ग़ाज़ियाबाद उत्तर प्रदेश का एक औद्योगिक जिला है। नगर का नाम ग़ाज़ी-उद्-दीन के नाम पर पडा़ है। बाद में इसका नाम ग़ाज़ियाबाद हो गया जो प्रयोग में छोटा और सरल था। यहाँ भारत इलेक्ट्रोनिक्स लि० तथा अग्रिम स्तरीय दूरसंचार प्रशिक्षण केन्द्र (ALTTC) स्थित है। यह प्रमुख नगरीय क्षेत्र होने के नाते अच्छी तरह से सड़कों और रेल से जुड़ा हुआ है।
ग़ाज़ियाबाद | |||||||
— ज़िला — | |||||||
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०) | |||||||
देश | भारत | ||||||
राज्य | उत्तर प्रदेश | ||||||
महापौर | श्रीमती सुनीता दयाल | ||||||
जनसंख्या | 9,68,521 (२००१ के अनुसार [update]) | ||||||
विभिन्न कोड
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आधिकारिक जालस्थल: ghaziabad.nic.in |
77°25′E / 28.67°N 77.42°E
हाल ही में एक बडी़ संख्या में शहर में मॉल और मल्टीप्लेक्स खुले हैं। सड़कों को चौड़ा किया जाने के साथ जगह जगह पर उड़नपुलों का निर्माण और सुधार किया जा रहा है, तथा दिल्ली मेट्रो नेटवर्क से जुड़ा हुआ है इसमें शहीद नगर, राज बाग, श्याम पार्क, मोहन नगर, अर्थला, हिंडन रिवर, शहीद स्थल मेट्रो स्टेशन प्रमुख हैं। और साथ ही दिल्ली-मेरठ रेपीड मेट्रो से जल्द जुड़ने वाला है, अभी इसका निर्माण कार्य चल रहा है। इनके कारण इसे न्यूज़वीक इंटरनेशनल ने 2006 के लिए दुनिया के 10 सबसे प्रगतिशील शहरों में शामिल किया था।
सन १७४० में सम्राट, ग़ाज़ी-उद्-दीन द्वारा बसाये गये इस शहर को इसके संस्थापक ग़ाज़ी-उद्-दीन द्वारा ग़ाज़ीउद्दीननगर नाम दिया गया। उसने शहर में एक विशाल ढांचे का निर्माण करवाया जिसमे 120 कमरे और इंगित मेहराबें थीं। अब इस निर्माण का सिर्फ् कुछ हिस्सा ही बचा है, जिसमे फाटक, चार दीवारी के कुछ भाग और चौदह फ़ीट ऊँचा एक विशाल स्तंभ। अब इस परिसर का प्रयोग लोगों द्वारा रिहाइश के लिये किया जा रहा है। ग़ाज़ी-उद्-दीन का मकबरा अभी भी शहर में मौजूद है, लेकिन संरक्षण की स्थिति बहुत बुरी है।
1857-58 के भारतीय विद्रोह, के दौरान ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की बंगाल सेना के भारतीय सैनिकों के विद्रोह से शुरु हुई, लड़ाई जो बाद में ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक व्यापक विद्रोह में परिणित हो गयी उसी दौरान यह सबसे अधिक उद्देलित स्थानों में से एक बना। हिन्डन नदी पर क़ब्जा़ करने की कोशिश कर रहे स्वतंत्रता सेनानीं एक मुठभेड़ में यहाँ ब्रिटिश सेना की एक छोटी टुकडी़ से हार गये। जब अंग्रेज दिल्ली सें मेरठ जाने के लिये जब गांवों की तरफ बढ़े उस आजादी की जंग में गांव के लोगों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और 7 अंग्रेजों को मार दिया था,उस जंग में गाजियाबाद जनपद के 5 गांव बागी करार किये गये थे 1.ग्यास्पुर 2.खिंदोडा 3.भनेडा 4.सुहाना 5.कुम्हेडा इस आजादी की पहली लड़ाई ने ग़ाज़ियाबाद को राष्ट्र की मुख्य धारा में ला दिया।
ऐतिहासिक, पौराणिक, सांस्कृतिक और पुरातात्विक दृष्टि से ग़ाज़ियाबाद एक समृद्ध शहर है। यह ज़िले में हुये शोध कार्य और खुदाई से साबित हुआ है। हिन्डन नदी के किनारे कसेरी की खुदाई में जो, मोहन नगर से २ किमी उत्तर में स्थित है, से यह साबित हुआ है कि यहाँ 2500 ई.पू. में सभ्यता विकसित हुई थी।
