विश्व मानचित्र पृथ्वी की अधिकांश या सभी सतह का मानचित्र है। विश्व का मानचित्र प्रस्तुत करने के लिए विभिन्न तकनीकें विकसित की गई हैं जिससे विविध तकनीकी और सुरुचिपूर्ण लक्ष्यों की पहचान की जा सके।
विश्व मानचित्र का चार्ट बनाने के लिए पृथ्वी, उसके महासागरों और उसके महाद्वीपों के विश्व ज्ञान की आवश्यकता होती है। प्रागैतिहास काल से लेकर मध्य युग तक एक सटीक विश्व मानचित्र बनाना असंभव होता था क्योंकि पृथ्वी के आधे से भी कम तट और इसके महाद्वीपीय अंदरूनी हिस्सों का केवल एक छोटा-सा हिस्सा भी किसी संस्कृति के लिए जाना जाता था। यूरोपीय पुनर्जागरण के दौरान शुरू हुई खोज के साथ पृथ्वी की सतह का ज्ञान तेजी से फ़ैला। कम से कम मौटे तौर पर दुनिया की अधिकांश तटरेखाओं का ख़ाका 1700 के दशक के मध्य तक तथा महाद्वीप के भीतरी भाग का बीसवीं शताब्दी तक तैयार किया गया था।
विश्व के मानचित्र आमतौर पर या तो राजनीतिक या भौतिक स्वरूप पर ध्यान केंद्रित करते हैं। राजनीतिक मानचित्र क्षेत्रीय सीमाओं और मानव बसावटों को महत्व देता है। भौतिक मानचित्र भौगोलिक विशेषताओं जैसे पहाड़, मिट्टी के प्रकार या भूमि उपयोग को दर्शाते हैं। भूगर्भीय मानचित्र न केवल सतह दिखाते बल्कि अंदर की चट्टानों, भीतरी सतहों की संरचना को भी दिखाते हैं। वर्णमात्री मानचित्र, जनसांख्यिकीय या आर्थिक आँकड़ों जैसे क्षेत्रों के बीच के अंतरों को अलग करने के लिए भिन्न-भिन्न रंग का या एक ही रंग के भिन्न-भिन्न रूपों का उपयोग करते हैं।
This article uses material from the Wikipedia हिन्दी article विश्व मानचित्र, which is released under the Creative Commons Attribution-ShareAlike 3.0 license ("CC BY-SA 3.0"); additional terms may apply (view authors). उपलब्ध सामग्री CC BY-SA 4.0 के अधीन है जब तक अलग से उल्लेख ना किया गया हो। Images, videos and audio are available under their respective licenses.
®Wikipedia is a registered trademark of the Wiki Foundation, Inc. Wiki हिन्दी (DUHOCTRUNGQUOC.VN) is an independent company and has no affiliation with Wiki Foundation.