गैलीलियन चंद्रमा

गैलीलियन चन्द्रमा (Galilean moons), गैलीलियो गैलीली द्वारा जनवरी 1610 में खोजे गए बृहस्पति के चार चन्द्रमा हैं। वे बृहस्पति के कई चन्द्रमाओं में से सबसे बड़े हैं और वें है: आयो, युरोपा, गेनिमेड और कैलिस्टो। सूर्य और आठ ग्रहों को छोड़कर किसी भी वामन ग्रह से बड़ी त्रिज्या के साथ वें सौरमंडल में सबसे बड़े चंद्रमाओं में से है। तीन भीतरी चांद - गेनीमेड, यूरोपा और आयो एक 1 : 2 : 4 के कक्षीय अनुनाद में भाग लेते हैं।

गैलीलियन चंद्रमा
बृहस्पति के चार गैलीलियन चन्द्रमाओं के संग्रथित चित्र, उनके आकार और बृहस्पति के आकार की तुलना में एक समग्र छवि में। ऊपर से नीचे तक: आयो, यूरोपा, गेनीमेड, कैलिस्टो

यह चारों चंद्रमा सन् 1609 और 1610 के बीच किसी समय खोजे गए जब गैलिलियो ने अपनी दूरबीन मे सुधार किया, जिसे उन्हे उन सूदूर आकाशीय पिंडो के प्रेक्षण के योग्य बनाया जिन्हे पहले कभी देखने की संभावना नहीं थी। गैलीलियो की खोज ने खगोलविदों के एक उपकरण के रूप में दूरबीन के महत्व को साबित कर यह दिखाया कि अंतरिक्ष मे कई चींजे थी जिन्हे नग्न आंखो से देखा नहीं जा सका था। इससे भी महत्वपूर्ण बात, पृथ्वी के अलावा और किसी अन्य की परिक्रमा कर रहे खगोलीय पिंडों की इस निर्विवाद खोज ने उसके बाद एक झटके में उनको निपटा दिया जिन्होने टोलेमी के संसार तंत्र को स्वीकारा था, अथवा भूकेन्द्रीय सिद्धांत को जिसमें सब कुछ पृथ्वी की परिक्रमा करता है।

गैलिलियो ने तत्काल अपनी खोज को कॉस्मिका सीडेरा (कोसीमो का तारा) नामित किया, लेकिन अंत में सिमोन मारिअस द्वारा चुने गए नाम प्रचलित हूए। मारिअस ने गैलीलियो के साथ-साथ एक ही समय में स्वतंत्र रूप से चंद्रमाओं की खोज की और उन्हे उनके वर्तमान नाम दिये, जिसे जोहानेस केपलर द्वारा 1614 में प्रकाशित उनकी "मुंडस जोवियलीस" में सुझाया गया था।

सदस्य

सिमुलेशन सुझाव देते हैं बृहस्पति के प्रारंभिक इतिहास में गैलीलियन उपग्रहों की कई पीढ़ियों रही हो सकती है। चन्द्रमाओं की बनाई गई हर पीढ़ी बृहस्पति के भीतर घुमावदार रही होगी और नष्ट हो गई होगी, बृहस्पति के आद्य-चंद्र डिस्क से पदार्थ खींचने की वजह से, शेष मलबे से नये चन्द्रमा बने। समय के साथ वर्तमान पीढ़ी का गठन हुआ, यह मलबा किसी बिंदु से बाहर इतना पतला किया गया कि इसने अब चन्द्रमाओं की कक्षाओं के साथ और दखल नहीं की। आयो निर्जल है और चट्ट़ान व धातु की तरह का एक आंतरिक भाग है। माना जाता है यूरोपा 8% द्रव्यमान के बर्फ और पानी के साथ शेष चट्टान रखता है। ये चन्द्रमा बृहस्पति से दूरी के हिसाब से बढ़ते क्रम मे है:

नाम
छवि आंतरिक भाग का मॉडल
यू गे कै
व्यास
(किमी)
द्रव्यमान
(किग्रा)
घनत्व
(ग्राम/सेमी³)
अर्ध्य-मुख्य अक्ष
(किमी)
परिक्रमण काल(दिवस)
(सापेक्ष)
झुकाव
(°)
विकेंद्रता
आयो
बृहस्पति I
गैलीलियन चंद्रमा  गैलीलियन चंद्रमा  3660.0
×3637.4
×3630.6
8.93×1022 3.528 421,800 1.769

(1)
0.050 0.0041
यूरोपा
बृहस्पति II
गैलीलियन चंद्रमा  गैलीलियन चंद्रमा  3121.6 4.8×1022 3.014 671,100 3.551

(2)
0.471 0.0094
गेनिमेड
बृहस्पति III
गैलीलियन चंद्रमा  गैलीलियन चंद्रमा  5262.4 1.48×1023 1.942 1,070,400 7.155

(4)
0.204 0.0011
कैलिस्टो
बृहस्पति IV
गैलीलियन चंद्रमा  गैलीलियन चंद्रमा  4820.6 1.08×1023 1.834 1,882,700 16.69

(9.4)
0.205 0.0074

सन्दर्भ

Tags:

आयोकक्षीय अनुनादकलिस्टो (उपग्रह)गैनिमीड (उपग्रह)गैलीलियो गैलीलीबृहस्पति के प्राकृतिक उपग्रहबौना ग्रहयुरोपासौरमंडल

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