दियाह प्रेमाता मेगावती सेतियावती सुकर्णोपुत्री, (साँचा:IPA-id जन्म 23 जनवरी 1947), जिन्हें मेगावती सुकर्णोपुत्री के नाम से जाना जाता है, इंडोनेशियाई हिंदू राजनीतिज्ञ और विपक्षी दल पीडीआई-पी की नेता है। इन्होंने 23 जुलाई 2001 से लेकर 20 अक्टूबर 2004 तक इंडोनेशिया के राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभाला था और देश की पहली महिला राष्ट्रपति होने का गौरव हासिल किया था। इसके अलावा वे ऐसी पहली राजनीतिज्ञ हैं, जो इंडोनेशिया के स्वतंत्र होने के बाद पैदा हुईं। मेगावती इंडोनेशिया के पहले राष्ट्रपति सुकर्णो की पुत्री हैं।
मेगावती सुकर्णोपुत्री | |
| |
5 वीं राष्ट्रपति | |
कार्य काल 23 जुलाई 2001 – 20 अक्टूबर 2004 | |
उप राष्ट्रपति | हम्जाह हज |
---|---|
पूर्ववर्ती | अब्दुररहमान वाहिद |
उत्तरावर्ती | सुसीलो बाम्बांग युद्धोयोनो |
8 वीं उपराष्ट्रपति | |
कार्यकाल 26 अक्टूबर 1999 – 23 जुलाई 2001 | |
राष्ट्रपति | अब्दुररहमान वाहिद |
पूर्वाधिकारी | बछारुद्दीन जुसुफ हबीबी |
उत्तराधिकारी | हम्जाह हज |
जन्म | 23 जनवरी 1947 योग्यकार्ता, इंडोनेशिया |
राजनैतिक पार्टी | इंडोनेशियन डेमोक्रेटिक पार्टी - स्ट्रगल |
जीवनसंगी | सुरिन्दो सुपजारसो (दि. 1970) हसन गमाल अहमद हसन (1972) तैफिक किमास (शादी 1973) |
धर्म | इस्लाम |
हस्ताक्षर |
मेगावती का जन्म योग्यकार्ता में सुकर्णो तथा फतमावती के घर में हुआ था। फतमावती उनकी नौ पत्नियों में से एक थी। उनका लालन पालन उनके पिता के ही मेरदेका महल में हुआ था। वह अपने पिता के मेहमानों के सामने नृत्य करती थी तथा बागवानी को उन्होंने अपना शौक बना लिया था। जब मेगावती 19 साल की थी तब उनके पिता को देश की सत्ता छोड़नी पड़ी तथा उसके बाद सुहार्तो के नेतृत्व में सरकार बनी। सुहार्तो ने सुकर्णो तथा उनके परिवार को राजनीति के नेपथ्य में भेज दिया।
मेगावती ने प्रदजदजरन विश्विद्यालय, बानदुंग में कृषि के अध्ययन के लिये प्रवेश लिया परन्तु उनके पिता के राजनैतिक पतन के कारण उन्हें यहाँ से निकाल दिया गया। 1970 में पिता की मृत्यु के बाद उन्होंने इण्डोनेशिया विश्विद्यालय में मनोविज्ञान पढ़ने के लिये प्रवेश लिया मगर दो साल बाद 1972 में उन्हें यहाँ से भी निकाल दिया गया। वह इस्लाम धर्म की अनुयायी हैं परन्तु पारम्परिक जावा धर्म को भी मानती हैं।
सुकर्णोपुत्री (जिसका अर्थ सुकर्णो की पुत्री है) उनका गोत्र हैं, न कि पारिवारिक नाम; क्योंकि जावा के निवासी के प्रायः पारिवारिक नाम नहीं होते। उनके नाम प्रायः मेगा या मेगावती कहा जाता है, जो कि संस्कृत भाषा के एक शब्द है जिसका अर्थ "बादलों की देवी" है। श्री सत्य साईं प्राइमरी स्कूल में अपने व्याख्यान के दौरान उन्होंने कहा कि उनके पिता के आग्रह पर ओडिशा के मुख्यमंत्री बीजू पटनायक ने उनका यह नाम रखा है।
1986 में एक समारोह के दौरान सुहार्तो ने सुकर्णो को घोषित नायक का दर्जा दिया। इस समारोह में मेगावती भी उपस्थित थीं। इस समय तक मेगावती स्वयं को गृहणी के रूप में पेश करती थीं मगर 1987 में उन्होंने इण्डोनेशियन डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीआई) की सदस्यता ली तथा देवान पेरवाकिलन रक्यात (इण्डोनेशियाई संसद) की सदस्यता पाने में लग गयीं। पीडीआई ने भी मेगावती को अपनी जनता के मध्य अपनी छवि बनाने के उद्देश्य से पार्टी में स्वीकार कर लिया। अपने भाषण देने की कला में निपुण न होने के बावजूद भी सुकर्णो की बेटी होने के कारण उनकी लोकप्रियता बढ़ने लगी। पार्टी की करारी हार के बावजूद भी वह इण्डोनेशियाई संसद के लिये चुनी गयीं।
