गूगल ऐप्स

गूगल ऐप्स या जी सूट गूगल की एक सेवा है, जो एक कस्टम डोमेन नाम के तहत गूगल (Google) उत्पादों के अनुकूलित किए जाने योग्य (कस्टमाइज़ेबल) कई संस्करणों को स्वतंत्र रूप से उपलब्ध कराती है। इसमें जीमेल (Gmail), गूगल (Google) समूह, गूगल (Google) वेब, गूगल (Google) कैलेंडर, टॉक, डॉक्स तथा साइट समेत पारंपरिक कार्यालय समूहों के कार्यात्मक रूप से समान कई वेब अनुप्रयोग उपलब्ध रहते हैं।

जी सूट Gmai id
गूगल ऐप्स
डेवलपर गूगल
ऑपरेटिंग सिस्टम कोई भी (वेब आधारित अनुप्रयोग)
प्रकार वेब उत्पादकता उपकरण
लाइसेंस मालिकाना
वेबसाइट www.google.com/work/apps/business/

मानक संस्करण (स्टैंडर्ड एडिशन) मुफ़्त है तथा नियमित जीमेल खातों की तरह ही भंडारण की समान मात्रा उपलब्ध कराता है। प्रमुख संस्करण (प्रीमियर एडिशन), जो अतिरिक्त ई-मेल भंडारण क्षमता प्रस्तुत करता है और एक वार्षिक शुल्क पर उपलब्ध है। शिक्षण संस्करण (एडुकेशन एडिशन) मुफ़्त है तथा इसमें मानक एवं प्रमुख संस्करणों की विशेषताओं का संयोजन रहता है।

इतिहास

    24 मई 2010

गूगल ने घोषणा की कि अगली पीढ़ी (केवल अमेरिकी अंग्रेजी में) में गूगल वेब उन डोमेनों के लिए उपलब्ध होगा, जो गूगल ऐप्स द्वारा पोषित (होस्ट) किए गए हों. गूगल वेब, वेब पर एक लाइव साझा किया गया स्थान है जहां लोग समृद्ध रूप से प्रारूपित पाठों, तस्वीरों, नक्शों के साथ और भी कई चीजों के जरिए साथ मिलकर चर्चा तथा कार्य करते हैं। अद्यतन जानकारी: 2 महीने बाद 4 अगस्त 2010 को गूगल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष उर्स हॉले (Urs Hölzle) ने घोषणा की कि गूगल अपने गूगल वेब के विकास को रोक देगा।

    15 सितम्बर 2009

गूगल ने घोषणा की कि यह गोवक्लाउड (GovCloud) प्रदान करेगा, जो गूगल ऐप्स को एक पृथक डेटा परिवेश में पोषित करेगा, जिसमें राज्य तथा सरकार की सुरक्षा मानकों पर खरा उतरने हेतु एक परिवर्धित कूटलेखन (encryption) शामिल होगा।

    7 जुलाई 2009

गूगल ने गूगल ऐप्स के तहत आने वाली सभी सेवाओं को ‘बीटा’ दर्ज़े से उन्नत किया।

    9 जून 2009

गूगल ने माइक्रोसॉफ़्ट आउटलुक (Microsoft Outlook) के लिए गूगल ऐप्स सिंक (Apps Sync) की शुरुआत की, जिससे कंपनियां अपने ई-मेल बॉक्सों को ‘एक्सचैंज’ से गूगल ऐप्स में लाने के लिए माइक्रोसॉफ़्ट एक्सचैंज सर्वर (Microsoft Exchange Server) के संचालन में सक्षम हुईं..

    1 अप्रैल 2009

गूगल ने मेल इंटरफ़ेस के लिए थीम समर्थन शामिल किया।

    29 जनवरी 2009

गूगल ने गूगल ऐप्स को ‘गूगल लैब्स सूट’ में शामिल किया। इससे प्रयोक्ता अपने-अपने उपकरणों को ‘ऑफ़लाइन’, ‘टास्क’ तथा ‘वेकैशन टाइम’ जैसे इनबॉक्स में शामिल कर सकते हैं।

    14 जनवरी 2009

गूगल ने मानक संस्करण डोमेन में अतिरिक्त उपयोगकर्ताओं को शामिल करने की क्षमता को हटा दिया और नए मानक संस्करण डोमेन को 50 उपयोगकर्ताओं (पिछले 100 से कम) तक सीमित कर दिया।

    1 दिसम्बर 2008

गूगल ने नए गूगल खातों के लिए ‘स्टार्ट पेज़’ विकल्प को हटाया. स्पष्ट रूप से वे नए प्रयोक्ताओं को साइटों के प्रयोग के लिए परिवर्तित करने का प्रयास कर रहे हैं।

    सितम्बर 2008

‘गूगल पेज़ क्रिएटर’ तथा फ़ाइल अपलोडर को नए गूगल ऐप्स अनुप्रयोगों के लिए एक उपलब्ध सेवा के रूप में विस्थापित किया गया।

