ज्वालाकाच

ज्वालाकाच या ऑब्सिडियन (Obsidian), एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला ज्वालामुखीय काच है। यह रायोलाइट (Rhyolite) नामक ज्वालामुखी-शिला का अत्यन्त काचीय रूप है। अत: रासायनिक एवं खनिज संरचना में ज्वालाकाच रायोलाइट अथवा ग्रेनाइट के समतुल्य है, परन्तु भौतिक सरंचना एवं बाह्य रूप में दोनों में पर्याप्त भिन्नता है। ज्वालाकाच वस्तुत: 'प्राकृतिक काच' का दूसरा नाम है। नवीन परिभाषा के अनुसार ज्वालाकाच उस स्थूल, अपेक्षाकृत सघन परंतु प्राय: झावाँ की भाँति दिखनेवाले, गहरे भूरे या काले, साँवले, पीले या चितकबरे काच को कहते हैं, जो तोड़ने पर सूक्ष्म शंखाभ विभंग (conchoidal fracture) प्रदर्शित करता है। इस शिला का यह विशेष गुण है।

ऑब्सीडियन
Obsidian
ज्वालाकाच
सामान्य
वर्गVolcanic glass
रासायनिक सूत्र70–75% SiO2,
plus MgO, Fe3O4
पहचान
वर्णDeep black or blackish green
फ्रैक्चरConchoidal
मोह्ज़ स्केल सख्तता5–6
चमकVitreous
ऑप्टिकल गुणTranslucent
स्पैसिफिक ग्रैविटी~2.4
सन्दर्भ

प्राचीन काल में ज्वालाकाच का प्रयोग होता था और वर्तमान समय में भी अपने भौतिक गुणों एवं रासायनिक संरचना के कारण इसका प्रयोग हो रहा है। अभी हाल तक अमरीका की रेडइंडियन जाति अपने बाणों और भालों की नोक इसी शिला के तेज टुकड़ों से बनाती थी। प्लिनी के अनुसार ऑब्सिडियनस नामक व्यक्ति ने ईथियोपिया देश मे सर्वप्रथम इस शिला की खोज की। अतएव इसका नाम ऑब्सिडियन पड़ा।

जॉनहिल (१७४६ ईo) के अनुसार एंटियंट जाति इस शिला पर पालिश चढ़ाकर दर्पण के रूप में इसका उपयोग करती थी। इनकी भाषा में ऑब्सिडियन का जो नाम था वह कालांतर में लैटिन भाषा में क्रमश: ऑपसियनस, ऑपसिडियनस तथा ऑवसिडियनस (obsiodianus) लिखा जाने लगा। शब्द की व्युत्पत्ति प्राय: पूर्णतया विस्मृत हो चुकी है, एवं भ्रमवश यह मान लिया गया है कि ऑब्सिडियन नाम उसके आविष्कर्ता ऑब्सिडियनस के नाम पर पड़ा।

साधारणतया रायोलाइट के काचीय रूप को ही ऑब्सिडियन कहते हैं, परंतु ट्रेकाइट (trachyte) अथवा डेसाइट नामक ज्वाला-मुखी अम्लशैल (volcanic acid-rocks) भी अत्यंत तीव्र गति से शीतल होकर प्राकृतिक काच को जन्म देते हैं। पर ऐसे शैलों को ट्रेफाइट या डेसाइट ऑब्सिडियन कहते हैं।

सूक्ष्मदर्शक यंत्र से देखने पर ज्ञात होता है कि ऑब्सिडियन शैल का अधिकांश भाग काँच से निर्मित है। इसके अंतरावेश में अणुमणिभस्फट (microlite) देखे जा सकते हैं। इन मणिभों के विशेष विन्यास से स्पष्ट आभास मिलेगा कि कभी शैलमूल या मैग्मा (magma) में प्रवाहशीलता थी। शिला का गहरा रंग इन्हीं सूक्ष्म स्फटों के बाहुल्य का प्रतिफल है। कभी कभी ऑब्सिडियन धब्बेदार या धारीदार भी होता है। 'स्फेरूलाइट' तो इस शैल का सामान्य लक्षण है। ज्वालाकांच का आपेक्षिक घनत्व २.३० से २.५८ तक होता है।

