जिब्राल्टर युद्ध स्मारक (अंग्रेज़ी: Gibraltar War Memorial) ब्रिटिश प्रवासी शासित प्रदेश जिब्राल्टर की लाइन वॉल सड़क पर स्थित एक प्रथम विश्व युद्ध स्मारक है। इसे ब्रिटिश युद्ध स्मारक (अंग्रेज़ी: British War Memorial) के नाम से भी जाना जाता है। इस स्मारक को स्पेन के होयसे पिकुइट कॅटोली ने तराशा था तथा इसका अनावरण वर्ष 1923 में हुआ था। स्मारक के समीप 1921 में बने एस्पलेनैड पर कई स्मारक पट्टिकाएँ हैं, जिनमें क्रीमिया के युद्ध के समय की दो रुसी बंदूकें भी हैं।
जिब्राल्टर युद्ध स्मारक Gibraltar War Memorial | |
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जिब्राल्टर युद्ध स्मारक | |
निर्देशांक | 36°08′27″N 5°21′17″W / 36.140794°N 5.354798°W |
स्थिति | लाइन वॉल सड़क, जिब्राल्टर |
अभिकल्पना | होयसे पिकुइट कॅटोली |
प्रकार | सैन्य |
सामग्री | करारा संगमर्मर |
उद्घाटन तिथि | 1923 |
समर्पित | प्रथम विश्व युद्ध |
जिब्राल्टर युद्ध स्मारक, जिसे ब्रिटिश युद्ध स्मारक के शीर्षक से भी संदर्भित किया जाता है, औबेरियन प्रायद्वीप के दक्षिणी अंत में स्थित ब्रिटिश प्रवासी शासित प्रदेश जिब्राल्टर की लाइन वॉल सड़क के पश्चिमी हिस्से में मौजूद है। स्मारक को स्पेन के होयसे पिकुइट कॅटोली द्वारा इटली के करारा शहर के संगमर्मर से तराशा गया था। इसके निर्माण के पीछे का उद्देश्य प्रथम विश्व युद्ध में शहीद हुए ब्रिटिश सैनिको को पुण्यस्मरण करना था। स्मारक का अनावरण जिब्राल्टर के राज्यपाल सर चार्ल्स मोनरो, प्रथम बैरोनेट (1860–1929) ने 27 सितम्बर 1923 को आयोजित हुए एक समारोह में किया था। इस स्मारक की शिलालेख के अनुसार इसका निर्माण जिब्राल्टर स्ट्रेट्स पेट्रोल के उन सभी अधिकारियों और नाविकों की याद में किया गया था जिन्होंने महान लड़ाई में अपने राजा और सम्राज्य के लिए अपना जीवन दे दिया था ("टू द मेमोरी ऑफ़ ऑल ऑफीसर एण्ड सीमैन ऑफ़ द जिब्राल्टर स्ट्रेट्स पेट्रोल हू गेव देयर लाइव्स फॉर देयर किंग एण्ड एम्पायर इन द ग्रेट वॉर")।
स्मारक के समीप दो रुसी बंदूकें हैं, जिन्हें क्रीमिया के युद्ध (1854–1856) के समय कब्जे में लिया गया था। यहाँ की शिलालेख बताती है कि ये चाररुसी बंदूकें, जिन्हें क्रीमिया 1854--1856 में कब्जे में लिया गया था, जिब्राल्टर को 1858 में ब्रिटिश सरकार द्वारा प्रस्तुत किया गया था ("दीस फॉर रसियन गन्स, कैप्चर्ड इन द क्रीमिया 1854--1856, वर प्रेसेंटिड टू जिब्राल्टर बाय ड ब्रिटिश गवर्नमेंट 1858")। ये चार बंदूकें जिब्राल्टर को 1858 में उसकी लड़ाई में की गई सहायता के लिए दी गईं थी। चार में से दो तोपें जिब्राल्टर बोटेनिक गार्डन्स जिसे अलमीड़ा गार्डन्स के नाम से भी जाना जाता है उसके मुख्य द्वार पर रखी हुई हैं।
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