गूची (इतालवी उच्चारण: )- यह जाना-माना नाम इटली में फैशन तथा चमड़े के उत्पादनों के लिए बहुत प्रख्यात है। यह 'द हाउस ऑफ़ गूची ' यानि गूची समूह का ही हिस्सा है और इसके मालिक हैं - पिनौल्ट-प्रिन्तेम्प्स - रीदूत (PPR) नामक फ़्रांसिसी कंपनी.
गूची की स्थापना 1921 में, फ्लौरेन्स में, गूचियो गूची द्वारा की गयी थी।
प्रकार | Subsidiary of PPR (Euronext: PP) |
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उद्योग | Consumer Goods |
स्थापना | 1921 |
मुख्यालय | Florence, Italy |
प्रमुख व्यक्ति | Guccio Gucci, Founder Patrizio di Marco, President & CEO, Frida Giannini, Creative director |
उत्पाद | Clothing, watches, jewelry, shoes and leather goods |
राजस्व | 2.2 billion euro, at 31 दिसम्बर 2009 |
मातृ कंपनी | PPR |
वेबसाइट | www.gucci.com |
'बिज़नेस वीक' पत्रिका के अनुसार, 2008 में गूची को पूरे विश्व में कुल लगभग €2.2 अरब यूरो की कमाई हुई और पत्रिका के 2009 के वार्षिक-अंक में दर्शाई 'टॉप ग्लोबल 100 ब्रैंड्स' तालिका ('इंटरब्रैण्ड' द्वारा तैयार की गयी) में इसका स्थान चढ़कर 41वें नंबर पर पहुंच गया। इटली में उत्पादित उत्पादनों में गूची का नाम अत्यधिक बिक्री के लिए विश्व भर में मशहूर है। विश्व भर में, गूची के कुल 278 (सितम्बर 2009 में) स्वसंचालित स्टोर्स फैले हुए हैं, साथ ही यह अपने उत्पादनों को अधिकृत व्यापारियों (franchisees) तथा उच्च दर्जे के 'डिपार्टमेंट स्टोर्स' के ज़रिये भी बेचते हैं।
1921 में गूचियो गूची ने 'गूची' कंपनी की स्थापना की। 1938 में गूची का विस्तार हुआ और रोम में एक बुटीक खोला गया। कंपनी के अनेक उत्पादनों की परिकल्पना (डिज़ायनिंग) में गूचियो का बहुत बड़ा हाथ था। 1947 में, गूची ने बांस-हैंडल वाले हैण्डबैग का उत्पादन शुरू किया जो आज भी कंपनी के प्रमुख उत्पादनों में शामिल है। 1950 के दशक के दौरान, गूची ने पतली काठियों से प्रेरित - पतली धारिवाली बुनाईदार किनारियों और तलुए में धातु-जड़ित 'सुएड मोकैसिन' (सिझाये हुए चमड़े से बने ख़ास प्रकार के जूते) का विकास किया जो उनकी ख़ास छाप - यानी 'ट्रेडमार्क' बन गया।
गूचियो की पत्नी आइडा कैल्वेली एक बड़े परिवार से थीं, पर कंपनी के कारोबार की बागडोर केवल उनके बेटों - वास्को, एल्दो, यूगो, व रोडोल्फो को ही सौंपी जा सकती थी। 1953 में गूचियो की मृत्यु के बाद, एल्दो के नेतृत्व में कंपनी को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रमुखता मिली और कंपनी ने न्यू यॉर्क में अपना पहला बुटीक खोला. शुरू-शुरू में रोडोल्फो ने अभिनय को अपना करियर बनाने की कोशिश तो की लेकिन जल्द ही कंपनी की ज़िम्मेदारियां संभालने लौट आया। गूची के अनुभवहीन वर्षों के दौरान भी, गूचियो का परिवार अपने पारिवारिक क्रूर कलहों के लिए कुख्यात था। उत्तराधिकार, अंश-धारण (स्टॉक-होल्डिंग), तथा स्टोर्स के सुचालन के दैनंदिन मामलों को लेकर परिवार के सदस्यों में अक्सर वाद-विवाद, मन-मुटाव होता जिससे सदस्यों में फूट पड़ती और गठबंधन होने लगता. गूची ने विदेशों में अपने पंख फैलाए, पर कंपनी की भविष्य-सम्बन्धी मीटिंग अक्सर ऊंची आवाज़ में होने वाले वाद-विवाद और एक दूसरे पर पर्स व अन्य सामानों के फेंकने के साथ समाप्त होती. 1960 दशक के आखरी वर्षों में गूची का लक्ष्य था - सुदूर पूर्वी देशों में अपना विस्तार करना और इस लक्ष्य को पूरा किया - हौंग कौंग तथा टोकियो में अपने स्टोर्स खोल कर. उसी समय कंपनी ने अपना विख्यात चिन्ह GG (logo) (Guccio Gucci के पहले दो अक्षर) के प्रचलन के साथ-साथ, इन उत्पादों का उत्पादन भी शुरू किया - रेशमी स्कार्फ (दुपट्टा) फ्लौरा - जो हॉलीवुड की अभिनेत्री ग्रेस कैली की ख़ास पसंद थी, तथा जैकी कैनेडी और ओ शोल्डर बैग - जिसको मशहूर बनाया अमरीकी राष्ट्रपति जौन एफ़ कैनेडी की पत्नी - जैकी कैनेडी ने!
