्षणों में से एक है। एशिया के उच्चतम गोल्फ कोर्सों में से एक रानीखेत गोल्फ कोर्स में ९-होल का कोर्स है। यह रानीखेत नगर से ५ किमी की दूरी पर है।

सैंट ब्रिजेट चर्च

सैंट ब्रिजेट चर्च रानीखेत नगर का सबसे पुराना चर्च है।

कुमाऊँ रेजिमेंटल सेंटर

कुमाऊँ रेजिमेंटल सेंटर (केआरसी) कुमाऊँ तथा नागा रेजिमेंट द्वारा संचालित एक म्यूजियम है। यहाँ विभिन्न युद्धों में पकडे गए अस्त्र तथा ध्वज प्रदर्शन करने के लिए रखे गए हैं। इसके अतिरिक्त म्यूजियम में ऑपरेशन पवन के समय पकड़ी गयी एलटीटीई की एक नाव भी है।

आशियाना पार्क

आशियाना पार्क रानीखेत नगर के मध्य में स्थित है। कुमाऊँ रेजिमेंट द्वारा निर्मित और विकसित इस पार्क में बच्चों के लिए विशेषकर जंगल थीम स्थित है।

मनकामेश्वर मंदिर

यह मंदिर कुमाऊँ रेजिमेंट के नर सिंह मैदान से संलग्न है। मंदिर के सामने एक गुरुद्वारा, तथा एक शाल की फैक्ट्री है।

रानी झील

रानी झील नर सिंह मैदान के समीप वीर नारी आवास के नीचे स्थित है। इस झील में नौकायन की सुविधा उपलब्ध है।

बिनसर महादेव

बिनसर महादेव भगवन शिव को समर्पित एक मंदिर है। मंदिर के समीप बहती एक गाड़ विहंगम दृश्य प्रस्तुत करती है। मंदिर के पास देवदार तथा चीड़ के जंगलों के मध्य स्थित एक आश्रम भी है।

भालूधाम

भालूधाम (या भालूडैम) नगर के समीप स्थित एक कृत्रिम झील है। यहाँ से हिमालय श्रंखलाओं का मनोरम दृश्य देखा जा सकता है।

मजखाली

मजखाली अल्मोड़ा-रानीखेत रोड पर रानीखेत से १२ किमी दूर स्थित एक पिकनिक स्थल है। यहां से बागेश्वर में स्थित त्रिशूल चोटी के दृश्य देखे जा सकते हैं।

ताड़ीखेत

रानीखेत से ८ किमी दूर स्थित ताड़ीखेत गाँधी कुटी तथा गोलू देवता मंदिर के लिए प्रसिद्द है।

चौबटिया

रानीखेत से १० किमी दूर स्थित चौबटिया में खुमानी, आड़ू, शाहबलूत, बादाम और सेब के कई उद्यान स्थित हैं।

झूला देवी मंदिर

स्विट्जरलैंड कहा जाने वाला रानीखेत अपने मंदिरों के लिए भी जाना जाता है, उन्ही में से एक है झूला देवी मंदिर। मां दुर्गा इस मंदिर में झूले के ऊपर विराजमान है.यही वजह है कि इस मंदिर को झूला देवी मंदिर का नाम दिया गया. रानीखेत से महज 7 किलोमीटर की दूरी पर है स्थित इस मंदिर को 700 साल पुराना बताया जाता है।

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ

सन्दर्भ

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रानीखेत विवरणरानीखेत छावनीरानीखेत इतिहासरानीखेत नामोत्पत्तिरानीखेत जिलारानीखेत जलवायुरानीखेत भूगोलरानीखेत जनसांख्यिकीरानीखेत शिक्षारानीखेत आवागमनरानीखेत पर्यटनरानीखेत इन्हें भी देखेंरानीखेत बाहरी कड़ियाँरानीखेत सन्दर्भरानीखेतअल्मोड़ा ज़िलेउत्तराखण्डछावनीभारत

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