रज्जुकी

रज्जुकी प्राणी जगत् का एक संघ है जिसमें कशेरुकी और कई निकट रूप से सम्बन्धित अकशेरुकी शामिल हैं। सभी रज्जकियों में, उनके डिम्भ या वयस्क चरणों के दौरान, पांच प्राथमिक शारीरिक विशेषताएँ होती हैं, जो उन्हें अन्य सभी श्रेणियों से भिन्न करती हैं। इन पांच विशेषताओं में एक पृष्ठरज्जु, कोटर पृष्ठीय तन्त्रिका रज्जु, अधोग्रसनी खाँच या अवटु, ग्रसनीय रेखाछिद्र (क्लोम) और एक पश्च-गुदा पुच्छ शामिल हैं। रज्जुकी नाम इन विशेषताओं में से प्रथम से आता है, पृष्ठरज्जु, जो रज्जुकी संरचना और गति में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। रज्जुकी द्विपार्श्विक सममित, प्रगुहीय, और बन्द परिसंचरण तन्त्र युक्त होते हैं, तथा मध्यावयवी खण्डीभवन प्रदर्शित करते हैं।

रज्जुकी
रज्जुकी
रज्जुकी वैविध्य
वैज्ञानिक वर्गीकरण
जगत: प्राणी
संघ: रज्जुकी
उपसंघ

शरीर रचना

रज्जुकी प्राणियों का एक समूह बनाते हैं, जो उनके जीवन के किसी चरण में निम्नलिखित सभी संरचनात्मक विशेषताओं द्वारा परिभाषित होते हैं:

  • पृष्ठरज्जु: उपास्थि की एक कठोर छड़ जो शरीर के भीतर तक फैली होती है। रज्जुकी के कशेरूकी उपसंघ के प्राणियों में पृष्ठ रज्जु भ्रूण अवस्था में पाई जाती है। वयस्कावस्था में पृष्ठरज्जु अस्थिल अथवा उपास्थिल मेरुदण्ड में विकसित हो जाती है।
  • पृष्ठीय तन्त्रिका रज्जु: कशेरुकियों में, यह मेरुरज्जु में विकसित होता है, जो तन्त्रिका तन्त्र का मुख्य संचार अंग है।
  • ग्रसनीय रेखाछिद्र: ग्रसनी मुख के ठीक पीछे कण्ठ का भाग है। मछली में, इस रेखाछिद्र को क्लोम बनाने हेतु संशोधित किया जाता है, किन्तु कुछ अन्य रज्जुकियों में वे एक निस्यन्दक भोजी तन्त्र का हिस्सा होते हैं जो भोजन के कणों को उस पानी से निकालता है जिसमें प्राणी रहते हैं। चपुष्पादों में, वे केवल विकास के भ्रूण चरणों के दौरान उपस्थित होते हैं।
  • पश्च-गुदा पुच्छ: एक मांसल पुच्छ जो गुदा के पीछे की ओर फैली होती है। कुछ रज्जुकियों जैसे मानव में, यह केवल भ्रूणावस्था में उपस्थित होता है।
  • अधोग्रसनी खाँच: यह ग्रसनी की उदर दीवार में एक खाँच है। निस्यन्दक भोजी जातियों में यह खाद्य कणों को एकत्रित करने हेतु श्लेष्मा उत्पन्न करता है, जो भोजन को ग्रासनली तक पहुंचाने में सहायता करता है। यह आयोडीन भी संग्रहीत करता है, और कशेरुकी अवटु ग्रन्थि का पूर्वगामी हो सकता है।
रज्जुकी 
शीर्षरज्जुकी ऐम्फिऑक्सस का शरीर रचना आरेख। उनके जीवनकाल में किसी बिन्दु पर सभी रज्जकियों के घटक निम्नलिखित होते हैं (2)पृष्ठरज्जु (3)पृष्ठीय तन्त्रिका रज्जु (4)पश्च-गुदा पुच्छ (10)ग्रसनीय रेखाछिद्र (क्लोम)

वर्गीकरण

Tags:

🔥 Trending searches on Wiki हिन्दी:

भारत के राज्य तथा केन्द्र-शासित प्रदेशजीमेलअंतर्राष्ट्रीय मज़दूर दिवसरिंकू सिंह (क्रिकेटर)भामाशाहभक्तिकाल के कविसिकंदर रजाभारतीय संसदअनुवादहाथीबहुजन समाज पार्टीरविदासभारत के विदेश मंत्रीकरीना कपूरअल्लू अर्जुनमृत्युभारत का केन्द्रीय मंत्रिमण्डलपठान (फ़िल्म)दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगेअफ़ीमसीताभारत में इस्लामपाण्ड्य राजवंशदीपिका चिखलियानैना देवी मंदिर, हिमाचल प्रदेशजैन धर्मगुरु नानकमानव मस्तिष्कराष्ट्रवादजल प्रदूषणदेवों के देव... महादेवसमलैंगिक विवाहसुखबीर सिंह बादलआकाशगंगाछोटी मातादिल्ली मेट्रोहरित क्रांति (भारत)जनजातिकैटरीना कैफ़तार सप्तकभारत के मूल अधिकार, निदेशक तत्त्व और मूल कर्तव्यग़बन (उपन्यास)हिंदी साहित्य का इतिहास (पुस्तक)रानी लक्ष्मीबाईदशहराबाजीराव प्रथमहिमाचल प्रदेशसर्वनामरसायन विज्ञानविज्ञापनलड़कीसमुद्रगुप्तकार्ल मार्क्सख़िलाफ़त आन्दोलनपूजा हेगड़ेनेस वाडियादर्शनशास्त्रशास्त्रीय नृत्यअनुच्छेद ३७०भक्ति आन्दोलनशोले (1975 फ़िल्म)बद्रीनाथ मन्दिरबरगदविनेश फौगाटसाथ निभाना साथियाएडोल्फ़ हिटलरचम्पारण सत्याग्रहपृथ्वीमध्य प्रदेश के ज़िलेभारत के गवर्नर जनरलों की सूचीनौबतपुर, पटनाक्रिकेट के नियमधर्मेन्द्रलोकतंत्रचार्वाक दर्शनजाटअमीर ख़ुसरोइंडियन प्रीमियर लीगभारतीय संविधान सभा🡆 More