कोला प्रायद्वीप (उत्तरी सामी: Guoládat, गुओलादत; रूसी: Ко́льский полуо́стров, कोल्सकी पोलुओस्त्रोव; अंग्रेज़ी: Kola Peninsula) रूस के सुदूर पश्चिमोत्तरी भाग में स्थित एक प्रायद्वीप है। रूस के मूरमान्स्क ओब्लास्त नामक संघीय खंड का अधिकतर भूभाग इसी प्रायद्वीप पर स्थित है। कोला प्रायद्वीप लगभग पूरा-का-पूरा ही आर्कटिक रेखा से उत्तर में स्थित है। यह तीन तरफ़ से समुद्र से घिरा हुआ है: उत्तर में बारेन्त्स सागर और पूर्व व दक्षिणपूर्व में श्वेत सागर। मूरमान्स्क का शहर इस प्रायद्वीप का सबसे बड़ा नगर है और 2010 की जनगणना में इसमें 3 लाख से ज़्यादा लोगों की आबादी थी।
हालांकि कोला प्रायद्वीप बहुत उत्तर में होने के कारण बहुत सर्द होना चाहिए, गल्फ़ स्ट्रीम नामक गर्म समुद्री प्रवाह के पास से गुज़रने से यहाँ सर्दियों में तापमान उतना कम नहीं होता जितने की अपेक्षा हो सकती है। लेकिन ज़मीन और बारेन्त्स सागर में तापमान के अंतर के कारण यहाँ अक्सर शक्तिशाली हवाएँ भी चलती रहती हैं। गर्मियों में तापमान काफी कम रहता है और जुलाई के महीने का औसत तापमान केवल +11 °सेंटीग्रेड होता है। प्रायद्वीप के उत्तरी भाग में टुन्ड्रा क्षेत्र विस्तृत है जहाँ ज़मीन के नीचे सदैव जमा हुआ पर्माफ़्रोस्ट किसी बड़े वृक्ष को जड़ें पकड़ने ही नहीं देता - यहाँ केवल घास व झाड़ ही नज़र आते हैं। प्रायद्वीप के दक्षिण में ताइगा क्षेत्र है, जहाँ वृक्ष मिलते है।
यहाँ 7000 ईसापूर्व काल से ही मानव उपस्थिति के चिह्न मिलते हैं लेकिन 1000 ईसवी तक यहाँ केवल सामी लोग ही रह रहे थे। 12वीं सदी में नोवगोरोद क्षेत्र से रूसी लोग यहाँ आकर बसने लगे जिनकी एक विशेष पहचान बन गई। इन्हें 'पोमोर' कहा जाने लगा, जिसका अर्थ रूसी भाषा में 'समुद्री लोग' है। यह इलाक़ा धीरे-धीरे नोवगोरोद गणतंत्र का हिस्सा बन गया। 1471 में मोस्को महा-ड्यूक राज्य ने इसपर क़ब्ज़ा कर लिया लेकिन यहाँ पर रूसी आते रहे। इन नए रूसियों ने स्थानीय सामी व पोमोर लोगों को अपने अधीन मेहनत-मज़दूरी करने पर मजबूर कर दिया। 16वीं सदी तक रूसी त्सार-राज्य और डेनमार्क-नॉर्वे राजशाही के बीच कोला प्रायद्वीप को लेकर खींचातानी शुरू हो गई, जिस वजह से रूसियों ने यहाँ अपनी उपस्थिति और भी मज़बूत करी। पूर्व से कोमी लोग और नेनेत्स लोग भी यहाँ आकर बसने लगे क्योंकि उनकी मातृभूमियों में उनके रेनडियर झुंडों में महामारी फैलने लगी थी। रूसी, कोमी और नेनेत्स के दबाव से सामी लोग उत्तर जाने लगे। 1916 में 'रोमानोव-ना-मूरमान' शहर की स्थापना हुई जो आगे चलकर मूरमान्स्क कहलाया।
सोवियत संघ के ज़माने में कोला प्रायद्वीप पर आबादी बहुत बढ़ी, हालाँकि अधिकतर लोग समुद्रतट और रेलमार्ग के किनारे ही आकर बसे। प्रायद्वीप का औद्योगीकरण हुआ और यहाँ सैनिक छावनियाँ बनवाई गई। गिलट (निकल) उत्पादन यहाँ का एक मुख्य कारोबार था। फ़ौजी परमाणु हथियारों और गिलट कारख़ानों के प्रदूषण से पार्यावरण को काफ़ी हानि हुई।
1991 में सोवियत संघ के टूटने पर यहाँ की अर्थव्यवस्था बिगड़ने लगी। 1989 से 2002 के बीच मूरमान्स्क ओब्लास्त के एक-चौथाई लोग यहाँ से चले गए। 2002 से 2010 के बीच आबादी एक लाख और कम हुई। इसके बावजूद यह क्षेत्र अभी भी उत्तरी रूस से सबसे अधिक शहरी और औद्योगिक इलाकों में से एक है।
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