न्यायमूर्ति अन्ना चांडी (४ मई १९०५ – २० जुलाई १९९६) भारत की पहली महिला न्यायाधीश थीं। वे १९३७ में एक जिला अदालत में भारत में पहली महिला न्यायाधीश बनीं। वे भारत में पहली महिला न्यायाधीश तो थी ही, शायद दुनिया में उच्च न्यायालय के न्यायधीश के पद (१९५९) तक पहुँचने वाली वे दूसरी महिला थीं।
अन्ना चांडी | |
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न्यायमूर्ति श्रीमती अन्ना चांडी | |
जन्म | अन्ना ४ मई १९०५ त्रावणकोर |
मौत | जुलाई 20, १९९६ केरल | (उम्र 91)
राष्ट्रीयता | भारतीय |
पेशा | न्यायाधीश |
संगठन | केरल उच्च न्यायालय |
पदवी | माननीय न्यायमूर्ति |
प्रसिद्धि का कारण | भारत की पहली न्यायाधीश |
अवधि | ९ फ़रवरी १९५९ से ५ अप्रैल १९६७ तक |
धर्म | ईसाई |
न्यायमूर्ति चांडी का जन्म 4 मई 1905 को भारत के तत्कालीन त्रावणकोर राज्य (अब केरल) में एक मलयाली सीरियाई ईसाई माता पिता के यहाँ हुआ था।
वे 1928 में न्यायालयी सेवा में आयीं और उन्हें सर सी.पी.रामास्वामी द्वारा जो त्रावणकोर के तत्कालीन दीवान थे, जिला न्यायाधीश (मुंसिफ) के रूप में नियुक्त किया गया। वे केरल उच्च न्यायालय में 9 फ़रवरी 1959 से 5 अप्रैल 1967 तक न्यायाधीश के पद पर कार्यरत रहीं। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होने भारत के कानूनी क्षेत्र में महिलाओं के कैरियर रूपी आशाओं को जन्म दिया।
२० जुलाई १९९६ को उनका निधन हो गया।
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