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ओ३म् (ॐ) या ओंकार परमात्मा, ईश्वर, उस एक के मुख से निकलने वाला पहला शब्द है जिसने इस संसार की रचना में प्राण डाले। ॐ, ओम की तीन मात्राएं है। अकार, उकार... |
होकर अन्य परम्परा मान्य ॐ बनाया जाने लगा। इसके दुष्परिणाम स्वरूप हम लोग जैन परम्परा द्वारा मान्य चिह्न को प्राय: भूल गए हैं और ॐ को ही भ्रमवश जैन परम्परा... |
गायत्री मन्त्र (ॐ भूर्भुवः स्वः से अनुप्रेषित) उच्चारण के साथ किया जाए। ॐ भूः ॐ भुवः ॐ स्वः ॐ महः, ॐ जनः ॐ तपः ॐ सत्यम्। ॐ तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्। ॐ आपोज्योतीरसोऽमृतं,... |
ॐ नमः शिवाय के संबंध में डा. श्री प्रकाश बरनवाल राष्ट्रीय अध्यक्ष आध्यात्मिक परिषद् का कहना है कि यह सबसे लोकप्रिय हिन्दू मन्त्रों में से एक है और भोलेनाथ... |
ॐ नमो नारायणाय (संस्कृत: ॐ नमो नारायणाय, रोमानीकृत: ॐ नमो नारायणाय, शाब्दिक अनुवाद: 'मैं परम वास्तविकता, नारायण को नमन करता हूं'),जिसे अष्टाक्षरा (आठ... |
ॐ सर्वेशाय नमः ॥ ॐ सौम्याय नमः ॥ ॐ सुरवन्द्याय नमः ॥ ॐ सुरलोकविहारिणे नमः ॥ ॐ सुखासनोपविष्टाय नमः ॥ ॐ सुन्दराय नमः ॥ ॐ घनाय नमः ॥ ॐ घनरूपाय नमः ॥ ॐ घनाभरणधारिणे... |
नमः। ॐ सूर्याय नमः। ॐ भानवे नमः। ॐ खगाय नमः। ॐ पूष्णे नमः। ॐ हिरण्यगर्भाय नमः। ॐ मरीचये नमः। (वा, मरीचिने नम: - मरीचिन् यह सूर्य का एक नाम है) ॐ आदित्याय... |
ओं मणिपद्मे हूं (ॐ मणिपद्मे हूँ से अनुप्रेषित) ॐ मणिपद्मे हुम् एक तिब्बती मंत्र है जिसका संबंध अवलोकितेश्वर (करुणा के बोधिसत्त्व) से है। यह तिब्बती बौद्ध धर्म का मूल मंत्र है। यह प्रायः पत्थरों पर... |
वेदान्तिक अंश हैं। ॐ पूर्णमदः पूर्णमिदम् पूर्णात् पूर्णमुदच्यते। पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते ॥ ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥ ॐ शं नो मित्रः शं वरुणः।... |
यह बताया गया है कि ॐ में तीनों का रूप एक ही है। ॐ जय शिव ओंकारा, प्रभु जय शिव ओंकारा। ब्रह्मा विष्णु सदाशिव, अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ हर हर हर महादेव॥ एकानन... |
॥ ॐ कपिलाय नमः ॥ ॐ गज कर्णकाय नमः ॥ ॐ लम्बोदराय नमः ॥ ॐ विकटाय नमः ॥ ॐ विघ्न राजाय नमः ॥ ॐ विनायकाय नमः ॥ ॐ धूम्र केतवे नमः ॥ ॐ गणाध्यक्षाय नमः ॥ ॐ भालचन्द्राय... |
स्थान बने। ॐ विष्टरो, विष्टरो, विष्टरः प्रतिगृह्यताम्। -पार०गृ०सू० १.३.६ वर कन्या के पिता के हाथ से विष्टर (कुश या पुष्प आदि) लेकर कहें- ॐ प्रतिगृह्णामि।... |
अनृतात्सत्यमुपैमि। ॐ वायवे नमः॥२॥ ॐ सूयर् व्रतपते व्रतं चरिष्यामि, तत्ते प्रब्रवीमि तच्छकेयम्। तेनध्यार्समिदमहम्, अनृतात्सत्यमुपैमि। ॐ सूयार्य नमः॥३॥ ॐ चन्द्र व्रतपते... |
धन्वन्तरी की साधना के लिये एक साधारण मंत्र है: ॐ धन्वन्तरये नमः॥ इसके अलावा उनका एक और मन्त्र भी है: ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वन्तरये अमृतकलशहस्ताय... |
(विवाह संस्कार से) सम्पन्न कराएँ। तत्पश्चात् ॐ गन्धद्वारां दुराधर्षां........... (पृ० .....) से तिलक लगाएँ तथा ॐ अक्षन्नमीमदन्त ...... (पृ० ....) से अक्षत... |
भगोतीपुर ,प्राथमिक विद्यालय व कई शिव मंदिर हे जिनमे 100 साल पहले बना शिव मंदिर व ॐ भोलेनाथ महादेव मंदिर प्रसिद्ध है यह गांव न्याय पंचायत भी हे। भगौतीपुर मे प्रसिद्ध... |
वृद्धि के लिए पहली साक्षी- ॐ एको विष्णुजर्गत्सर्वं, व्याप्तं येन चराचरम्। हृदये यस्ततो यस्य, तस्य साक्षी प्रदीयताम्॥ पहला चरण- ॐ इष एकपदी भव सा मामनुव्रता... |
ईशोपनिषद में यह आया है- ॐ पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात् पूर्णमुदच्यते। पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते॥ ॐ शांतिः शांतिः शांतिः॥ ॐ वह (परब्रह्म) पूर्ण... |
समाप्त की जाती है। ॐ। यज्ञेन यज्ञमयजन्त देवास्तानि धर्माणि प्रथमान्यासन्। ते ह नाकं महिमानः सचन्त यत्र पूर्वे साध्याः सन्ति देवाः ॥ 1 ॥ ॐ। राजाधिराजाय प्रसह्यसाहिने... |
देवासिद्धान्तपारग: !! ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः। ॐ बृं बृहस्पतये नमः। ॐ गुरुदेवाय विद्मिहे वाणेशाय धीमहि ! तन्नो: गुरु: प्रचोदयात !ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं... |