दिसम्बर 1993 में वह अपनी पार्टी पीडीआई की अध्यक्ष भी बनी। उनकी अध्यक्षता में पार्टी की लोकप्रियता में भारी उछाल हुआ।
23 जुलाई 2001 को मेगावती इण्डोनेशिया के राष्ट्रपति पद पर विराजमान हुई। इस प्रकार से वह किसी मुस्लिम बहुल देश की सत्ता के शीर्ष पद पर पहुँचने वाली छठीं महिला बनी। उनसे पहले पाकिस्तान में बेनज़ीर भुट्टो, बांग्लादेश में खालिदा ज़िया, तुर्की की तान्सु सिलर, बांग्लादेश में ही शेख हसीना तथा सेनेगल में मामे मादियोर बोये मुस्लिम बहुल देश की सत्ता के शीर्ष पद तक पहुँची थी।
उनके राष्ट्रपति काल को जनता ने प्रारम्भ में तो हाथों हाथ लिया मगर जल्द ही उनकी नीतियों में अनिश्चितता, स्पष्ट विचारधारा में कमी तथा महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णयों में निष्क्रियता जैसी कमियाँ उजागर होने लगी।
2004 में देश में राष्ट्रपति पद के लिये पहली बार प्रत्यक्ष चुनाव हुए। उन्हें उम्मीद थी की वह एक मुस्लिम बहुल देश में एक बार फिर से सत्ता संभालेंगी परन्तु उन्हें सुसीलो बाम्बांग युद्धोयोनो के विरुद्ध धोखे से द्वितीय चरण में 61 के मुकाबले 39 प्रतिशत मत मिले, और वह हार गयीं। इसके बाद उन्होंने नये राष्ट्रपति का स्वागत भी नहीं किया, न ही उन्हें कभी बधाई दी।
मेगावती की पहली शादी 1 जून 1968 में सेना में प्रथम लेफ्टिनेन्ट सुरिन्दो सुपजारसो से हुई। वह 22 जनवरी 1970 को पापुआ में एक विमान दुर्घटना में मारे गये। 27 जून 1972 को उन्होंने मिस्र के कूटनीतिज्ञ हसन गमाल अहमद हसन से शादी की। 3 महीनें बाद ही उनकी यह शादी धार्मिक न्यायालय से अमान्य घोषित हो गयी। इसके बाद 25 मार्च 1973 को उन्होंने तैफिक किमास से शादी की जिनकी मृत्यु 8 जून 2013 में हुई। उनके तीन बच्चे मोहम्मद रिजकी प्रामाता, मोहम्मद प्रानांदा तथा पुआन महारानी हैं।
Megawati Sukarnoputri से संबंधित मीडिया विकिमीडिया कॉमंस पर उपलब्ध है। |
राजनीतिक कार्यालय | ||
---|---|---|
पूर्वाधिकारी बछारुद्दीन जुसुफ हबीबी | इण्डोनेशिया के उपराष्ट्रपति 1999–2001 | उत्तराधिकारी हमजा हज |
पूर्वाधिकारी अब्दुर्रहमान वाहिद | इण्डोनेशिया के राष्ट्रपति 2001–2004 | उत्तराधिकारी सुसीलो बाम्बांग युद्धोयोनो |
Diplomatic posts | ||
पूर्वाधिकारी हुन सेन | आसियान की अध्यक्ष 2003 | उत्तराधिकारी खामताई सिफांदोन |
This article uses material from the Wikipedia हिन्दी article मेगावती सुकर्णोपुत्री, which is released under the Creative Commons Attribution-ShareAlike 3.0 license ("CC BY-SA 3.0"); additional terms may apply (view authors). उपलब्ध सामग्री CC BY-SA 4.0 के अधीन है जब तक अलग से उल्लेख ना किया गया हो। Images, videos and audio are available under their respective licenses.
®Wikipedia is a registered trademark of the Wiki Foundation, Inc. Wiki हिन्दी (DUHOCTRUNGQUOC.VN) is an independent company and has no affiliation with Wiki Foundation.