अनुवांशिक कूट (genetic code) से आशय उन नियमों से है जिनका उपयोग करके जीवित कोशिकाएँ आनुवांशिक पदार्थ (न्यूक्लिक अम्ल )डीएनए, या न्युक्लिओटाइड त्रिक का mRNA अनुक्रम, या कोडॉन) में कूटबद्ध सूचना को प्रोटीनों में स्थानान्तरित करतीं हैं। कूट का यह स्थानान्तरण (ट्रान्सलेशन) , राइबोसोम द्वारा किया जाता है।सभी प्राणियों का अनुवांशिक कूट (जेनेटिक कोड) बहुत सीमा तक एक समान हैं और इन्हें ६४ प्रविष्टियों वाली एक सारणी द्वारा अभिव्यक्त किया जा सकता है।
आधुनिक ज्ञान के अनुसार कहा जाता है कि किसी भी जीवधारी में प्रोटीन संश्लेषण उन समस्त अनुवांशिक संकेतों के प्रतिबिंब को व्यक्त करता है जो डीएनए में अंतर्निहित रहते हैं और डीएनए में न्यूक्लियोटाइड क्रम विशिष्ट प्रोटीन की संरचना व संश्लेषण की गतिओ का नियंत्रण करके अपना कार्य करते हैं। जॉर्ज बीटल एवं एडवर्ड के द्वारा प्रतिपादित 'एक जीन एक एंजाइम सिद्धान्त' के अनुसार प्रत्येक एंजाइम एक विशेष gene के द्वारा नियंत्रित रहता है तथा एक एंजाइम एक से अधिक जीन के द्वारा नियंत्रित होता है.
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