1970 के लगभग पूरे दशक तक, गूची का नाम प्रमुख, शानदार व शाही वस्तुओं के उत्पादन करने वाले प्रतिष्ठानों में विश्व-विख्यात बना रहा, लेकिन फिर व्यापार से सम्बंधित लिए गए कुछ विनाशकारी निर्णयों और पारिवारिक झगड़ों के कारण कंपनी दिवालियेपन की कगार पर आ खड़ी हुई। उस वक्त कंपनी के शेयर्स में एल्दो और रोडोल्फो दोनों भाइयों की साझेदारी बराबर की - यानी 50% की थी। लेकिन एल्दो और उसके बेटों की तुलना में, कंपनी के प्रति रोडोल्फो का योगदान कुछ कम ही था। 1979 में, एल्दो ने 'गूची एक्सेसरीस कलेक्शन' या GAC की स्थापना की, जिसका उद्देश्य था - उसके अपने बेटों द्वारा नियंत्रित गूची पर्फ़्यूम्स विभाग को सहारा देना. GAC में बस छोटे-मोटे उपसाधन ही शामिल थे - जैसे: कॉस्मेटिक बैग्स, लाइटर्स और पेन - जिनकी कीमत बहुत कम होती थी और जो कंपनी के एक्सेसरीस कैट्लौग में अन्य कीमती वस्तुओं के मुकाबले काफी निचले स्थान पर दर्शाए जाते थे। कंपनी के संपूर्ण संचालन में रोडोल्फो के नियंत्रण को कमज़ोर बनाने के इरादे से, एल्दो ने पर्फ़्यूम्स विभाग का पूरा दायित्व अपने बेटे रोबेर्तो को सौंप दिया।
हालांकि गूची एक्सेसरीस कलेक्शन को अच्छी-खासी मान्यता मिली, पर यही गूची वंश की बर्बादी का कारण भी साबित हुई। कुछ ही वर्षों में पर्फ़्यूम्स विभाग की कमाई एक्सेसरीस विभाग की कमाई से कहीं ज़्यादा होने लगी. थोक-व्यापार के इस नए आयाम से, कभी ख़ास दुकानों में मिलने वाले GAC- उत्पाद, अब अमरीका के एक हज़ार से भी अधिक स्टोर्स में उपलब्ध होने लगे, जिससे फैशनेबल ग्राहकों में इसकी प्रतिष्टा कम होने लगी. वैनिटी फेर के सम्पादक ग्रेइदन कार्टर लिखते हैं, "1960 व 1970 में, गूची उत्पादों की मांग आधुनिक महिलाओं में अत्यधिक थी और इसका श्रेय जाता है ऑड्रे हेब्बर्न, ग्रेस कैली तथा जैकलीन ओएसिस को. परन्तु, 1980 दशक तक पहुंचते-पहुंचते गूची ने अपना आकर्षण खो दिया और हवाई-अड्डों पर मिलने वाला एक भद्दा उत्पाद बन कर रह गया।"
जल्द ही, गूची के नाम से नकली व सस्ते माल बाज़ार में आने लगे, जिससे गूची की प्रतिष्टा को और धक्का लगा. इस बीच, इटली में, कंपनी के कारोबार पर पारिवारिक झगड़ों का बुरा असर पड़ रहा था। रोडोल्फो और एल्दो पर्फ़्यूम्स विभाग को लेकर लड़ रहे थे, हालांकि उसमें रोडोल्फो का हिस्सा केवल 20% था। इसी बीच, एल्दो के बेटे पाओलो गूची ने 'गूची प्लस' के नाम से रूपांतरित एक सस्ते उत्पाद को प्रस्तुत किया और 1983 में वह परिवार से अलग हो गया। बात यहां तक पहुंची कि बोर्डरूम की लड़ाई में हाथापाई हुई और पाओलो, अपने ही एक भाई के हाथों टेलीफोन आंसरिंग मशीन की चोट खाकर बेहोश हो कर गिर पड़ा. बदले में उसने, अमरीका के आय-विभाग में, अपने ही पिता के खिलाफ कर-अपवंचन की रपट लिखाई और अपने ही बेटे की गवाही के बलबूते पर एल्दो को अपराधी घोषित किया गया और उसे जेल की सज़ा हुई। और इन परिस्थितियों का फायदा उठाया गपशप-पत्रिकाओं ने - उन्होंने गूची के बारे में अनाप-शनाप खबरें छापकर ऐसा प्रचार किया जैसे कभी गूची के डिज़ाइंस का होता था।
