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चरण को "भारतेन्दु युग" की संज्ञा प्रदान की गई है और भारतेन्दु हरिश्चन्द्र को हिन्दी साहित्य के आधुनिक युग का प्रतिनिधि माना जाता है। भारतेन्दु का व्यकितत्व... |
में आधुनिक काल का प्रारम्भ भारतेन्दु हरिश्चन्द्र से माना जाता है। भारतीय नवजागरण के अग्रदूत के रूप में प्रसिद्ध भारतेन्दु जी ने देश की गरीबी, पराधीनता... |
भारतेन्दु हरिश्चंद्र के जीवनकाल में ही कवियों और लेखकों का एक खासा मंडल चारों ओर तैयार हो गया था। हिन्दी साहित्य के इतिहास में इसे भारतेन्दु मंडल के नाम... |
Bhāratīya svatantratā aura Hindī patrakāritā. Bihāra Grantha Kuṭīra. भारतेन्दु युग चारण थे । उनकी पत्रिकाओं में भारतीयों के हृदय की धड़कन सुनायी पड़ती... |
परीक्षा गुरू हिन्दी का प्रथम उपन्यास था जिसकी रचना भारतेन्दु युग के प्रसिद्ध नाटककार लाला श्रीनिवास दास ने 25 नवम्बर,1882 को की थी। लाला श्रीनिवास कुशल... |
प्रक्रिया शामिल है। हिंदी आलोचना की शुरुआत १९वीं सदी के उत्तरार्ध में भारतेन्दु युग से ही मानी जाती है। 'आलोचना' शब्द 'लुच' धातु से बना है। 'लुच' का अर्थ... |
हिन्दी पत्रकारिता (अनुभाग हिंदी पत्रकारिता का दूसरा युग : भारतेन्दु युग) 1873 ई. में भारतेन्दु ने "हरिश्चंद्र मैगजीन" की स्थापना की। एक वर्ष बाद यह पत्र "हरिश्चंद्र चंद्रिका" नाम से प्रसिद्ध हुआ। वैसे भारतेन्दु का "कविवचन सुधा"... |
पण्डित चन्द्रशेखर धर मिश्र (१८५८-१९४९) आधुनिक हिंदी साहित्य में भारतेन्दु युग के अल्पज्ञात कवियों में से एक हैं। खड़ी बोली हिन्दी-कविता के बिकास में... |
साथ साथ हुआ है। आधुनिक गद्य साहित्य के साथ ही हिन्दी आलोचना का उदय भी भारतेन्दु युग में हुआ | विश्वनाथ त्रिपाठी ने संकेत किया है कि “हिंदी आलोचना पाश्चात्य... |
बलदेव अग्रहरि, भारतेन्दु युग के लेखक थे। सन् १८८७ में प्रकाशित इनकी नाट्य पुस्तक 'सुलोचना सती' को अत्यधिक ख्याति मिली। बलदेव अग्रहरि के "सुलोचना सती"... |
'समस्या' के रूप में लेकर स्वयं उसकी पूर्ति की है। हिन्दी साहित्य के भारतेन्दु युग में गृहीत रीतिकालीन काव्यशैलियों में “समस्यापूर्ति ” पर्याप्त लोकप्रिय... |
द्विवेदी युग हिंदी साहित्य में भारतेंदु युग के बाद का समय है। इस युग का नाम महावीर प्रसाद द्विवेदी के नाम से रखा गया है। महावीर प्रसाद द्विवेदी एक ऐसे... |
छायावादी युग, प्रगतिवादी युग, प्रयोगवादी युग, नई कविता युग और साठोत्तरी कविता इन नामों से जाना गया, छायावाद से पहले के पद्य को भारतेंदु हरिश्चंद्र युग और महावीर... |
पूर्व भारतेंदु युग(प्राचीन युग): 13 वीं शताब्दी से 1868 ईस्वी तक. (2) भारतेंदु युग(नवजागरण काल): 1850 ईस्वी से 1900 ईस्वी तक। (3) द्विवेदी युग: 1900 ईस्वी... |
यात्रा, हरिद्वार की यात्रा। भारतेंदु युग में ही कुछ लेखकों के द्वारा विदेश यात्रा के वृतांत भी लिखे गए। इसी प्रकार द्विवेदी युग में भी विभिन्न यात्रा वृतान्त... |
आधुनिक युग में भारतेन्दु और उनके सहयोगियों से निबन्ध लिखने की परम्परा का आरम्भ होता है। निबन्ध ही नहीं, गद्य की कई विधाओं का प्रचलन भारतेन्दु से होता... |
रामविलास शर्मा ने 'भारतेन्दु हरिश्चन्द्र और हिन्दी नवजागरण की समस्याएं' नामक अपने प्रसिद्ध ग्रन्थ में आधुनिक हिन्दी साहित्य के जनक भारतेन्दु हरिश्चन्द्र के... |
१८८८ में उन्होंने 'खड़ी बोली का आन्दोलन' नामक पुस्तिका प्रकाशित करवाई। भारतेंदु युग से हिन्दी-साहित्य में आधुनिकता की शुरुआत हुई। इसी दौर में बड़े पैमाने... |
(उत्तरप्रदेश) में हुआ (24 सितंबर, 1856 - 6 जुलाई, 1894) भारतेन्दु मण्डल के प्रमुख लेखक, कवि और पत्रकार थे। वह भारतेंदु निर्मित एवं प्रेरित हिंदी लेखकों की सेना के... |
प्रिय था। उनका निधन अगहन शुक्ल ६ संवत १९६६ विक्रमी सन १९०९ में हुआ था। भारतेन्दु युग के लोककवि ईसुरी पं गंगाधर व्यास के समकालीन थे और आज भी बुंदेलखंड के... |