    28 फ़रवरी 2008

गूगल ने घोषणा की कि गूगल साइट्स (Google Sites) गूगल ऐप्स द्वारा पोषित किए डोमेन के लिए उपलब्ध होंगे। गूगल साइट्स वेबसाइटों के सहयोगपूर्ण संपादन की अनुमति देता है तथा प्रयोक्ता को अपनी साइटों पर तस्वीरों एवं वीडियो के अपलोड की अनुमति देता है।

    12 अक्टूबर 2007

गूगल ने घोषणा की कि गूगल ऐप्स के प्रयोग वाले डोमेनों के लिए ई-मेल भंडारण में वृद्धि होगी। प्रमुख संस्करण खातों में अब प्रत्येक में 25 जीबी का स्थान होगा (जो कि पूर्व में 10 जीबी था)। मानक तथा शैक्षणिक संस्करण खातों में जीमेल काउंटर के समान ही स्थान होगा (पहले यह अगस्त 2008 तक 2 जीबी और लगभग 7 जीबी था)।

    3 अक्टूबर 2007

गूगल ने घोषणा कि हाल में अधिग्रहित पोस्टिनी (Postini) की “सुरक्षा, अनुरूपता, नीति प्रबंधन तथा संदेश पुनर्प्राप्ति सेवाओं” को गूगल ऐप्स के प्रमुख संस्करण में समाकलित कर दिया जाएगा.

    जून 2007

आइएमएपी (IMAP) ई-मेल सेवाओं से ई-मेलों का हस्तांतरण कर गूगल ऐप्स में शामिल कर दिया गया।

    22 फ़रवरी 2007

गूगल ने उपक्रम के लिए तथा सभी ऐप्स सेवाओं हेतु पंजीकरण को सार्वजनिक करने के लिए एक प्रमुख संस्करण की शुरुआत की। वहीं सभी उत्पादों को एकीकृत किया गया तथा ऑनलाइन कंट्रोल पैनल को फिर से तैयार किया गया।

    अक्टूबर 2006

गूगल ने शिक्षण संस्थानों को सेवा के लिए पंजीकृत (साइन-अप) करने की भी अनुमति दी, जिसे ‘गूगल ऐप्स फॉर एडुकेशन’ का नाम दिया गया। गूगल ऐप्स का एक बड़ा क्रियान्वयन थंडर बे के लेकहेड विश्वविद्यालय, ऑंटैरियो, कनाडा में किया गया, जहां 38,000 प्रयोक्ताओं के पास जीमेल तथा इन-ब्राउज़र आइएम (IM) की सक्षमता है।

    अगस्त 2006

गूगल ने इस सेवा का विस्तार किया तथा आपके डोमेन के लिए, गूगल ऐप्स का विकास किया, जिसमें गूगल कैलेंडर, गूगल टॉक, तथा गूगल पेज़ क्रिएटर समेत हाल की गूगल सेवाओं को शामिल किया गया। बाद में गूगल ने सभी खातों में एक "स्टार्ट पेज़" जोड़ा जो उनके गूगल सेवाओं पर आधारित था।

    फरवरी 2006

गूगल ने ‘जीमेल फ़ोर योर डोमन’ का निर्माण किया, जिसमें केवल बीटा को शामिल किया गया, जिसके जरिए जीमेल का इस्तेमाल कस्टम डोमेन नाम के साथ किया जा सकता था। इसमें 2 जीबी की ई-मेल (e-mail) भंडारण क्षमता तथा जीमेल की कई मानक विशेषताएं शामिल थीं।

संस्करणों के बीच के अंतर

किसी एक निश्चित समय में सक्रिय होने वाले प्रयोक्ताओं की संख्या के लिहाज से प्रत्येक संस्करण की एक सीमा है। गूगल ऐप्स ने 200 प्रयोक्ताओं की एक पूर्व-तय संख्या का आबंटन किया, जिसे घटाकर 100 प्रयोक्ताओं तक कर दिया गया। इसके अलावा एक मैनुअल प्रक्रिया के द्वारा प्रयोक्ता अपनी प्रयोग-सीमा को बढ़ाने की मांग कर सकते हैं, जिसकी स्वीकृति में 1-2 हफ्तों का (कम से कम) समय लगता है। जनवरी 2009 में अधिकतम सीमा को बदल दिया गया, ताकि सभी नए खातों को 100 की बजाए अब केवल 50 प्रयोक्ता ही मिले तथा बिना भुगतान किए अधिक की मांग न की जा सके। इसे गूगल ऐप्स के व्यावसायिक पुनर्विक्रेता कार्यक्रम की शुरुआत से इसे जोड़ते हुई इसकी पुष्टि की गई। उनके अधिक प्रयोक्ताओं की ‘मांग’ की योग्यता के अलावा जनवरी 2009 से पहले मौजूदा मानक संस्करणों के प्रयोक्ताओं ने अपने पुराने आबंटन रखे थे, यद्यपि इन सीमा मांगों का जवाब अब प्रायः ‘अपने सब्स्क्रिप्शन को उन्नत करें’ के साथ दिया जाता है।

