उत्तर-पूर्वी भारत जुलाई माह में बाढ़ से पीड़ित हैं। अभी तक के प्राप्त समाचार के अनुसार बिहार के 14 जिलों के 114 प्रखंडों के 1098 पंचायतों की 59 लाख 70 हजार लोग बाढ़ से प्रभावित हैं और सैकड़ों गांव जलमग्न हो गए हैं, वहीं असम में 2633 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। लोगों को बिना बिजली और पीने के पानी के 24 घंटे सांप और खतरनाक जानवरों के बीच रहना पड़ रहा है।
तिथि | मई 2020 (3 साल और 11 माह) |
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स्थान | असम, बिहार
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कारण | अत्यधिक वर्षा |
मृत्यु | 108 |
वेबसाइट | sdmassam.nic.in |
उत्तर बिहार के ज़िलों में सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज एवं पूर्वी चम्पारण के कुल 30 प्रखंडों की 150 पंचायतें आंशिक रूप से प्रभावित हैं। बाढ़ से इस वक्त कई नदियों ने भयावाह रूप धारण कर लिया है, जिनमें कोसी, बागमती और गंडक आदि नदियाँ शामिल हैं। यहां की नौ नदियाँ इस वक्त खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। नेपाल के तराई में निरंतर हो रहे बारिश से स्थिति और बिगड़ती जा रही है, साथ ही नेपाल द्वारा बांध के पानी खोले जाने पर की नदियों का जलस्तर बढ़ते जा रहे हैं। बाढ़ के पानी से दरभंगा का कुशेश्वर स्थान के आस-पास जलस्तर काफ़ी ऊपर चला गया है। वहीं कमला बलान नदी भी रौद्र रूप दिखा रही है, वहीं असम में ब्रह्मपुत्र नदी का रूप भयावाह हो चला है।
बाढ़ से असम में इस वक्त 33 ज़िले प्रभावित हैं, वही 105 लोगों की मृत्यु की जानकारी की पुष्टि हुई है, वहीं भूख से मरने वालों की संख्या 26 बताई जा रही है। बाढ़ के कारण 1.14 लाख हेक्टेयर खेत पानी में डूब चुके हैं। असम में इस साल की बाढ़ में 202 तटबंध और 167 ब्रिज को नुकसान पहुंचा है। कांजीरंगा पार्क भी जल में डूब चुका है। इस कारण वहां की जानवरों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। अभी तक 10 गैंडों की मौत की जानकारी प्राप्त हुई है। वहीं अभी तक कुल 108 जानवरों की मौत हो चुकी है, जबकि 136 को बचा लिये जाने की पुष्टि हुई है।
आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने जाहिर किया है कि बिहार की विभिन्न नदियों के बढ़े जलस्तर को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह से सतर्क है। दरभंगा में इस वक्त दो और गोपालगंज में तीन राहत शिविर चलाए जा रहे हैं, जहां करीब 2,000 लोग रह रहे हैं।
असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने बताया कि असम में 70 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। उन्होंने आगे बताया कि 'असम में बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों और जानवरों को निकाला जा रहा है और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।' असम में इस वक्त 287 राहत शिविर में 47000 लोगों को सुरक्षित रखा जा रहा है। लोगों को अस्पताल और सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए नाव का प्रयोग किया जा रहा है।
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