सेवासदन हिंदीके प्रसिद्ध उपन्यासकार प्रेमचंद द्वारा लिखल उपन्यास बा। १९१८ ई.
में प्रकाशित इ उपन्यास प्रेमचंद के हिंदी में प्रसिद्ध कर दिहले वा। एकर पहले उ उर्दू में लिखत रहलें। सेवासदन स्त्री जीवन पर आधारित उपन्यास वा।
लेखक | मुंशी प्रेमचंद |
---|---|
देस | भारत |
भाषा | हिंदी |
बिधा | उपन्यास |
छपे के तिथी | 19१८ |
मीडिया प्रकार | छापा (हार्डबैक & पेपरबैक) |
सुमन ई उपन्यास के कथानायिका वा। ओकर बाप कृष्णचंद्र एगो ईमानदार दरोगा रहलें। दहेज के जुटावे खातिर उनखा रिश्वत लेवे पड़ल। थाना के दूसर करमचारी हिस्सा न मिले से दुखी होके कृष्णचंद्र के पकड़ा दिहले। सुमन के अपन माय गंगाजली तथा छोटकी बहिन शांता के साथ मामा के यहाँ जाय पड़ल। दहेज के बिना ओकर तय शादी टूट गइल और अंत में दुहाजू गजाधर के साथ बियाह करे पड़ल।
गजाधर के संगे सुमन शहर में आ गइल। उ अपन पड़ोसन भोली बाई के वेश्या रहे पर भी बड़ी पूछ होते देखलक। भोली बाई के मंदिर में बुलावल जात रहले। ओकर ुत्सव में शहर के बड़कन लोग आवत रहले। शहर के वकील पद्म सिंह के हियाँ भी बालक जन्म पर ओकरे नाच रखल गेल। इधर सुमन के कोई न पूछत रहले। ओकर दिन गरीबी में हर चीज ला तरसत जाला। पति ओकरा पर दुष्चरित्र होवे के शक करे लागल। दुन्हु जना के बीच खूब झगड़ा होवे लागल। एक रात गजाधर सुमन के घर से निकाल दिहले।
बेघर सुमन के भोली सहारा दिहले वा। भोली की संगती में सुमनो दालमंडी में जाय के फैसला कर लेलक।
सुमन के दशा देखके पद्म सिंह, बिट्ठल दास आदि अपना के दोषी समझे लगलन। नगर निगम के चुनाव में पद्म सिंह के जितला के बाद दाल मंडी के हटावे के खातिर नियम बनावल गेल। अंत में सुमन दालमंडी छोड़ के सेवासदन के स्थापना कइले वा। ओकरा में उ वेश्याओं की लड़कियन के शिक्षा, हस्तकला, गीत आदि सिखावे देवे लगल।
This article uses material from the Wikipedia भोजपुरी article सेवासदन, which is released under the Creative Commons Attribution-ShareAlike 3.0 license ("CC BY-SA 3.0"); additional terms may apply (view authors). सामग्री CC BY-SA 4.0 की तहत उपलब्ध बा जबले कि अलगा से बतावल न गइल होखे। Images, videos and audio are available under their respective licenses.
®Wikipedia is a registered trademark of the Wiki Foundation, Inc. Wiki भोजपुरी (DUHOCTRUNGQUOC.VN) is an independent company and has no affiliation with Wiki Foundation.