यह पृष्ठ अन्य भाषाओं में उपलब्ध नहीं है।
इस विकि पर "अलाउद्दीन+खिलजी" नाम का पृष्ठ बनाएँ! खोज परिणाम भी देखें।
अलाउद्दीन खिलजी (वास्तविक नाम अलीगुर्शप 1296-1316) दिल्ली सल्तनत के खिलजी वंश का दूसरा शासक था। उसका साम्राज्य अफगानिस्तान से लेकर उत्तर-मध्य भारत तक... |
दिल्ली सल्तनत के खिलजी वंश का शासक। जलालुद्दीन फ़िरोज ख़िलजी (1290-1296 ई.) 'ख़िलजी वंश' का संस्थापक था। इसने अपना जीवन एक सैनिक के रूप में शुरू किया था।... |
जलालुद्दीन खिलजी अल्लाहुद्दीन या अलाउद्दीन खिलजी शिहाबुद्दीन उमर ख़िलजी कुतुबुद्दीन मुबारक ख़िलजी(1316-1320) अलाउद्दीन खिलजी ने अपने साम्राज्य को दक्षिण की... |
दिल्ली सल्तनत के खिलजी वंश का शासक। कुतुबुद्दीन मुुुबारक खिलजी ने सन 1316 ई० से 1320 ई० तक दिल्ली में शासन किया। इसके एक विश्वास-पात्र वजीर खुुुसरो खां... |
शिहाबुद्दीन उमर ख़िलजी, अलाउद्दीन ख़िलजी का पुत्र था। मलिक काफ़ूर के कहने पर अलाउद्दीन ने अपने पुत्र 'ख़िज़्र ख़ाँ' को उत्तराधिकारी न बना कर अपने 5-6 वर्षीय... |
पहले 1297 में अलाउद्दीन खिलजी और कादर खां के बीच हुआ, दूसरा 1298 में अलाउद्दीन खिलजी और सलदी के बीच हुआ, तीसरा 1299 में अलाउद्दीन खिलजी और कुतलुग ख्वाजा... |
वीरमदेव (मृत्यु 1311) जालोर चहमान राजा कान्हड़देव के पुत्र थे। अलाउद्दीन खिलजी की जालौर पर विजय दौरान उन्हें ताज पहनाया गया था, और ढाई दिन संघर्ष करते... |
इनकी पत्नी इतिहास-प्रसिद्ध रानी पद्मिनी या पद्मावती थी। 1303 ई० में अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण से परिवार तथा शासन सहित ये भी नष्ट हो गये। प्रायः 1 वर्ष... |
राजपूत राजा कर्णदेव द्वितीय की रानी थी। 1297 ई. में कर्णदेव द्वितीय को अलाउद्दीन खिलजी की फ़ौज द्वारा पराजय का सामना करना पड़ा। कर्णदेव द्वितीय अपनी पत्नी... |
सिंहासन को जब्त करने के लिए खिलजी वंश के जलालुद्दीन खिलजी (रजा मुराद) लगातार चालें चलता रहता है। उसका भतीजा अलाउद्दीन खिलजी (रणवीर सिंह) एक दिन उसे उपहार... |
यह दुर्ग अलाउद्दीन खिलजी द्वारा मंगोल आक्रमण से बचने के लिए बनाया गया था। अब यह खण्डहर अवस्था में है और यहाँ एशियाई खेल ग्राम परिसर है। खिलजी वंश के संस्थापक... |
मलिक काफ़ूर (श्रेणी अलाउद्दीन खिलजी) अलाउद्दीन खिलजी का एक प्रमुख अनौपचारिक दास/गुलाम-जनरल था। इसे अलाउद्दीन के जनरल नुसरत खान द्वारा गुजरात १२९९ के आक्रमण के दौरान लाया गया। अलाउद्दीन की... |
दिल्ली के महरौली क्षेत्र में कुतुब परिसर में स्थित है। इसका निर्माण अलाउद्दीन खिलजी ने यह मीनार निर्माण योजना थी, जो कि इस मीनार से दुगुनी ऊंची बननी निश्चित... |
सन् ई 1298 में वर्तमान राजधानी दिल्ली के अलाउद्दीन खिलजी ने गुजरात राज्य के सोलंकी साम्राज्य को समाप्त किया एवं सिद्धपुर स्थित सोलंकी सम्राटों द्वारा... |
रतनसिम्हा (अनुभाग अलाउद्दीन खिलजी के खिलाफ हार) चित्तौड़गढ़) से शासन किया था। इस शाखा के अंतिम शासक, उन्हें 1303 ईस्वी में अलाउद्दीन खिलजी ने हराया था। राजस्थानी किंवदंतियों ने उन्हें राजपूत शासक रतन सिंह के... |
वर्णन सुनकर दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी ने चित्तौड़गढ़ पर आक्रमण कर दिया था। 8 माह के युद्ध के बाद भी अलाउद्दीन खिलजी चित्तौड़ पर विजय प्राप्त नहीं... |
लिया था। अलाउद्दीन खिलजी दिल्ली के निकट चौहानों की बढ़ती हुई शक्ति को नहीं देखना चाहता था, इसलिए संघर्ष होना अवश्यंभावी था। ई.स. १२९९ में अलाउद्दीन की सेना... |
1290-1292 में जलालुद्दीन खिल्जी ने, 1301 में अलाऊद्दीन खिलजी ने, 1325 में फ़िरोजशाह तुगलक ने, 1489 में मालवा के मुहम्म्द खिलजी ने, 1529 में महाराणा कुम्भा... |
(1589 CE), और उनके बाद के रूपांतरणों में दिखाई देती है । दिल्ली के अलाउद्दीन खिलजी ने रतनसिंह की पत्नी रानी पद्मावती को प्राप्त करने के लिए चित्तौड़ पर... |
२९४वॉ (लीप वर्ष मे २९५वॉ) दिन है। साल मे अभी और ७१ दिन बाकी है। १२९६ - अलाउद्दीन खिलजी ने दिल्ली की गद्दी संभाली। १९३४ - जयप्रकाश नारायण ने कांग्रेस सोशलिस्ट... |