दिल्ली राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी दिल्ली सरकार के एक स्वायत्त संस्था है। यह 1 नवम्बर 1998 को बनायी गयी एक नोडल एजेंसी है जो राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण सरकार द्वारा वित्तपोषित कार्यक्रम को लागू करने के लिए जिम्मेदार है। समाज का मुख्य उद्देश्य एचआईवी संचरण को रोकने और नियंत्रण करना और राज्य की क्षमता को मजबूत बनाने के लिए लंबे समय तक इस महामारी से उत्पन्न चुनौती का जवाब देना है। समाज के विभिन्न विभागों के माध्यम से विभिन्न घटकों सरकार के संस्थानों और गैर सरकारी संस्थानों में लागू कर रहा है।
सोसाइटी के लक्ष्य और उद्देश्यों को निम्नलिखित की पूर्ति के लिए स्थापित किया गया था:
दिल्ली राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी राजधानी में एचआइवी/एड्स के मामलों पर काबू पाने के लिए भरसक प्रयास कर रही है। यह उपचार के साथ-साथ एहतियात पर भी जोर दे रही है, जिससे संक्रमण के नए मामलों पर कारगर तरीके से काबू पाया जा सका है। सोसाइटी द्वारा तय किया गया कि जिंगल अधिक से अधिक रेडियो चैनलों पर आएंगे और सड़कों के बीचोंबीच बिजली के खम्भों पर छोटे बोर्ड लगाए जाएंगे तथा विश्व-विद्यालयों में भी ऐसा प्रचार किया जायेगा। 5 हजार से अधिक आशा कार्यकत्ताओं, आंगनबाडी कार्यकत्ताओं और एनएम को अपने संबंधित क्षेत्र में जागरुकता लाने के लिए भी 2012 में प्रशिक्षण दिया गया है। इसके अलावा 9 एआरटी केन्द्रों में मुफ्त एन्टी रेट्रो वायरल उपचार उपलब्ध करवाई जा चुकी है। वर्तमान में 9300 एचआईवी पोजीटिव मरीजों का ऐसा उपचार किया जा रहा है जिनमें 39 प्रतिशत महिलाएं और 60 प्रतिशत 15 वर्ष कम आयु के बच्चे हैं। कुल मिलाकर दिल्ली में 23 हजार एचआइवी संक्रमित लोग है जिनमें 9300 को एआरटी केन्द्रों में उपचार दिया जाता है जबकि बाकी समय-समय पर आवश्यकता के अनुसार उपचार के लिए आते हैं। दिल्ली सरकार ने शिशु काल में एचआइवी निदान कार्यक्रम की शुरुआत की है ताकि शुरु से एचआईवी एड्स को जड़ समाप्त किया जा सके। सोसाइटी में देश में पहली बार एक ऐसा कार्यक्रम शुरु किया है जिसके तहत संक्रमण का पता लगते ही फोन पर बिना शुल्क सलाह के लिए हेल्पलाइन चालू की गई है। दिल्ली में कुल जनसंख्या में 0.2 प्रतिशत एचआइवी से ग्रस्त हैं। सोसाइटी इस पर काबू पाने की गतिविधियों में जुटकर काम कर रही है और इसके प्रयासों से पिछले दशक में नए मामलों में 50 प्रतिशत की कमी आई है। वर्तमान में दिल्ली में एआरटी क्लिनिक में 34,133 लोग पंजीकृत हैं जिनमें से 9718 को उपचार की जरूरत है जो उन्हें नौ एआरटी केंद्रों से मुफ्त मिल रहा है।
एड्स के खिलाफ विश्वव्यापी अभियान को गंभीरता से लेते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वह राजधानी के रेडलाइट इलाके में वेश्याओं को कंडोम की तत्काल आपूर्ति करे। न्यायालय ने उस रिट याचिका पर यह निर्देश दिया जिसमें आरोप लगाया गया है कि प्रयोग प्रमाणपत्र उपलब्ध नहीं कराने के कारण सरकार ने इसकी आपूर्ति रोक दी। भारतीय पतिता उद्धार सभा द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर संज्ञान लेते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश देवेन्द्र गुप्ता और न्यायमूर्ति ए के सीकरी की पीठ ने केन्द्र, दिल्ली सरकार और दिल्ली राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी को एक अंतरिम निर्देश में नोटिस जारी करते हुए कहा कि राजधानी के जीबी रोड रेडलाइट इलाके में कंडोम की आपूर्ति तत्काल दोबारा शुरु की जाए। अदालत ने तीनों प्रतिवादियों को निर्देश दिया कि इस जनहित याचिका पर वह अपना जवाब चार सप्ताह के भीतर दें। इस आदेश के साथ हीदिल्ली राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी कंडोम की तत्काल आपूर्ति का काम शुरू कर दिया।
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