स्वरूप सिंह
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डांगरी पूर्व राजपूताना के बड़े ठिकानों में से एक है। जैसलमेर के पूर्व राजगद्दी वारिस होने के नाते पूर्व जैसलमेर महारावल जवाहर सिंह ने इन्हें जैसलमेर से बाहर कर दिया था। बिहारीदासोत भाटी के सबसे बड़ा ठिकाना हैं डांगरी आजाद भारत से पहले जैसलमेर की राजनीति में डांगरी ठाकुर साहब का बड़ा हाथ हुआ करता था। जैसलमेर कि सेना कि कमान हमेशा डांगरी ठाकुर के हाथों हुआ करती थीं। जैसलमेर के संस्थापक भी इन्हें के वंशज थे। जैसलमेर के महारावल कि अकाल मृत्यु ओर सडयंत्र के कारण इन्हें जैसलमेर त्याग ना पडा। आज डांगरी ठाकुर के वंशज डांगरी में रहते।
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