गूगल ऐप्स संस्करण के सब्स्क्रिप्शन स्तर का बिल ऐप्स खातों में उपलब्ध प्रयोक्ताओं की कुल संख्याओं के आधार पर बनाया जाता है तथा संस्करण की विशेषताएं उस सब्सक्रिप्शन के सभी प्रयोक्ता खातों पर लागू होंगी. प्रयोक्ता के किसी उपसमूह के लिए उद्यतन को खरीदना संभव नहीं: प्रयोक्ता की सीमा को बढ़ाने के लिए सब्स्क्रिप्शन सभी खातों के लिए खरीदे जाएं. उदाहरण के लिए “स्टैंडर्ड” के 50 पयोक्ताओं की सीमा से 60 में उन्नयन करने के लिए 60 प्रयोक्ताओं के लिए भुगतान करना होगा, चाहे वे इस्तेमाल किए गए हों अथवा नहीं।

    मानक संस्करण
  • मुफ़्त
  • नियमित जीमेल डॉट कॉम खातों के समान ही भंडारण क्षमता (सितम्बर 22, 2010 तक लगभग 7500 एमबी)
  • पाठ वाले विज्ञापन अनिवार्य
  • 50 प्रयोक्ताओं तक सीमित
  • ई-मेल ऐटेचमेंट 25 मेगाबाइट से अधिक की नहीं हो सकती.
  • प्रति ई-मेल खाते से प्रतिदिन 500 बाह्य प्राप्तकर्ता को भेजने की सीमा.
    प्रमुख संस्करण
  • 50 यूएसडी/40 यूरो/33 जीबीपी/ खाता / वर्ष
  • ई-मेल खाते के लिए 25 जीबी का स्थान
  • पाठ वाले विज्ञान वौकल्पिक
  • समाकलित पोस्टिनी “सुरक्षा, अनुरूपता, नीति प्रबंधन तथा संदेश पुनर्प्राप्ति सेवाएं.
  • सम्मेलन कक्ष/ संसाधन का कार्यक्रम
  • 99.9% ई-मेल अपटाइम की गारंटी
  • एकल साइन ऑन आदि के लिए एपीआइ (APIs)
  • 24/7 फ़ोन पर सहायता
  • तीसरे पक्ष अनुप्रयोग तथा सेवाएं
  • गूगल वीडियो (यू-ट्यूब का निज़ी कंपनी संस्करण)
  • प्रति ई-मेल खाता, प्रतिदिन 2000 बाह्य प्राप्तकर्ता को भेजने के लिए सीमित
    शिक्षण संस्करण
    निम्न को छोड़कर प्रमुख संस्करण के समान:
  • "मान्यताप्राप्त अलाभ वाले के-12 स्कूलों, कॉलेजों तथा विश्वविद्यालयों" के लिए मुफ़्त.
  • शिक्षकों, कर्मचारियों या छात्रों के लिए विज्ञापन नहीं।
  • पंजीकृत छात्रों, अलाभ के पद वाले कर्मचारियों या स्वयंसेवियों से अलग खातों के लिए गूगल विज्ञापन की सेवा दे सकता है।
  • नियमित जीमेल डॉट कॉम के समान भंडारण क्षमता (22 सितम्बर 2009 तक 7500 एमबी)।

गूगल खाते के प्रकार के अधार पर सेवाएं उपलब्ध

नॉन-गूगल एड्रेस जीमेल (Gmail) एड्रेस गूगल एप्लिकेशन (Google Apps) अकाउंट
जीमेल (Gmail) नहीं हां हां (डोमेन नाम की आवश्यकता)
गूगल एप्लिकेशन सिंक्रोनाइज़ेशन (Google Apps Sync) नहीं हां (माइक्रोसॉफ्ट एक्सचेंज का उपयोग) हां
गूगल कैलेंडर नहीं हां हां
गूगल संपर्क नहीं हां हां (बीटा के रूप में सूचीबद्ध)
गूगल संपर्क सिंक्रोनाइज़ेशन नहीं हां (माइक्रोसॉफ्ट एक्सचेंज का उपयोग) हां
गूगल डॉक्स नहीं हां हां
गूगल ग्रुप्स नहीं हां हां
गूगल साइट नहीं हां हां
गूगल टास्क नहीं हां हां
गूगल वीडियो नहीं हां हां
गूगल वॉइस नहीं हां नहीं
गूगल वेब नहीं हां हां

इन्हें भी देखें

  • कार्यालय सुइट्स की तुलना
  • ऑनलाइन ऑफिस सुइट

सन्दर्भ

आगे पढ़ें

बाहरी कड़ियाँ

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