1983 में, रोडोल्फो की मृत्यु से कंपनी को एक और ज़ोर का झटका लगा क्योंकि उसने अपने हिस्से के 50% शेयर्स अपने बेटे, मौरीज़ियो गूची के नाम कर दिए थे। मौरीज़ियो ने, बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स को अपने काबू में करने के इरादे से, एल्दो के बेटे पाओलो के साथ गठबंधन किया और अपने मकसद में कामयाब होने के लिए नेदर्लंड्स में गूची लाइसेंसिंग विभाग की स्थापना की। इस निर्णय के बाद, परिवार के बाकी सदस्यों ने कंपनी छोड़ दी और, बरसों में, पहली बार ऐसा हुआ कि गूची के पूरे कारोबार की बागडोर सिर्फ़ एक ही व्यक्ति के हाथों में थी। मौरीज़ियो ने, कंपनी को तहस-नहस करने और परिवार को खंडित करने वाले झगड़ों को दफ़नाकर, गूची के भविष्य के लिए, बाहरी प्रतिभाओं का सहारा लिया।
1980 दशक के आखरी वर्षों में लाये गए परिवर्तनों से गूची का नाम एक बार फिर विश्व के अति प्रभावशाली फैशन-कंपनियों में गिना जाने लगा,[उद्धरण चाहिए] और साथ ही कारोबार अत्यंत लाभदायक भी साबित हुआ।[उद्धरण चाहिए] अक्टूबर 1995 में, गूची ने आम जनता को अपनी कंपनी में साझेदारी के लिए आमंत्रित किया और AMEX (अमेरिकन एक्सप्रेस) तथा NYSE (न्यूयॉर्क यॉर्क स्टॉक एक्स्चेंज) पर अपने पहले व आरंभिक शेयर्स को 22 डॉलर प्रति शेयर की दर से प्रस्तुत किया। नवम्बर 1997 में, गूची ने 'सेवेरिन-मोंट्रेस' नाम की घड़ी-उत्पादन के लिए लाइसेन्स प्राप्त किया जिससे वह वर्ष काफी सफल साबित हुआ। बाद में कंपनी ने घड़ी का नाम बदलकर 'गूची टाइमपीसेस' रखा। यूरोपियन बिज़नेस प्रेस फेडरेशन द्वारा कंपनी को उसकी अर्थनीति व वित्त-व्यवस्था, कुशल नीतिपूर्ण दूर- दृष्टि और उत्कृष्ट व्यवस्थापन के लिए 'यूरोपियन कंपनी ऑफ़ दि इयर' का खिताब भी दिया गया। अब गूची के कार्यालय विश्व भर में और मुख्य कार्यालय फ्लोरेंस, मिलान, पैरिस, लन्दन, हौंग कौंग, जापान और न्यू यॉर्क में फैले हुए हैं। जबकि PPR का मुख्यालय पैरिस में स्थित है।
1989 में, मौरीज़ियो ने डौन मेलो को - जिन्होंने 1970 में, न्यू यॉर्क के 'बर्गदौर्फ़ गुड्मन' कंपनी का पुनरुत्थान किया और खुदरा-व्यापार के क्षेत्र में प्रसिद्धि पायी - अपने नव-गठित गूची समूह के 'इग्जेक्युटिव वाइस प्रेसिडेंट' तथा 'क्रिएटिव डायरेक्टर वर्ल्डवाइड' के पद-भार को संभालने के लिए राज़ी किया। उस वक्त ‘गूची अमेरिका’ की बागडोर डौम्नीको ड सोल - जो पहले वकालत करते थे - के हाथों में थी और जिन्होंने, 1987 व 1989 में मौरीज़ियो को दस कंपनियों के अधिनिकरण में मदद की थी। कंपनी की क्रिएटिव टीम - जिसमे जेफरी बीन और कैल्विन क्लाइन के डिज़ाइनर्स पहले से ही शामिल थे - के आखरी सदस्य थे, युवा डिज़ाइनर - टॉम फोर्ड.