ग़ाज़ियाबाद यमुना नदी से 1.5 किलोमीटर दूर स्थित है। इसके दक्षिण में बुलंदशहर और गौतमबुद्ध नगर स्थित हैं तथा उत्तर में इसकी सीमायें मेरठ ज़िले से मिलती है, दक्षिण -पश्चिम में दिल्ली है , तथा पूर्व में पिलखुवा नामक शहर और हापुड़ नामक ज़िला स्थित है। चूँकि उत्तर प्रदेश में दिल्ली से जाने के लिये यही एक रास्ता है इसलिए इसे उत्तर प्रदेश का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है।
गंगा, यमुना और हिन्डन यहाँ की मुख्य नदियाँ हैं, जो साल भर पानी से भरी रहती हैं। इसके अलावा ज़िले में कुछ बरसाती नदियाँ भी हैं जिनमे काली नदी प्रमुख है। इनके साथ गंगा नहर भी ज़िले से होकर निकलती है और जिसकी विभिन्न शाखाओं के माध्यम से ज़िले में सिंचाई की जाती है। गंगा नहर ग़ाज़ियाबाद के लोगों के साथ ही दिल्ली के लोगों को भी पीने के पानी की ज़रूरतों को पूरा करती है।
दिल्ली से सटा होने के कारण, इसका मौसम जैसे तापमान और वर्षा दिल्ली की तरह ही है। राजस्थान के अंधड़ और हिमालय, कुमाऊं और गढ़वाल पहाड़ियों पर होने वाला हिमपात शहर के मौसम पर नियमित रूप से प्रभाव डालता है। मानसून आमतौर पर जुलाई के पहले सप्ताह में या जून के अंत में आता है और वर्षा का मौसम सितम्बर-अक्टूबर तक रहता है।
ग़ाज़ियाबाद औद्योगिक शहर है, जहाँ मुख्य रूप से रेल वॅगन, सैन्य सामग्री, इलैक्ट्रानिक उपकरण, डीजल इंजन, विद्युतलेपन, साइकिल, मशीनरी, पर्दो के कपडे़, कांच के बने पदार्थ, बर्तनों, वनस्पति तेल, रंग और वार्निश, भारी जंजीरों, टंकक फ़ीते (टाइपराइटर रिबन), आदि का निर्माण होता है। यह उत्तर प्रदेश का प्रमुख औद्योगिक शहर है।
ग़ाज़ियाबाद में बडी़ संख्या में निजी अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्र हैं जो आसपास के गाँवों और क़स्बों जैसे पिलखुवा, हापुड़, डासना आदि के निवासियों को भी स्वास्थ्य सेवायें प्रदान करते हैं।
14 नवम्बर 1976 को तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री नारायण दत्त तिवारी ने ग़ाज़ियाबाद को एक ज़िला घोषित किया था, इससे पहले यह मेरठ ज़िले की एक तहसील था। ३१ अगस्त 1994 को ग़ाज़ियाबाद को नगर निगम का दर्जा दिया गया। ज़िला बनने के बाद ग़ाज़ियाबाद ने सामाजिक, आर्थिक और कृषि के मोर्चे पर अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की है।
ग़ाज़ियाबाद हवाई, रेल और सड़क के द्वारा पहुंचा जा सकता है। सबसे पास का अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा जो यहाँ से लगभग ४५ किलोमीटर की दुरी पर है। अभी कुछ दिन पहले ग़ाज़ियाबाद के हिंडन एयरफोर्स से भारतीय विमानन प्राधिकरण ने व्यावसायिक विमान परिचालन क्षेत्रीय विमान सेवा हिंडन हवाई अड्डा से आरम्भ किया है जहां से कोई भी अपने गंतव्य स्थान पर जा सकता है। इसलिए अब ग़ाज़ियाबाद में अपना हवाई अड्डा है जहां से रोज़ाना क्षेत्रीय नगरों के लिए विमान सेवा उपलब्ध है। सड़क मार्ग से ग़ाज़ियाबाद चारों तरफ से दिल्ली, नोएडा, हापुड़, मेरठ, सहारनपुर, हरिद्वार, आदि से जुडा़ है। ग़ाज़ियाबाद से बड़ी संख्या में लोग हर रोज काम के लिए दिल्ली जाते हैं। दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) भी एएलटीटीसी से आईटीओ, दिल्ली के लिये बसें चलाता है। यह बस सेवा, ग़ाज़ियाबाद से हर पन्द्रह मिनट चलती है। एक और डीटीसी बस सेवा प्रताप विहार से शिवाजी स्टेडियम (कनॉट प्लेस), नई दिल्ली के लिए चलती है। ग़ाज़ियाबाद रेलवे लाइन के माध्यम से भी देश के सभी भागों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। यह एक रेलवे जंक्शन है और कई लाइनें है ग़ाज़ियाबाद से गुजरती हैं। मुख्य रेलवे स्टेशन शहर के बीच में स्थित है।
यहाँ के प्रमुख बस अड्डे मोहन नगर, लोहिया नगर, वसुंधरा, मेरठ रोड के करीब और कौशाम्बी बस अड्डा स्थित हैं, कौशाम्बी बस अड्डा दिल्ली के आंनद विहार बस अड्डा के सामने उत्तर प्रदेश में स्थित है। कौशाम्बी बस अड्डा दिल्ली मेट्रो और भारतीय रेल जो सबसे नजदीक आंनद विहार रेलवे टर्मिनल से भी जुड़ा हुआ है। आंनद विहार रेलवे टर्मिनल से अधिकतर दिल्ली से बिहार की और जाने वाली ट्रेनों का परिचालन होता है। जहां से उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसें पूरे राज्य के लिये चलती है।
ग़ाज़ियाबाद में निजी इंजीनियरिंग कॉलेज और प्रबंधन संस्थान एक बडी़ संख्या में स्थित हैं। यहाँ कुछ दंत चिकित्सा महाविद्यालय और भौतिक चिकित्सा संस्थान भी हैं। ग़ाज़ियाबाद में मुख्य विद्यालयों (स्कूलों) और महाविद्यालयों (कॉलेजों) की सूची इस प्रकार हैं:
क्योंकि यह दिल्ली से सटा है इसलिए यहाँ दिल्ली के सभी प्रमुख समाचार पत्र, टीवी चैनल और रेडियो चैनल यहाँ उपलब्ध हैं। यहाँ का सबसे पुराना स्थानीय समाचार पत्र हिन्ट है। रेडियो के सभी प्रमुख चैनल जैसे रेडियो मिर्ची (98,3 मेगा हर्ट्ज़), रेडियो सिटी (91,0 मेगा हर्ट्ज़), 95,0 एफ़एम, रेड एफ़एम (93,5 मेगा हर्ट्ज़), आकाशवाणी का रैन्बो (102,6 मेगा हर्ट्ज़) उपलब्ध हैं। हिंदी दैनिक शब्दवाणी समाचार पत्र सहित टाइम्स ऑफ इंडिया अख़बार का एक शाखा कार्यालय भी यहाँ पर है (सी-76 आर डी सी, राज नगर ग़ाज़ियाबाद, फो: 0120-4113009। टेलीविजन चैनल को केबल टीवी नेटवर्क के माध्यम से उपलब्ध हैं, सिटी केबल सबसे बड़ा केबल ऑपरेटर है।
गाज़ियाबाद से दैनिक, साप्ताहिक और अन्य आवधिकताओं के अनेक समाचार पत्र प्रकाशित होते हैं, जिनमें साहिबाबाद (शहीद नगर) से हिंदी साप्ताहिक द वीकली टाइम्स, स्काई टाइम्स मोदीनगर से प्रकाशित हिंदी साप्ताहिक यू.पी.आब्जर्वर की गिनती एनसीआर के श्रेष्ठ समाचारपत्रों में की जाती है! यह सोलह पृष्ठों का रंगीन कलेवर में प्रकाशित जिले का एकमात्र साप्ताहिक पात्र है! जो सन 1994 से नियमित रूप से प्रकाशित है!
पिछले कुछ सालों में ग़ाज़ियाबाद में कई सारे शॉपिंग मॉल एवं सिनेमा हॉल खुल गये हैं। इनमें बेहतरीन रेस्तरां एवं छविगृह हैं। इनमें से कुछ यहाँ नीचे दिये गए हैं।
जिला गाजियाबाद: जिससे जुड़ा है मुगलों से लेकर 1857 की क्रांति का इतिहास
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