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स्वर उन ध्वनियों को कहते हैं जो बिred ना किसी अन्य वर्णों की सहायता के उच्चारित किये जाते हैं। स्वतंत्र रूप से बोले जाने वाले वर्ण,स्वर कहलाते हैं। हिंदी... |
दर्शाता था। प्रत्येक वर्णमाला में दो प्रकार के वर्ण होते हैं स्वर वर्ण तथा व्यंजन वर्ण। व्यंजनों के साथ स्वर लगाने के भिन्न तरीक़ों के आधार पर वर्णमालाओं... |
स्वर के कई अर्थ हो सकते है - स्वर जो संगीत से संबन्धित है। प्रमुख रूप से सात (सा रे ग म प ध नी) माने गए हैं। स्वर वर्ण जो वर्णमाला का हिस्सा होते हैं।... |
पापियामेन्टो (अनुभाग स्वर वर्ण) हैं। उदाहरण के लिए: पापियामेन्टो स्वर वर्ण इबेरो-रोमान्स और डच स्वर वर्ण पर आधारित हैं। पापियामेन्टो के पास नौ स्वर है: "Invoeringswet openbare lichamen... |
बनते है, उन्हें संयुक्त स्वर कहते है। प्लुत स्वर - जिन स्वरों के उच्चारण में दीर्घ स्वरों से भी अधिक समय लगता है उन्हें प्लुत स्वर कहते हैं। प्रायः इनका... |
नासिक्य व्यंजन (अनुभाग अनुनासिक स्वर) अनुनासिक स्वर नहीं हैं; इसीलिए देवनागरी की वर्णमाला में अनुनासिक स्वरों को लिखने के लिए अलग से वर्ण नहीं हैं। इसीलिए हिन्दी में मौखिक स्वर वर्णों के ऊपर... |
देवनागरी लिपि का तेरवा वर्ण है। यह एक स्वर भी है। इसका उच्चारण हिंदी में /ɻɪ/ की तरह कीया । संस्कृत वर्णमाला में "ऋ" एक स्वर वर्ण है, जिसे "ऋ" कहा जाता... |
लेख संगीत से सम्बन्धित 'स्वर' के बारे में है। मानव एवं अन्य स्तनपोषी प्राणियों के आवाज के बारे में जानकारी के लिए देखें - स्वर (मानव का) संगीत में वह शब्द... |
प्रत्याहार विभिन्न वर्ण-समूह को अभीप्सित रूप से संक्षेप में ग्रहण करने की एक पद्धति है। जैसे, 'अण्' से अ इ उ और 'अच्' से समग्र स्वर वर्ण— अ, इ, उ, ऋ, ऌ,... |
हमेशा स्वर वर्ण ही होता है और उसके इर्द-गिर्द अन्य वर्ण मिलते हैं जो व्यंजन भी हो सकते हैं और स्वर भी. 'कान' शब्दांश का शब्दांश केंद्र 'आ' का स्वर है जिससे... |
ओड़िआ लिपि (अनुभाग स्वर वर्ण तथा मात्रा) सर्वाधिक मिलती-जुलती है। ओड़िआ लिपि द्वारा लिखने के लिये उपयुक्त वर्ण-मात्रा-संख्याएँ स्वर ଅ ଆ ଇ ଈ ଉ ଊ ଋ ଏ ଐ ଓ ଔ मात्रा × ା ି ୀ ୁ ୂ ୃ େ ୈ ୋ ୌ व्यंजन କ ଖ... |
संधि (व्याकरण) (अनुभाग स्वर संधि) की होती हैं - स्वर सन्धि (या अच् सन्धि) व्यञ्जन सन्धि { हल संधि } विसर्ग सन्धि दो स्वरों के मेल से होने वाले विकार (परिवर्तन) को स्वर-संधि कहते हैं।... |
लेपचा लिपि (अनुभाग स्वर वर्ण) कोई अक्षर एक व्यंजन तथा एक निहित (या डिफ़ॉल्ट) स्वर दोनों का प्रतिनिधित्व करता है। लेप्चा में निहित स्वर 'अ' है । लेप्चा स्क्रिप्ट अप्रैल, 2008 में संस्करण... |
गुरमुखी लिपि में ३५ वर्ण होते हैं। पहले तीन वर्ण विशेष हैं क्योंकि वे स्वर वर्णों के आधार होते हैं। केवल ऐड़ा को छोड़कर बाकी पहले तीन वर्ण अकेले कहीं नहीं... |
भाषाविज्ञान और स्वानिकी में श्वा (अंग्रेजी: schwa) मध्य-केंद्रीय स्वर वर्ण को कहते हैं। इस वर्ण को देवनागरी में 'अ' लिखा जाता है और अन्तर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक... |
हिंदी भाषा के स्वर वर्ण और व्यंजन वर्णों की सूची दी गयी है। बारहखड़ी सारणी में 'ऋ' को सम्मिलित नहीं किया जाता है। ऋ भी एक स्वर है, जिसकी स्वर ध्वनि लुप्त... |
अ (श्रेणी स्वर) हिंदी वर्णमाला का स्वर वर्ण है उच्चारण की दृष्टि से अ निम्नतर,मध्य,अगोलित,ह्रस्व स्वर है कुछ स्थितियों में अ का उच्चारण स्थान ह वर्ण से पूर्व (ह्रस्व ऐ:... |
मानी जाती है। स्वर, व्यंजन ये वर्ण हैं; ह्रस्व, दीर्घ तथा प्लुत ये स्वर के उच्चारण के तीन भेद हैं। उदात्त, अनुदात्त तथा स्वरित ये भी स्वर के उच्चारण के... |
वर्णवृक्ष (वर्ण वृक्ष से अनुप्रेषित) वर्णवृक्ष विभिन्न वर्णों की उत्पत्ति का दर्शन है। सभी वर्णों की उत्पत्ति ओंकार से हुई है। अकार से सारे स्वर, हकार से सारे व्यंजन, बिन्दु के ारोह के बाद... |
माहेश्वर सूत्र (अनुभाग स्वर के समूह) समस्त वर्णों को समावेश किया गया है। प्रथम ४ सूत्रों (अइउण् – ऐऔच्) में स्वर वर्णों तथा शेष १० सूत्र व्यंजन वर्णों की गणना की गयी है। संक्षेप में स्वर वर्णों... |