भारत-भूटान सम्बन्ध

भारत और भूटान के द्विपक्षीय सम्बन्ध परम्परागत रूप से बड़े मधुर रहे हैं तथा इन दोनों देशों के बीच एक विशेष संबंध हैं।

{{{party1}}}–{{{party2}}} सम्बन्ध
Map indicating locations of India and Bhutan
भारत-भूटान सम्बन्ध
भारत
भारत-भूटान सम्बन्ध
भूटान
भारत-भूटान सम्बन्ध
भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे से मिलते हुए

भूटान एक पर्वतीय राज्य है और घाटियों में बसा हुआ है,यहां के लोग बौद्ध धर्मावलम्बी है ,यदि चीन इस क्षेत्र में घुसपैठ करे तो न केवल भूटान बल्कि उतरी बंगाल,असम व अरूणाचल प्रदेश को भारत से काट सकता है, सौभाग्य से भारत-भूटान सम्बन्ध मित्रतापूर्ण रहें है व इनमें कोई समस्या नहीं है, भारत के कारण ही भूटान 1971 में सयुंक्त राष्ट्र संघ का सदस्य बना,1973 में गुटनिरपेक्षता का सदस्य बना,1977 में भारत ने भूटान के दूतावास का दर्जा बढाया।

भारत-भूटान सम्बन्धों की शुरूआत 1865 ई. की सिनचुला संधि से होती है, इस संधि के द्वारा भूटान को एक तरह से भारत की एक रियासत का दर्जा प्रदान किया गया था, यह संधि भूटान और ब्रिटिश भारत के मध्य हुई थी

इसके बाद पुनः1910 ई. में दोनों में पुनरवा की संधि हुई,जिसके द्वारा तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने भूटान के आंतरिक मामलो में हस्तक्षेप ना करने का वादा किया और भूटान ने अपने विदेशी मामलों को भारत के निर्देशन में चलाना स्वीकार कर लिया।

दार्जिलिंग संधि- 1949 ई. में भूटान और स्वतंत्र भारत की सरकार के बीच पुनः एक संधि हुई जिसके द्वारा दोनों देशों ने एक चिरस्थाई शान्ति एवं मित्रता को सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया और भारत ने भूटान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने का वाचन दिया।

इस संधि की धारा - 2 में कहा गया कि भूटान सरकार अपने विदेशी मामलों को भारत सरकार की सलाह से संचालित करेगी।

धारा- 6 में कहा गया कि भूटान भारत की अनुमति के बिना अन्य देशों से गैर घातक सैन्य उपकरण आयात नहीं कर सकेगा।

भारत भूटान सम्बन्धों में दार्जिलिंग संधि की धारा 2 व 6 काफी समय से विवाद का विषय बनी हुई थी,भूटान सरकार के द्वारा इस संधि को संशोधित करने के लिए भारत पर दबाव भी बनाया जा रहा था,आखिर एक स्वतंत्र देश जो संयुक्त राष्ट्र संघ का सदस्य भी है,कब तक इस संधि की विभिन्न धाराओं के तहत उसे संचालित किया जा सकता था,अतः आख़िरकार 2007 में इस दार्जिलिंग संधि के स्थान पर एक नयी संधि को स्वीकार किया गया।

भारत-भूटान मैत्री संधि-2007- फरवरी,2007 में भूटान नरेश जिग्में सिंग्ये खेसर नामग्येल वांगचुन ने भारत यात्रा पर नयी मैत्री संधि पर हस्ताक्षर किए, यह संधि 8 अगस्त,1949 की दार्जिलिंग संधि का स्थान लेगी।

इस संधि के द्वारा 1949 की दार्जिलिंग संधि की धारा 2 व 6 में संशोधन किया गया।

धारा 2 के अनुसार अब भारत की भूमिका मार्गदर्शक की बजाय सहयोगी की होगी,धारा 6 के अनुसार भूटान अब भारत की अनुमति के बिना अन्य देशों से गैर घातक सैन्य उपकरण का आयात कर सकेगा।

सन्दर्भ

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ

  1. भारत-भूटान के बीच मजबूत सम्बन्ध (दा इंडियन वायर)

Tags:

भारतभूटान

🔥 Trending searches on Wiki हिन्दी:

अमिताभ बच्चननेपालगूगलनेपोलियन बोनापार्टकामाख्या मन्दिरकरीना कपूरइस्लाम का इतिहासराजस्थान के मुख्यमंत्रियों की सूचीरॉबर्ट वाड्राहरिवंश राय बच्चननदिया के पार (१९८२ फ़िल्म)सोनाहल्दीघाटी का युद्धरसिख सलामक्रिकेटदुर्गाजनजातिकाशी विश्वनाथ मन्दिरजम्मू और कश्मीरकहानीद्रौपदी मुर्मूराजीव गांधीजन गण मनसलमान ख़ानकाव्यभाषाविज्ञानप्राचीन भारतमहेंद्र सिंह धोनीकेंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बलहिमालयपरामर्शअनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातिसाम्यवादवोटर वैरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेलभारतीय राष्ट्रीय विकासशील समावेशी गठबंधनपृथ्वी का वायुमण्डलजैव विविधताख़रबूज़ामराठा साम्राज्यदिल्लीहम आपके हैं कौननिकाह हलालाअंतर्राष्ट्रीय मज़दूर दिवसप्रथम विश्व युद्धकिन्नरलिपिरक्षाबन्धनविद्यालयएडोल्फ़ हिटलरनवरोहणशेयर बाज़ारमनमोहन सिंहसमासशिरडी साईं बाबाभारत के राजनीतिक दलों की सूचीसमावेशी शिक्षाहिन्दी साहित्य का इतिहासजैविक खेतीरामदेव पीरकृष्णा अभिषेकनारीवादकिशोरावस्थाभारतीय स्वतंत्रता का क्रांतिकारी आन्दोलनकीविश्व के सभी देशभारतीय संविधान की उद्देशिकाराष्ट्रीय जनता दलऋषभ पंतप्रधानमंत्री आवास योजनासर्वाधिकारवादरीति कालभारत का ध्वजएशियामध्याह्न भोजन योजनाभारतीय क्रिकेट टीमज्ञानबंगाल का विभाजन (1905)भारतेन्दु हरिश्चंद्र🡆 More