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वाक्य के निम्नलिखित तीन भेद होते हैं। सरल वाक्य: जिस वाक्य में एक उद्देश्य, एक विधेय तथा एक ही मुख्य समापिका क्रिया होता है, उसे सरल या साधारण वाक्य कहते... |
वाक्यविन्यास (वाक्य-विज्ञान से अनुप्रेषित) है- वाक्य का स्वरूप, वाक्य की परिभाषा, वाक्य की रचना, वाक्य के अनिवार्य तत्त्व, वाक्य में पदों का विन्यास, वाक्यों के प्रकार, वाक्य का विभाजन, वाक्य में... |
सर्वनाम (सर्वनाम और उसके भेद से अनुप्रेषित) काम करेगी। फिर मोहिनी और सखी खेलेंगी। तब मोहिनी घर लौटेगी। यहां वाक्य कितना अटपटा, अनगढ़ और अव्यवस्थित है। अब सर्वनाम से युक्त वाक्य देखिए - मोहिनी स्कूल... |
क्रिया (व्याकरण) (क्रिया और उसके भेद से अनुप्रेषित) कार्य के होने या करने अथवा किसी व्यक्ति या वस्तु की स्थिति का बोध कराते हैं। क्रिया के बिना वाक्य पूर्ण नहीं हो सकते। कुछ क्रियाएँ स्वघटित होते हैं और कुछ... |
हिन्दी व्याकरण (अनुभाग वाक्य विचार) हँ- अर्थ के आधार पर वाक्य भेद रचना के आधार पर वाक्य भेद अर्थ के आधार पर आठ प्रकार के वाक्य होते हँ- १-विधान वाचक वाक्य, २- निषेधवाचक वाक्य, ३- प्रश्नवाचक... |
शब्द (शब्द और उसके भेद से अनुप्रेषित) कारिका में अर्थग्रहण के आठ साधन माने गए हैं: 1- व्याकरण, 2- उपमान, 3- कोश, 4- आप्त वाक्य 5- वृद्ध व्यवहार/लोक व्यवहार, 6- वाक्य शेष, 7- विवृत्ति, 8- सिद्ध... |
अलंकार चन्द्रोदय के अनुसार विरोधाभास अलंकार, हिन्दी कविता में प्रयुक्त एक अलंकार का भेद है। विरोधाभास अलंकार के अंतर्गत एक ही वाक्य में आपस में कटाक्ष... |
सत्य (अनुभाग सत्य के विभिन्न सिद्धान्त) - किसी निर्णय या वाक्य को सत्य कहने में हमारा अभिप्राय क्या होता है। सत्य और असत्य में भेद करने का मापक साधन क्या है? हमारे ज्ञान के विषयों में प्रमुख... |
स्तरों पर कार्य करती है- वर्णविन्यास पदपूर्वार्ध पदपरार्ध वाक्य प्रकरण वक्रोक्ति अलंकार के दो भेद हैं- श्लेषमूला - चिपका अर्थ काकुमूला - ध्वनि-विकार/आवाज... |
कारक (अनुभाग कारक के भेद) इस वाक्य में ‘कलम’ करण है, क्योंकि लिखने का काम कलम से किया गया है। जैसे- 1.अर्जुन ने जयद्रथ को बाण से मारा। 2.बालक गेंद से खेल रहे है। पहले वाक्य में... |
मीमांसा दर्शन (अनुभाग विधि का भेद) प्रकार के वाक्य होते हैं :– सिद्धार्थक (जैसे– 'सत्यं ज्ञानमनन्तं ब्रह्म)' और विधायक। वेद का तात्पर्य विधायक वाक्यों में ही है। सिद्धार्थक वाक्य अन्ततो गत्वा... |
है। जैसे, 'पेट में आग लगी है।' यह एक सार्थक वाक्य है। इसमें 'आग लगी है' वाक्य अपना अर्थ छोड़ देता है और लक्ष्यार्थ होता है कि भूख लगी है। इससे लक्षण-लक्षणा... |
जापानी भाषा (अनुभाग चीनी शब्द और अन्य विदेशी शब्द) प्रयोग नहीं होता। वाक्य में संज्ञा का संबंध बताने के लिये सहायक शब्द या सहायक क्रियाएँ लगाई जाती हैं। ऊपर के वाक्य में "मैं" को प्रकट करने के लिये "वाताकुशि"... |
प्रमुख टीका है। तत्त्वार्थ सूत्र के दस अध्याय इस प्रकार है :- दर्शन और ज्ञान जीव के भेद उर्ध लोक और मध्य लोक देव अजीव के भेद आस्रव पाँच व्रत कर्म बन्ध निर्जरा... |
क्रिया विशेषण (अनुभाग क्रिया विशेषण के भेद) चलता है। प्रायः इसका प्रयोग वाक्य में क्रिया से तुरंत पहले जाता है। यह अविकारी शब्द है अर्थात् इसमें लिंग, वचन, कारक, काल आदि के कारण कोई नहीं आता है। यह... |
है। इनमें पहला है बोध और संदर्भ के बीच का अंतर। दूसरा है शब्द के अर्थ और वाक्य के अर्थ का भेद। तीसरा है पाठ और संदर्भ के बीच का अंतर। इस तीसरे अंतर को अब... |
आघात (स्वनविज्ञान) (अनुभाग बलाघात के भेद) बल के उच्च-मध्य और नीच होने के अनुसार ही ध्वनि के तीन भेद किए जाते हैं सबल, समबल, निर्बल। जैसे, ‘कालिमा’ में मा तो सबल है, इसी पर धक्का लगता है और ‘का’... |
अभ्यास, संख्या, संज्ञा, गुण और प्रकरणांतर, ये छह कर्म भेद के प्रमाण हैं। (३) तृतीयाध्याय में श्रुति, लिंग, वाक्य, प्रकरण, स्थान और समाख्या ये छ: विनियोजक (अंगता... |
न्याय (जैन) (अनुभाग छल और जाति) के नाम से आजकल जैनदर्शन का व्यपदेश होने लगा है। सप्तभंगीनय (स्याद्वाद्) को समझने के लिए उदाहरण के रूप में नीचे के वाक्यों को लिया जा सकता है। वाक्य अर्थ... |
वृध्दकुमारीवाक्य (वर) न्याय - वृद्ध कुमारी का वाक्य (प्रस्ताव) सूचीकटाहन्याय - सूई और कडाही नृपनापितन्याय - राजा और नाई पिष्टपेषणन्याय - आटे को पीसना (से क्या... |