टेक्सस और न्यू मेक्सिको में पले-बढ़े टॉम फोर्ड अपनी किशोरावस्था से ही फैशन डिजायनिंग में दिलचस्पी रखते थे, लेकिन 1986 में, 'पारसन्स स्कूल ऑफ़ डिजाइन' से आर्किटेक्चर का कोर्स छोड़ने के बाद ही उन्होने फैशन डिजायनिंग को अपना करियर बनाने का निर्णय लिया। डौन मेलो ने, 1990 में, अपने साथी, लेखक और सम्पादक रिचर्ड बकले के आग्रह पर फोर्ड को कंपनी में नियुक्त किया।
1990 दशक के शुरू-शुरू में गूची जिस दौर से गुज़रा वह कंपनी के इतिहास में सबसे बुरा दौर माना जाता है। इससे मौरीज़ियो अपने वितरकों, इन्वेस्टकॉर्प शेयरहोल्डर्स व अधिकारयों से बहुत ख़फ़ा हुआ और उसने गूची एक्सेसरीस कलेक्शन - जिसकी बिक्री अकेले अमरीका में प्रति वर्ष 110 लाख डॉलर्स से भी अधिक थी - को अपने कब्ज़े में लिया। कंपनी के नए उपसाधन मंदी से उभरने में नाकामयाब रहे और अगले तीन सालों तक कंपनी को इतना भारी नुक़सान उठाना पड़ा कि कंपनी दिवालियेपन की दहलीज़ पर लड़खड़ाने लगी. मौरीज़ियो के व्यक्तित्व में एक आकर्षण था और उसे अपने पारिवारिक कारोबार से बहुत लगाव भी था, पर फिर भी चार वर्षों बाद कंपनी के अधिकांश वरिष्ट प्रबंधकों में यह सहमति हुई कि वह कंपनी का संचालन करने में असमर्थ था। क्योंकि उसकी संचालन पद्धति से ब्रांड की मांग, उत्पादों की गुणवत्ता और वितरण-नियंत्रण पर प्रतिकूल असर पड़ा था। अतः उसे अगस्त 1993 में मजबूरन अपने शेयर्स इन्वेस्टकॉर्प को बेचने पडे. मौरीज़ियो के जाने के एक साल के अन्दर ही, डौन मेलो भी अपनी पिछली कंपनी बर्ग्दौर्फ़ गुड्मन में फिर लौट आयीं और तब क्रिएटिव डायरेक्टर कि पदवी टॉम फोर्ड को मिली जो उस समय केवल 32 वर्ष के थे। फोर्ड ने मौरीज़ियो और मेलो के निरुत्साहित करने वाले निर्देशन में कई सालों तक काम किया था, पर अब वह कंपनी की प्रतिष्ठा को एक नयी दिशा देना चाहता था। ड सोल अब गूची समूह NV - नेवाडा के प्रेसिडेंट व चीफ इग्जेक्युटिव ऑफिसर बन चुके थे और उन्हें इस बात का एहसास हुआ कि यदि गूची को एक लाभदायक कंपनी बनाना है तो उसे एक नया रूप देना ही होगा और इसीलिये वे फोर्ड की दूरदर्शिता में सहयोग देने के लिए राज़ी हो गए।
1999 के प्रारम्भ में, बर्नार्ड आरनौल्ट के आधिपत्य में संचालित कीमती व शानदार वस्तुओं के उत्पाद के लिए संगठित कंपनी LVMH ने गूची को अधिग्रहण करने के इरादे से कंपनी में अपनी शेयरहोल्डिंग को बढ़ा दिया। डौम्नीको ड सोल इस खबर से क्रुद्ध हुए और उन्होंने, बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स में एक महत्वपूर्ण पदवी की आरनौल्ट की मांग को अस्वीकृत कर दिया, क्योंकि उससे आरनौल्ट की पहुँच कंपनी के आय-रिपोर्ट, नीति सम्बन्धी बैठकों की जानकारी और डिजाइन की परिकल्पनाओं