अफरइया (अफरिया) (अन्य उच्चारण- अफरिया, अफ्रिया अहीर जाति का एक उपसमुदाय है हरियाणा के अहिरवाल राज्य पर अफारियाओं का शासन था।
18वीं शताब्दी के प्रारम्भ में, अहीर सेनापति राव नंदराम ने रेवाड़ी राज्य की स्थापना की थी। उन्हें रेवाड़ी के आस पास 360 गावों की यह जागीर व चौधरी का खिताब प्राप्त हुआ था। उस समय चौधरी का खिताब सैन्य शक्ति का सूचक हुआ करता था।
अफरिया राजस्थान राज्य में अलवर के तिजारा नामक स्थान से हरियाणा के रेवाड़ी क्षेत्र में आकार बसे थे। राव तुलाराम सिंह व उनके वंशजों का गोत्र अफरिया है। हेनरी एम॰ इलियट के वृतांतों के अनुसार- सभी प्रान्तों के अहीर अपनी मूल उत्पत्ति मथुरा या उसके पश्चिम के क्षेत्र से मानते हैं। अफरिया अहीर जाति का एक महत्वपूर्ण समुदाय है। मुगल शासन काल में, अफरिया, कोसलिया, व खोसा राजशाही अहीर वंश थे। राव नंदराम रेवाड़ी के यदुवंशी अहीरों के अफरिया परिवार में जन्मे थे, जिन्होंने अपनी अपार सैन्य शक्ति व विस्तृत उपजाऊ जमीन के माध्यम से अपनी प्रभुता सिद्ध की थी।
दिल्ली में अफरिया गोत्र के 18 गांव हैं जिन्हे सुरेड़ा सतरा खांप भी कहा जाता है। कुछ गाँव इस प्रकार हैं- खेड़ा डाबर, जफरपुर कलाँ, खदखड़ी नाहर, खदखड़ी जाट्मल, दौलत पुर, घुमनहेड़ा, खेरा, पंडवाला,हसनपुर, झुलझुली गांव आदि।
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