गबन या दुर्विनियोग (embezzlement) ऐसे अपराध को कहते हैं जिसमें किसी कार्य के लिए कोई पैसा या सम्पति किसी व्यक्ति दी गयी हो और वह व्यक्ति अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए उसे चुरा ले। ग़बन एक प्रकार का धोखा होता है। ग़बन का एक उदहारण दुकानों पर बैठे उन व्यक्तियों में देखा जाता है जो चालाकी से समय-समय पर किसी-किसी ग्राहक को बिना रसीद दिए सामान बेचते हैं और फिर वसूल किया गया पैसा दुकान के मालिक को देने के बजाय ख़ुद अपना मान लेते हैं।
भारतीय दण्ड संहिता में गबन के अपराधों के लिये धारा ४०३ तथा धारा ४०४ लागू होतीं हैं।
हालांकि चोरी और ग़बन एक जैसे अपराध लगते हैं, इन दोनों जुर्मों में एक गहरा अंतर है। चोरी के अपराध में चोरी की गयी सम्पति पर चोर का नियंत्रण और क़ब्ज़ा शुरू से अंत तक ग़ैर-क़ानूनी होता है। इसके विपरीत ग़बन की गयी सम्पति पर ग़बन करने वाले का नियंत्रण और क़ब्ज़ा न्याय के दृष्टिकोण से शुरू में बिलकुल जायज़ होता है। ग़बन करने वाले का जुर्म उस समय शुरू होता है जब वह इस नियंत्रण का नाजायज़ प्रयोग करते हुए उस सम्पति को अपने व्यक्तिगत फ़ायदे के लिए हड़प लेता है। उदहारण के लिए बिहार और झारखण्ड राज्यों का चारा घोटाला एक प्रकार का ग़बन था क्योंकि उसमें सरकारी अफ़सरों ने जाली रसीदें जमा करके सरकारी ख़जाने से रुपये निकलवा कर हड़प लिए। इन अफ़सरों को सरकारी पैसा सरकारी काम पर ख़र्च करने का पूरा अधिकार था लेकिन उसे धोखे से अपनी सम्पति बना लेने का नहीं।
This article uses material from the Wikipedia हिन्दी article गबन (अपराध), which is released under the Creative Commons Attribution-ShareAlike 3.0 license ("CC BY-SA 3.0"); additional terms may apply (view authors). उपलब्ध सामग्री CC BY-SA 4.0 के अधीन है जब तक अलग से उल्लेख ना किया गया हो। Images, videos and audio are available under their respective licenses.
®Wikipedia is a registered trademark of the Wiki Foundation, Inc. Wiki हिन्दी (DUHOCTRUNGQUOC.VN) is an independent company and has no affiliation with Wiki Foundation.