सम्बन्धी गोपनीय दस्तावेजों तक बढ जाती. प्रतिक्रिया में ड सोल ने नए शेयर्स प्रस्तुत किये ताकि आरनौल्ट की होल्डिंग्स कमज़ोर पड़ जाए. उन्होंने गठबंधन की संभावना को मद्देनज़र रखते हुए, फ़्रांसिसी होल्डिंग वाली कंपनी पिनौल्ट-प्रिन्तेम्प्स-रीदूत (PPR) से भी संपर्क किया। कंपनी के संस्थापक, फ्रांसुआ पिनौल्ट इस प्रस्ताव से सहमत हुए और उन्होंने कंपनी के 37 लाख शेयर्स खरीदकर, कंपनी में 40% की साझेदारी बनायी। इस तरह आरनौल्ट के शेयर्स घटकर सिर्फ 20% रह गए, फिर तो गूची और PPR की साझेदारी से बनी नयी कंपनी की वैधता को लेकर एक कानूनी-जंग छिड़ गयी, जिसमें स्कद्दन, आर्प्स, स्लेट, मेघर ऐंड फ्लौम जैसी कानूनी कंपनियों ने गूची का प्रतिनिधित्व किया। आख़िरकार नेदर्लंड्स की अदालतों ने PPR के सौदे को वैध ठहराया, क्योंकि कंपनी ने देश के कारोबारी -नियमों का कोई उल्लंघन नहीं किया था। 11% की साझेदारी से 'क्रेडिट लियोनेईस' दूसरे स्थान पर है। सितम्बर 2001 में, गूची समूह, LVMH व PPR के बीच एक समझौता हुआ।
फोर्ड के नौकरी छोड़ने के बाद, गूची समूह ने बाकी तीनों डिजायनर्स को बरकरार रखा ताकि कंपनी के प्रमुख उत्पादों के नामों की सफलता बनी रहे। जॉन रे, एलासेंद्रा फाशिनेती और फ्रीडा जियानिनी तीनों फोर्ड के सर्जनात्मक निर्देशन में काम कर चुके थे। 2004 में फाशिनेती को महिलाओं की पोशाकों के विभाग का 'क्रिएटिव डायरेक्टर' बनाया गया और उन्होंने दो ऋतुओं के लिए डिजाइंस प्रस्तुत किये और फिर कंपनी से इस्तीफा दे दिया। रे ने पुरुषों की पोशाकों के विभाग के 'क्रिएटिव डायरेक्टर' के पद पर तीन सालों तक कार्य-भार संभाला. 32 वर्षीय जियानिनी, जो पुरुषों व महिलाओं - दोनों के उपसाधनों की डिजायनिंग के लिए ज़िम्मेदार, वे अब सभी ब्रांड्स के लिए 'क्रिएटिव डायरेक्टर' के पद पर काम कर रहे हैं।
2006 में, फ्रीडा जियानिनी को - जो पहले सिर्फ उपसाधनों के लिए 'क्रिएटिव डायरेक्टर' थीं - पूरी कंपनी के लिए 'क्रिएटिव डायरेक्टर' बनाया गया। 2009 में, पात्रिज़ियो डी मार्को ने मार्क ली की जगह ली और गूची के CEO बने।
एल्दो गूची ने अमेरिकन मोटर्स कॉर्पोरेशन (AMC) से किये समझौते सहित अन्य नए बाज़ारों में अपने कारोबार का विस्तार किया। 1972 और 1973 में, AMC हौर्नेट की एकदम सुसंबद्ध स्टेशन वैगन "स्पोर्टअबाउट" अमरीकी कारों में ऐसी पहली कार थी जिसमें किसी मशहूर फैशन डिजायनर द्वारा तैयार की गयीं सुव्यवस्थित, सुघड़ और शानदार खूबियां शामिल थीं। गूची कारों के सीटों की और दरवाजों के भीतरी पैनल की सजावट के साथ-साथ डिजायनर के 'एम्बलेम्स' (प्रतीक -चिन्ह) और बाहरी रंगों के चयन में धारीदार, चटकीले हरे, लाल और चर्म-रंग से मिलते-जुलते रंगों का खूब प्रयोग होता था। अमेरिकन मोटर्स ने अपने जावेलिन ऑटोमोबाइल के ज़रिये 'पिएर कार्डीन एडिशन' की गाड़ी भी पेश की।
