मोबाइल कंप्यूटिंग एक सामान्य शब्द है जो गतिशील अवस्था में प्रौद्योगिकी का उपयोग करने की क्षमता का वर्णन करता है, पोर्टेबल कंप्यूटर के ठीक विपरीत, जो केवल तभी प्रयोग में लाये जा सकते हैं जब उन्हें स्थिर अवस्था में रखा जाए। मोबाइल कंप्यूटिंग में सामान्यतः यात्रा के दौरान इंटरनेट प्रयोग के लिए कई तकनीकों को समाहित किया जाता है। नोटबुक कंप्यूटरों से लेकर ब्लैकबेरी और आईफोन तक और साधारण मोबाइल फोन उपकरणों, जैसे पर्सनल डिजिटल एसिस्टेंट (पीडीए) के माध्यम से मोबाइल कंप्यूटिंग काफी प्रयोग में है। मोबाइल, लैपटॉप और नोटबुक कंप्यूटर में यात्रा के समय दो तरह की बेतार यानि वायरलेस एक्सेस सेवा का प्रयोग संभव है। अधिकतम होने वाली और सबसे सस्ती सेवा वाइफाई है, जिसके माध्यम से एक वायरलेस राउटर के द्वारा इंटरनेट सिग्नल कंप्यूटर तक पहुंचता है। वाइफाई का अधिकांश प्रयोग सार्वजनिक स्थानों, जैसे विमानक्षेत्र, कंपनियों, कार्यालयों आदि में किया जाता है। किन्तु इसकी कमी यह है कि इसे हॉटस्पॉट बनाना होता है और फिर उसे प्रसारण सीमा के भीतर ही सीमित रखना होता है। वाइफाई का विकल्प एक सेल्युलर ब्रॉडबैंड होता है। इसमें एक मोबाइल सेल्युलर मॉडम या एयरकार्ड के द्वारा मोबाइल टावरों से संपर्क किया जाता है। फिर इस एयरकार्ड को नोटबुक के पीसी कार्ड या एक्सप्रेस कार्ड में लगाया जाता है, जिससे यात्रा में इंटरनेट का प्रयोग हो सकता है। इसके बाद उपयोक्ता को जहां भी भी सेल्युलर सेवा उपलब्ध होती है, ब्रॉडबैंड का सिग्नल स्पष्ट मिलता रहता है। सेल्युलर ब्रॉडबैंड से मोबाइल फोनों को भी इंटरनेट सिग्नल मिलता है।
मोबाइल कंप्यूटिंग के साथ ही जुड़ा शब्द है क्लाउड कंप्यूटिंग। इसमें नेटवर्क जैसी सुविधाएं उपलब्ध होती हैं जिससे फील्डवर्कर जालस्थल सेवाओं का भी लाभ उठाया जा सकता है। मोबाइल कंप्यूटिंग में इंटरनेट के माध्यम से कंपनी के वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) का भी संपर्क संभव होता है। वर्तमान युग में मोबाइल कंप्यूटिंग के द्वारा दैनिक कामकाज भी किये जाते हैं। इसलिये ईमेल सुविधाओं, सामाजिक नेटवर्क जैसे ट्विटर, स्काइपे और क्लाउड कंप्यूटिंग तथा वीपीएन तक उपयोक्ता जुड़े हुए हैं।
सन् १९९० के बाद से कई प्रकार के मोबाइल कंप्यूटर प्रदर्शित किये जा चुके हैं, जिनमे से कुछ हैं:
मोबाइल इंटरनेट में प्रायः सीधे केबल कनेक्शन की तुलना में धीमी जैसे कि जीपीआरएस और एड्ज और हाल ही में बनी ३जी नेटवर्क तकनीकों का उपयोग होता है। ये नेटवर्क आम तौर पर एक कमर्शियल सेल फोन टॉवर की रेंज में उपलब्ध हैं। उच्च गति की बेतार लैन कम खर्चीली होती हैं, किन्तु इनका परास बहुत सीमित है।
मोबाइल पर काम करते समय व्यक्ति एक सार्वजनिक नेटवर्क पर निर्भर होता है, जिससे वीपीएन का सावधानीपूर्वक उपयोग करने की आवश्यकता है।
जब एक पॉवर आउटलेट या पोर्टेबल जनरेटर उपलब्ध नहीं हो तो मोबाइल कंप्यूटर को पूरी तरह से बैटरी की शक्ति पर निर्भर होना चाहिए। कई मोबाइल उपकरणों के छोटे आकार के साथ इन्हें जोड़ने का प्रायः यह मतलब है कि आवश्यक बैटरी लाइफ प्राप्त करने के लिए असामान्य रूप से महंगी बैटरियों का प्रयोग किया जाना चाहिए।
मौसम, क्षेत्र और निकटतम सिग्नल बिन्दु की रेंज, ये सभी सिग्नल को प्राप्त करते समय हस्तक्षेप कर सकते हैं। सुरंगों में, कुछ इमारतों और ग्रामीण क्षेत्रों में कई बार इनका प्रदर्शन खराब होता है।
ज्यादातर कार दुर्घटनाएं उन चालकों से संबंधित हैं जो मोबाइल उपकरण के माध्यम से बात कर रहे होते हैं। सेल फोन संवेदनशील चिकित्सा उपकरणों में हस्तक्षेप कर सकते हैं। ऐसे भी मामले हैं कि सेल फोन सिग्नल स्वास्थ्य समस्याएँ उत्पन्न कर सकते है।
स्क्रीन और कीबोर्ड (कुंजीपटल) छोटे होते हैं, जिसके कारण उन्हें प्रयोग करना मुश्किल हो सकता है। वैकल्पिक इनपुट विधियाँ जैसे कि स्पीच या हैंडराईटिंग/लिखावट पहचान के लिए प्रशिक्षण की आवश्यकता है।
विकिमीडिया कॉमन्स पर Mobile computers से सम्बन्धित मीडिया है। |
This article uses material from the Wikipedia हिन्दी article मोबाइल कम्प्यूटिंग, which is released under the Creative Commons Attribution-ShareAlike 3.0 license ("CC BY-SA 3.0"); additional terms may apply (view authors). उपलब्ध सामग्री CC BY-SA 4.0 के अधीन है जब तक अलग से उल्लेख ना किया गया हो। Images, videos and audio are available under their respective licenses.
®Wikipedia is a registered trademark of the Wiki Foundation, Inc. Wiki हिन्दी (DUHOCTRUNGQUOC.VN) is an independent company and has no affiliation with Wiki Foundation.