ऑब्सिडियन सदृश्य काचीय शिलाओं की उत्पत्ति ऐसे शैलमूलों के दृढ़ीभवन के फलस्वरूप होती है जिनकी संरचना स्फटिक (quartz) एवं क्षारीय फैलस्पार (alkali felspar) के 'यूटेकटिक मिश्रणों के निकट हो। ('यूटेकटिक मिश्रण' दो खनिजों के अविरल समानुपात की वह स्थिति है, जब ताप की एक निश्चित अवस्था में दोनों घटकों का एक साथ क्रिस्टल बनने लगे। यूटेकटिक बिन्दुओं के निकट इस प्रकार के शैलमूल पर्याप्त श्यान (viscous) हो उठते हैं। फलस्वरूप या तो मणिभीकरण पूर्णत: अवरुद्ध हो जाता है, या अतिशय बाधापूर्ण अवस्था में संपन्न होता है। तीव्रगति से शीतल होने के कारण ऐसे शैलों का उद्भव होता है जो प्राय: पूर्णत: काचीय होते हैं। ऑब्सिडियन क्लिफ, यलोस्टोन पार्क, संयुक्त राज्य अमरीका, में ७५ इंच से १०० इंच मोटे लावास्तरोें के रूप में ऑब्सिडियन मिलता है। भारत में गिरनार, एवं पावागढ़ के लावास्तरों से ऑब्सिडियन की प्राप्ति प्रचुर मात्रा में होती है।

सन्दर्भ

Tags:

कांचग्रेनाइटज्वालामुखीरायोलाइट

🔥 Trending searches on Wiki हिन्दी:

लोक प्रशासनभारत के राज्य तथा केन्द्र-शासित प्रदेशगुदा मैथुनद्वादश ज्योतिर्लिंगशिक्षाभारतेन्दु युगभारत के मूल अधिकार, निदेशक तत्त्व और मूल कर्तव्यप्रथम विश्व युद्धभारतीय रुपयाराजस्थानउत्तर प्रदेश विधान सभारोहित शर्माउत्तर प्रदेश के ज़िलेये रिश्ता क्या कहलाता हैअफ़ज़ल अंसारीनंद्रे बर्गरशिव पुराणपुनर्जागरणरिंकू सिंह (क्रिकेटर)जैन धर्मभारत की राजभाषा के रूप में हिन्दीकासंयुक्त व्यंजनगूगलक़ुरआनसंस्कृत भाषाराम चरण (अभिनेता)ईसाई धर्मनमस्ते सदा वत्सलेमधुयुवक इटली ( यंग इटली )रहना है तेरे दिल मेंभारतीय दण्ड संहिता धारा १४४औरंगज़ेबनवनीत कौरपानीपत का प्रथम युद्धभारतीय संविधान के संशोधनों की सूचीमोहम्मद शहाबुद्दीन (राजनेता)नवदुर्गाकंगना राणावतप्रवर्तन निदेशालयएशियाहनुमानगढ़ी, अयोध्याधनंजय यशवंत चंद्रचूड़इंस्टाग्राममनीष सिसोदियासंज्ञा और उसके भेदगणेशशेयर बाज़ारराजस्थान दिवसअजंता गुफाएँओंकारेश्वर मन्दिरसंजु सैमसनराम नवमीसाक्षात्कारसाँची का स्तूपशिक्षकपठान (फ़िल्म)वायु प्रदूषणकलाराजपाल यादवश्रीमद् रामायणनरेन्द्र मोदीअनुवादउपनिषद्हिन्दू वर्ण व्यवस्थागुड फ़्राइडेराष्ट्रवादभारत का उच्चतम न्यायालयमार्चहिन्दी की गिनतीभारतीय क्रिकेट टीमदमन और दीवबाल वीरनीतीश कुमारसूरदाससाथ निभाना साथियासोनू निगममध्यकालीन भारत🡆 More