नकद आरक्षी अनुपात (कैश रिज़र्व रेशो, सीआरआर) RBI का बैंकिंग क्षेत्र में जोखिम कम करने का एक उपाय (tool) है । यह किसी बैंक की कुल जमाओं का वह अनुपात है जिसे बैंक को नकदी के रूप में RBI (केंद्रीय बैंक) के पास रखना होता है।
पहले इसकी दर बहुत उच्च होती थी, फिर वित्तीय संस्थाओं पर उच्चस्तरीय समिति (CFC - Committee on Financial Companies) जिसे नरसिम्हन समिति के नाम से भी जाना जाता है की सिफारिशों के आधार पर इसे धीरे धीरे कम किया गया, अभी इसकी दर सामान्यतः 4-5 % के आसपास रहती है (हालांकि इस तरह की कोई कानूनी बाध्यता नहीं है) । समिति की यह भी सिफारिश थी कि RBI को बैंकों को CRR पर ब्याज देना चाहिए, हालांकि अभी CRR पर बैंकों को कोई ब्याज नहीं मिलता है।
This article uses material from the Wikipedia हिन्दी article नकद आरक्षी अनुपात, which is released under the Creative Commons Attribution-ShareAlike 3.0 license ("CC BY-SA 3.0"); additional terms may apply (view authors). उपलब्ध सामग्री CC BY-SA 4.0 के अधीन है जब तक अलग से उल्लेख ना किया गया हो। Images, videos and audio are available under their respective licenses.
®Wikipedia is a registered trademark of the Wiki Foundation, Inc. Wiki हिन्दी (DUHOCTRUNGQUOC.VN) is an independent company and has no affiliation with Wiki Foundation.