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शिव जी की आरती हिन्दू धर्म में संहार के देवता शिव की स्तुति है। इसकी रचना पंडित श्रद्धाराम फिल्लौरी ने थी। वास्तव में यह आरती त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु... |
अधिक विकल्पों के लिए यहां जाएं - आरती (बहुविकल्पी) आरती हिन्दू उपासना की एक विधि है। इसमें जलती हुई लौ या इसके समान कुछ खास वस्तुओं से आराध्य के सामाने... |
नाम से भी जाना जाता है। हिन्दू शिव घर्म शिव-धर्म के प्रमुख देवताओं में से हैं। वेद में इनका नाम रुद्र है। यह व्यक्ति की चेतना के अन्तर्यामी हैं। इनकी अर्धांगिनी... |
"गोदावरी आरती" गोदावरी नदी के भौगोलिक, पौराणिक, सांस्कृतिक, वैज्ञानिक और जीवन मूल्य का वर्णन करती है। गोदावरी आरती में कुल छह श्र्लोक अनुष्टुप छंद में... |
प्रमुख रूप से शिव-भक्ति और शिव-महिमा का प्रचार-प्रसार किया गया है। प्रायः सभी पुराणों में शिव को त्याग, तपस्या, वात्सल्य तथा करुणा की मूर्ति बताया गया... |
जाना जाता है। हर दो घंटे में आरती होती है; पूरे दिन भजन बजाए जाते हैं, शाम को लाइव भजन होते हैं। महाशिवरात्रि को भगवान शिव के प्रति कृतज्ञता के दिन के... |
है। और संध्या के समय आरती भजन एवं मन्त्र जाप करके शिव जी को प्रसन्न किया जाता है। और इस प्राचीन मंदिर में माँ दुर्गा एवं गणेश जी की भी स्थापना है। ऑटो रिक्शा... |
शिव तांडव स्तोत्र कहलाया। शिव ताण्डव स्तोत्र से शिव इतना खुश हुए की आशुतोष भगवान भोलेनाथ ने ना केवल रावण को सकल समृद्धि और सिद्धि से युक्त सोने की लंका... |
हैं। नित्य पूजा श्रंगार आरती भोग (हलवा पुरी) शायना आरती तारा चंडी मंदिर की अवस्थिति सासाराम से दक्षिण दिशा मे 5 किलोमीटर की दूरी पर है। यहाँ बहुत हिन्दू... |
(मुझे विदा करो)(1963) गजलां ते गीत (गज़लें व गीत) आरती (1971) लाजवंती (1961) आटे दियां चिड़ियां (आटे की गौरैयां) (1962). लूना (1965) मैं ते मैं (मैं और... |
गया। वेदों और शिव की स्तुति के साथ राम का राज्याभिषेक हुआ। वानरों की विदाई दी गई। राम ने प्रजा को उपदेश दिया और प्रजा ने कृतज्ञता प्रकट की। चारों भाइयों... |
काली माँ की आरती होती है, प्राचीनकाल मे नीचे मन्दिर से आरती होने के बाद यह आरती जमीन में बनीं सुरंग (गुफा) से गुजरकर ऊपर टीले वाली माँ काली की आरती के लिये... |
टपकेश्वर मंदिर (श्रेणी शिव मंदिर) गिरि जी, पुजारी दिशा यह क्लॉक टॉवर से 7.5 किलोमीटर की दूरी पर गढ़ी केंट में स्थित है। नक्शा देखै आरती/प्रार्थना/का समय 07:00 सुबह और 07:00 शाम बंद रहता... |
ज्वालामुखी मंदिर (अनुभाग आरतियों का समय) में आरती के समय अद्भूत नजारा होता है। मंदिर में 2 बार आरती होती है। एक मंदिर के कपाट खुलते ही सूर्योदय के साथ में की जाती है। दूसरी संध्या को की जाती... |
Archived 2022-09-12 at the वेबैक मशीन माँ दुर्गा की सबसे प्रसिद्ध आरती में से एक है। मां अम्बे की यह प्रसिद्ध आरती मां दुर्गा जी से जुड़े ज्यादातर मौकों पर पढ़ी... |
रुद्राष्टाध्यायी (श्रेणी शिव) शिवमहिम्न स्तोत्र आदि शिव श्रोत्रो का पाठ करते हुए बिल्व अर्पित करें। आरती मंगल आरती करें। हर हर महादेव सर्वप्रथम पवित्रीकरण करें। शिवलिंग निर्माण - सर्वप्रथम... |
के शक्ति रूप की पूजा की जाती है। मंदिर में दो नेत्र हैं जो नैना देवी को दर्शाते हैं। नैनी झील के बारें में माना जाता है कि जब शिव सती की मृत देह को लेकर... |
अर्धनारीश्वर (शिव-शक्ति से अनुप्रेषित) निर्माण के हेतु शिव ने अपनी शक्ति को स्वयं से पृथक किया। शिव स्वयं पुल्लिंग के तथा उनकी शक्ति स्त्री लिंग की द्योतक हैं । पुरुष (शिव) एवं स्त्री (शक्ति)... |
पार्वती (अनुभाग शिव जी के साथ विवाह) मनसा देवी की मां और अय्यप्पा की सौतेली माता हैं। पुराणों में उन्हें श्री विष्णु की बहन कहाँ गया है। वे ही मूल प्रकृति और कारणरूपा है। शिव विश्व के चेतना... |
सती (अनुभाग पौराणिक मान्यताओं की विभिन्नता) की पुत्री और भगवान शिव की पत्नी थी। इनकी उत्पत्ति तथा अंत की कथा विभिन्न पुराणों में विभिन्न रूपों में उपलब्ध होती है। शैव पुराणों में भगवान शिव की प्रधानता... |