ये तेरी गलियाँ एक प्यार की कहानी को दिखाता भारतीय हिन्दी धारावाहिक है, जिसका प्रसारण ज़ी टीवी पर 25 जुलाई 2018 से शुरू हुआ। इसका निर्माण सिनेविस्टास लिमिटेड ने किया है, जिसमें मनीष गोपलानी और वृषाली मेहता मुख्य किरदार निभा रहे हैं।
ये तेरी गलियाँ | |
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शैली | नाटक |
निर्माता | पालकी मल्होत्रा |
पटकथा by | अंजलि तपस्या |
निर्देशक | राजेश अमरलाल बब्बर |
रचनात्मक निर्देशक | सौरभ अरोड़ा |
अभिनीत | मनीष गोपलानी वृषिका मेहता |
द्वारा संगीत | धर्मेन्द्र जवाड़ा |
उद्गम देश | भारत |
मूल भाषा(एं) | हिन्दी |
सीजन कि संख्या | 1 |
एपिसोड कि संख्या | 411 |
उत्पादन | |
निर्माता | प्रेम किशन सुनील मेहता |
छायांकन | शंभू ओझा |
संपादक | विनय मण्डल |
कैमरा सेटअप | बहु-कैमरा |
प्रसारण अवधि | 20 मिनट लगभग |
निर्माता कंपनी | सिनेविस्टास लिमिटेड |
प्रदर्शित प्रसारण | |
प्रकाशित | 25 जुलाई 2018 14 फ़रवरी 2020 | –
ये कहानी कोलकाता में शुरू होती है, जहाँ एक गर्भवती महिला, अर्पिता भगवान से प्रार्थना करते रहती है कि उसे एक बहुत ही मजबूत बेटी हो, उसके साथ ही वो ये प्रार्थना भी करती है कि उसकी बेटी को एक दोस्त भी मिले जो उसकी हर परिस्थितियों में मदद करे। उसी समय मंदिर में एक छोटा सा बच्चा, शांतनु आ जाता है और प्रार्थना करता है कि उसे एक ऐसा दोस्त मिले, जिसका वो जिंदगी भर ख्याल रख सके। अर्पिता का पति, शुबू पैसों के लिए अपनी पत्नी को बेचने की योजना बनाता है। वहीं ठाकु माँ को चंदा उसे खरीदने हेतु मना लेती है। अर्पिता एक बच्ची को जन्म देती है और चंदा उसे शांतनु के पास ले जाती है। शांतनु अपने पसंदीदा खाने 'पुचका' के नाम से उसका नाम 'पुचकी' रख देता है।
शांतनु और पुचकी अच्छे दोस्त बन जाते हैं। अर्पिता को पता चलता है कि उसकी बेटी को ब्युटि किसी विदेशी को बेचना चाहती है। अपनी बेटी को बचाने के लिए अर्पिता वहाँ से अपनी बेटी के साथ भागने का प्रयास भी करती है, लेकिन भागने में विफल हो जाती है। शांतनु को चंदा गोद देने की योजना बनाती है। उसे निवेदिता मजूमदार गोद ले लेती है। शांतनु वहाँ रुकना चाहते रहता है, पर पुचकी और शांतनु बिछड़ जाते हैं और एक दूसरे को याद करते रहते हैं। अर्पिता की तबीयत खराब होनी शुरू हो जाती है, और पुचकी को वेश्या बनाने की कोशिश भी शुरू हो जाती है। निवेदिता का अपना एक बच्चा होने वाला होता है, और वो वादा करती है कि उस बच्चे के आने से उसका शांतनु के प्रति प्यार कम नहीं होगा।
अर्पिता की मौत हो जाती है। उसके बाद पुचकी को शांतनु से मिलाने में पठान चाचा मदद करते हैं। निवेदिता को पता चलता है कि शांतनु और कोई नहीं, बल्कि अरिंधम और चंदा का ही नाजायज़ बच्चा है। इस बात का पता चलने पर वो अपने आप को शांतनु से दूर कर लेती है। अरिंधम को ब्युटि ब्लैकमेल करती है, जिसके कारण ठाकु माँ को दिल का दौरा आ जाता है। निवेदिता एक बच्चे को जन्म देती है।
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