1979 और 1980 में, मायामी-स्थित एक 'आफ्टरमार्केट' कंपनी ने गूची संस्करण की 'कैडिलैक सिविल' को बाज़ार में प्रस्तुत किया। इसकी बाहरी सजावट में, 'हुड' को गूची चिन्ह (logo) "फेसिंग डबल G" से और 'c-पिलर' से वायनल वाली छत को सुशोभित किया गया। और भीतरी सजावट में, 'लोगो हेडलाइनर' के साथ-साथ 'हेडरेस्ट्स' पर भी गूची के प्रतीक-चिन्ह सजाये गए थे। और 'डैशबोर्ड' पर "गूची" नाम मोटे-मोटे अक्षरों में लिखा गया था। और 'ट्रंक' (सामान रखने की जगह) में, गूची लगेज का पूर सेट रखा हुआ था।
1989 के गूची सीरिज़ के लिंकन टाउन कार को मूल्य-निर्धारण-संदर्शिका के तहत बाज़ार में पेश करने की पूरी तैयारी की जा चुकी थी, पर वह कभी भी बाज़ार में पेश नहीं हो पाई. 1970 व 1980 दशकों के दौरान, लिंकन ने 'एमिलिओ पूची', 'बिल ब्लास', 'जियानी वर्सेस', 'ह्यूबर्ट डी गिवेंची' और 'वैलन्तिनो' नामक डिजायनर गाड़ियां प्रस्तुत कीं.
2005 से, गूची ने यूनिसेफ (UNICEF) के साथ साझेदारी निभायी है। दुनिया भर में फैले गूची स्टोर्स, यूनिसेफ के लिए ख़ास तौर पर बनाए गए विशेष उत्पाद-संग्रहों की बिक्री से हुई कमाई का कुछ प्रतिशत हिस्सा 'युनायटेड नेशंस चिल्ड्रन्स फंड' में दान देते हैं। गूची के वार्षिक अभियान से यूनिसेफ को फायदा होता है, जिससे - शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और अनाथों तथा उप-सहारा अफ्रीका में HIV/AIDS से पीड़ित बच्चों के लिए साफ़-सुथरा पानी उपलब्ध कराने के कार्यक्रमों में मदद मिलती है। 2009 के अभियान के दौरान, माइकल रॉबर्ट्स ने "स्नोमैन इन अफ्रीका" नाम से एक पुस्तक प्रकटित की और उससे हुई पूरी कमाई यूनिसेफ को दे दी गयी। पांच सालों में, गूची ने, यूनिसेफ को कुल 7 करोड़ डॉलर्स का दान दिया। यूनिसेफ द्वारा स्थापित "स्कूल्स फॉर अफ्रीका" के लिए और नेल्सन मंडेला फाउंडेशन, तथा हैम्बर्ग सोसाइटी के दानकर्ताओं में गूची सबसे बडे कॉर्पोरेट दानी हैं। इसका लक्ष्य है - सभी बच्चों के लिए बुनियादी शिक्षा की उपलब्धि की सुविधाओं को बढ़ाना - ख़ास कर HIV/AIDS (एचआईवी/एड्स) के कारण अनाथ हुए और अत्यंत गरीबी में रहने वाले बच्चों के लिए।
गिनेस वर्ल्ड रेकॉर्ड में - गूची के "जीनियस जीन्स" के विश्व भर में सबसे महंगे जीन्स होने का दाखिला मिलता है। गूची के एक जीन्स को पूरी तरह से उधेड़कर उसकी दुर्गति की गयी और फिर उसे अफ्रीकी मोतियों से आच्छादित करके अक्टूबर 1998 में, प्रप्रथम मिलान में 3,134 CD अमरीकी डॉलर्स के दाम पर पेश किया गया।
साँचा:PPR (company)
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