शिवहर (Sheohar) भारत के बिहार राज्य के शिवहर ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है।MP Board 12th Blueprint 2023 Archived 2022-12-09 at the वेबैक मशीन Bihar Board 12th Model Paper 2023 Archived 2022-12-09 at the वेबैक मशीन MP Board 10th Blueprint 2023 Archived 2022-12-09 at the वेबैक मशीन
शिवहर Sheohar | |
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वट वृक्ष एवं हिंदू मंदिर, थॉमस डैनियल का चित्रण | |
निर्देशांक: 26°30′54″N 85°17′38″E / 26.515°N 85.294°E 85°17′38″E / 26.515°N 85.294°E | |
देश | भारत |
राज्य | बिहार |
ज़िला | शिवहर ज़िला |
ऊँचाई | 80 मी (260 फीट) |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 28,116 |
भाषाएँ | |
• प्रचलित | हिन्दी, मैथिली |
समय मण्डल | भामस (यूटीसी+5:30) |
पिनकोड | 843329 |
दूरभाष कोड | 91 (06222) |
वेबसाइट | seohar |
शिवहर बिहार के तिरहुत प्रमंडल का एक शहर है, जिसका आसपास का क्षेत्र नवगठित शिवहर ज़िला है। इस ज़िले के पूर्व एवं उत्तर में सीतामढ़ी ज़िला, पश्चिम में पूर्वी चम्पारण ज़िला तथा दक्षिण में मुज़फ्फरपुर ज़िला है। शिवहर बिहार का सबसे छोटा एवं आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से अत्यंत ही पिछडा हुआ जिला है। वर्षा एवं बाढ़ के दिनों में इसका संपर्क अपने पडोसी जिलों से भी पूरी तरह कट जाता है। बज्जिका एवं हिन्दी यहाँ की मुख्य भाषाएँ है।
शिवहर पहले मुजफ्फरपुर फिर हाल तक सीतामढी जिले का अंग रहा है। इस क्षेत्र का स्थान हिंदू धर्मशास्त्रों में अति महत्वपूर्ण है। त्रेता युग में भगवान राम की पत्नी देवी सीता का जन्म सीतामढी के निकट पुनौरा में हुआ था। महाजनपद काल में यह वैशाली के बज्जिसंघ फिर मगध साम्राज्य का हिस्सा बना। भौगोलिक दृष्टिकोण से शिवहर तिरहुत का अंग रहा है। १३वीं सदी में मुस्लिम शासन आरंभ होने तक इस क्षेत्र में मिथिला के शासकों ने शासन किया। बाद में भी स्थानीय क्षत्रपों ने यहाँ अपनी प्रभुता कायम रखी लेकिन अंग्रेजों के आने पर यह पहले बंगाल फिर बिहार प्रांत का अंग बन गया। १९०८ ईस्वी में तिरहुत के प्रमंडल बनने पर यह मुजफ्फरपुर जिला का हिस्सा बना। कुछ वर्ष पूर्व ६ अक्टूबर १९९४ को शिवहर को स्वतंत्र जिले का दर्जा मिला।
शिवहर जिला गंगा की सहायक बागमती, जो यहां की मु़ख्य नदी है, के मैदान का हिस्सा है। कुल क्षेत्रफल ४४३ वर्ग किलोमीटर तथा समुद्र तल से औसत ऊँचाई ८० मीटर है। जमीन उपजाऊ है इसलिए सभी प्रकार की फसलें पैदा होती हैं। बागमती नदी शिवहर जिले में पश्चिम दिशा से प्रवेश करती हुई पूर्वी सीमा के साथ-साथ दक्षिण दिशा की ओर बहती है। शिवहर एक लोकसभा क्षेत्र भी है। बेलसंड तथा शिवहर दो विधान सभा क्षेत्र है। प्रशासनिक विभाजन इस प्रकार है:
शिवहर जिले की साक्षरता मात्र ३७% है जो राष्ट्रीय और राजकीय औसत से काफी कम है। महिला साक्षरता की दर अति निम्न (२७·४३%) है। कृषि की पुरानी पद्धति तथा आधारभूत संरचना एवं उद्योगों का अभाव पिछड़ेपन का मूल कारण है। इस जिले में महाविद्यालय या बड़े अस्पताल का अभाव है। बाढ प्रभावित इस जिले में सड़कों का अच्छा नेटवर्क भी नही है| ग्रामीण अधिवास का स्तर अति साधारण है। हिंदी तथा उर्दू शिक्षा का माध्यम है लेकिन बज्जिका सभी की बोली है। कुछ पढे-लिखे लोग अंग्रेजी भाषा का ज्ञान रखते हैं|
शिवहर पहले रामायण काल में मिथिला फिर महाजनपद काल में वैशाली के गौरवपूर्ण बज्जिसंघ का हिस्सा रहा। जिला में तिरहुती और मैथिल संस्कृति की गंध है। शादी-विवाह या अन्य महत्वपूर्ण आयोजनों पर वैदेही सीता और भगवान श्रीराम के विवाह के गीत यहाँ बड़े ही रसपूर्ण अंदाज में गाए जाते हैं। जट-जटिन तथा झिझिया शिवहर जिले का महत्वपूर्ण लोकनृत्य है। जट-जटिन नृत्य राजस्थान के झूमर के समान है। झिझिया में औरतें अपने सिर पर घड़ा रखकर नाचती हैं और अक्सर नवरात्र के दिनों में खेला जाता है। छठ, होली, दिवाली, दुर्गापूजा, मुहर्म, ईद जैसे पर्व हिंदू और मुस्लिम के द्वारा मिलजुलकर मनाए जाते हैं।
धान, गेहूँ, मक्का, दलहन, तिलहन, गन्ना, तम्बाकू
चीनी उद्योग, चावल तथा तेल मिल
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