उत्तरी एशिया या उत्तरी एशिया को कभी-कभी साइबेरिया या यूरेशिया के रूप में भी जाना जाता है, आंशिक रूप से एशिया का एक उपनगरीय क्षेत्र है, जिसमें यूराल पर्वत के पूर्व में रूसी क्षेत्र साइबेरिया, यूराल और रूसी सुदूर पूर्व शामिल हैं। इस क्षेत्र को कभी-कभी एशियाई रूस के रूप में भी जाना जाता है (रूस का क्षेत्रफल एशिया में ज़्यादा है, लेकिन उसका यूरोपीय भाग ज़्यादा घनी आबादी वाला है)।
उत्तरी एशिया के उत्तर में आर्कटिक महासागर, पश्चिम में पूर्वी यूरोप, दक्षिण में मध्य और पूर्वी एशिया और पूर्व में प्रशांत महासागर और उत्तरी अमेरिका स्थित हैं। उत्तर एशिया में लगभग 13,100,000 वर्ग किलोमीटर (5,100,000 वर्ग मील) का क्षेत्र शामिल है। यह पृथ्वी के कुल क्षेत्रफल का 8.8%, या भारत के आकार का लगभग चार गुना है। भले ही क्षेत्रफल के हिसाब से यह एशिया का सबसे बड़ा उप-क्षेत्र क्यों न हो, लेकिन इसकी आबादी सबसे कम है, जो लगभग 33 मिलियन या एशिया की 0.74% आबादी है। उत्तरी एशिया पूरी तरह से रूस द्वारा प्रशासित है, और इस देश के 75% से अधिक क्षेत्र बनाता है, लेकिन इसकी आबादी का केवल 22% हिस्सा यहाँ रहता है। इसका जनसंख्या घनत्व 2.5 व्यक्ति किमी प्रति किमी 2 (6.5 प्रति वर्ग मील) है। पश्चिमी साइबेरिया और कभी-कभार कजाकिस्तान के कुछ क्षेत्रों को आमतौर पर उत्तर-पश्चिम एशिया कहा जाता है;, हालांकि यह नाम कभी-कभी काकेशस या आसपास के प्रांतों को संदर्भित करता है।
यह क्षेत्र पहले सोवियत संघ के अंतर्गत आता था, किंतु उसके विघटन के पश्चात यह रूस के अधीन हो गया। इसलिए आज भी यहाँ की प्रमुख भाषा भी रूसी है। हालाँकि इसके अलावा भी कई भाषाईं यहाँ बोली जाती हैं, लेकिन उनमें से किसी का भी प्रभुत्व रूसी के जितना नहीं है।
फिलिप्स "इलस्ट्रेटेड एटलस ऑफ द वर्ल्ड" द्वारा उत्तरी एशिया को पूर्व सोवियत संघ के रूप में परिभाषित किया गया है।
लगभग 25 से 50 करोड़ वर्ष पहले (यानि पृथ्वी पर मनुष्यों के उभरने से बहुत पहले), साइबेरिया के बहुत से क्षेत्र में भयंकर ज्वालामुखीय विस्फोट हुए जो क़रीब 10 लाख साल तक चलते रहे। माना जाता है के इनकी वजह से पृथ्वी पर मौजूद 90% जीवों की नस्लें मारी गई।[1] साइबेरिया के पठार की ज़मीन इन्ही विस्फोटों में उगले गए लावा से बनी हुई है।
साइबेरिया में मानव उपस्थिति के चिह्न लगभग 40,000 साल पुराने हैं। समय के साथ यहाँ बहुत सी जातियाँ बस गयी या उत्पन्न हुई, जिनमें यॅनॅत, नॅनॅत, एवेंक, हूण, स्किथी और उईग़ुर शामिल हैं। 13वी सदी में साइबेरिया पर मंगोल क़ब्ज़ा हो गया और 14वी सदी में एक स्वतन्त्र साइबेरियाई सल्तनत स्थापित हुई। मंगोलों के दबाव से बयकाल झील के पास बसने वाले याकुत लोग उत्तर की ओर जा कर बस गए।[2] यहाँ पर अपने ठिकानों से मंगोल पश्चिम की ओर रूस पर भी हमला किया करते थे। 16वी शताब्दी में रूस की शक्ति बढ़ने लगी और वे पूर्व की ओर फैलने लगे। पहले व्यापारी और इक्के-दुक्के सैनिक साइबेरिया पहुँचे और उनके पीछे रूसी सेना ने आकर यहाँ अड्डे और लकड़ी के क़िले बनाने शुरू कर दिए। 17वी सदी के मध्य तक रूसी नियंत्रण फैलकर प्रशांत महासागर तक पहुँच चुका था। सन् 1709 में साइबेरिया की कुल रूसी नस्ल की आबादी 2,30,000 थी।[3]
19वी शताब्दी के अंत तक साइबेरिया एक पिछड़ा और बहुत ही कम जनसँख्या वाला क्षेत्र रहा। यहाँ रूस की शाही सरकार अपने राजनैतिक क़ैदी भेजा करती थी, क्योंकि यहाँ हज़ारों मील तक फैले बर्फ़ीले मैदान को कोई भगा हुआ क़ैदी भी पार नहीं कर सकता था। 1891-1916 के काल में ट्रांस-साइबेरियाई रेलमार्ग बना जिसने रूस के औद्योगिकी-पूर्ण पश्चिमी भाग से साइबेरिया का नाता जोड़ा। समय के साथ-साथ साइबेरिया की आबादी बढ़ती गयी। यहाँ का सबसे बड़ा आर्थिक व्यवसाय धरती से धातुओं, कोयला और अन्य पदार्थों का निकालना था।
सोवियत संघ के ज़माने में यहाँ कैदियों को रखने के लिए बड़े अड्डे बनाए गए, जिन्हें "गुलाग" कहा जाता था।[4] अनुमान किया गया है कि इन गुलागों में लगभग 1.4 करोड़ लोगों को भेजा गया। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान खाना कम पड़ने से 5 लाख से अधिक कैदियों ने इन गुलागों में अपना दम तोड़ दिया।[5] सोवियत नीति के अनुसार अगर सोवियत संघ के किसी भाग में कोई राष्ट्रिय समुदाय शक़ की नज़र से देखा जाने लगे तो कभी-कभी पूरे समुदायों को देश-निकला देकर साइबेरिया भेज दिया जाता था।[6]
यूरेशियन महाद्वीप के उत्तरी भाग में स्थित है, पश्चिम यूराल पर्वत की सीमा पर यूरोपीय उत्तर के साथ संपर्क आर्कटिक महासागर का सामना करना पड़, पूर्व बेरिंग सागर भर में उत्तरी अमेरिकी महाद्वीप दक्षिण से सटे पूर्वी एशिया और मध्य एशिया से सटे करने के लिए। पश्चिमी साइबेरियाई तराई पश्चिमी उत्तर एशिया में फैली हुई है, और ओब नदी और येनिसी नदी बहती है। पूर्वी और दक्षिणी क्षेत्रों में समुद्र का स्तर ऊंचा है।
क्योंकि यह एक उच्च अक्षांश पर है, ऐसे कई क्षेत्र हैं जो ठंडे क्षेत्र से संबंधित हैं , और सर्दियों में तापमान बहुत कम है। आर्कटिक तट समशीतोष्ण क्षेत्र है।
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