पाकिस्तानी खाना: पाकिस्तान की पाक परंपराएं

पाकिस्तानी खानपान दक्षिण एशिया के विभिन्न भागो के ख़ानपान व्यवहार का एक मिश्रित प्रकार है.

यूँ तो पाकिस्तानी पाकविधि उत्तर भारतीय पाकविधि पर आधारित है परंतु इस पर मध्य एशिया और पश्चिमी एशिया की खानपान व्वयस्था का भी प्रभाव है और साथ ही यह माँस पर आधारित है. मुगल पाकशैली भी पाकिस्तान के रेस्टोरेंट्स मे खास तौर पर लोकप्रिय है.

पाकिस्तान के अंदर भी खानपान शैली इसके क्षेत्रों के आधार पर अलग-अलग है और इस देश की सांस्कृतिक और संजातीय विविधता को रेखांकित करती है. इसके पूर्वी भागों - सिंध और पंजाब- के व्यंजन तलेभुने और मसालेदार होते हैं और उन पर दक्षिण एसीयाई पाकविधि का प्रभाव दिखता है. पाकिस्तान के दूसरे संभागो - जैसे बलोचिस्तान, आज़ाद कश्मीर, गिलगित- बल्तिस्तान, ख़ैबर-पख़्टूंख़्वा और फेडरली अड्मिनिस्टर्ड ट्राइबल एरीयाज़ (फाटा) के खाने मे इन क्षेत्रो के हिसाब से भिन्न स्वाद पाया जाता है.

बड़े शहरों में अंतराष्ट्रीय व्यंजन और फास्ट फुड भी खूब पसंद किया जाता है। स्थानीय और विदेशी पाकशैलियों के सम्मिश्रण से बना फुइजन फुड (जैसे कि पाकिस्तानी चाइनीज) बड़े शहरों मे आमतौर पर देखने को मिलता है. साथ ही जीवनशैली मे हो रहे परिवर्तनों के कारण रेडीमेड मसाला मिश्रणों की लोकप्रियता भी बढ़ रही है. फिर भी पाकिस्तान की विविधता के मद्देनजर यहाँ हर घर मे बनने वाला पकवान दूसरे घर से भिन्न और अलग ज़ायक़ा वाला होता है.

हलाल

मुसलमान देशों मे इस्लामिक क़ानूनों का पालन किया जाता है जहाँ सिर्फ़ हलाल (धार्मिक मान्यता प्राप्त) वस्तुएँ ही खाने- पीने योग्य मानी जाती हैं. इन क़ानूनो के तहत खाने- पीने योग्य पदार्थों के अलावा उन्हे बनाने का तरीका भी शामिल होता है. यह क़ानून खास तौर पर विभिन्न प्रकार के माँस पर लागू होता है.

ऐतिहासिक प्रभाव

पाकिस्तान की राष्ट्रीय पाकशैली इंडो-आर्यन संस्कृति और मुस्लिम पाक परंपराओं की विरासत वाली है. इस भूभाग की प्राचीनतम सभ्यताओं मे मोहन-जो-दरो और हडप्पा सभ्यता शामिल है. ३०० ईसा पूर्व के इस काल खंड मे तिल, बैंगन और कूबड़ वाले जानवरों पर आधारित पाकविधा प्रचलित थी। साथ ही हल्दी, इलायची, काली मिर्च और सरसों जैसे मसाले भी उगाए और खाए जाते थे. कम से कम एक हजार साल तक, गेहूं और चावल हीं सिंधु घाटी सभ्यता के बुनियादी खाद्य पदार्थों मे शामिल थे.

वर्तमान पाकिस्तान के रास्ते दक्षिण एशिया मे इस्लाम के आगमन ने इस भूभाग के खानपान पर गहरा प्रभाव डाला. इस्लामिक खानपान क़ानूनों के अनुसार सुअर के माँस (पोर्क) और शराब के सेवन की सख़्त मनाही है. इस कारण पाकिस्तान की पाक शैली मे दूसरे तरह के माँस जैसे कि गोमान्स, मछली और मुर्गे का प्रयोग होता है. इसके साथ सब्जियों और प्राकृतिक रूप से मिलने वाले फलों और दुग्ध पदार्थों का भी उपयोग होता है.

मूल अवयव

पाकिस्तानी पकवान आम तौर पर अपने खूश्बुदार गंध और मसाले वाले ज़ायक़े के लिए विख्यात हैं. कभी-कभी कुछ पकवानों मे तेल का बहुत ज़्यादा प्रयोग किया जाता है जिसके कारण मुँह के भरे होने और तेज ज़ायक़े का एहसास होता है. पूरे पाकिस्तान मे बनाने वाले पकवानों मे काली इलायची, हरी इलायची, दालचीनी, लौंग, जायफल, और काली मिर्च का मसालों के तौर पर इस्तेमाल होता है. जीरा, मिर्च पाउडर, हल्दी और तेजपत्ता भी ख़ासे लोकप्रिय हैं. पंजाब प्रांत मे धनिया पाउडर के इस्तेमाल से मसालों को कम तीखा बनाया जाता है. कई सारे खुश्बुदार मसालों के मिश्रण के पाउडर से बना गरम मसाला भी पाकिस्तान के कई पकवानों मे इस्तेमाल होता है.

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ

Cuisine of Pakistan से संबंधित मीडिया विकिमीडिया कॉमंस पर उपलब्ध है।

Tags:

पाकिस्तानी खाना हलालपाकिस्तानी खाना ऐतिहासिक प्रभावपाकिस्तानी खाना मूल अवयवपाकिस्तानी खाना इन्हें भी देखेंपाकिस्तानी खाना सन्दर्भपाकिस्तानी खाना बाहरी कड़ियाँपाकिस्तानी खानादक्षिण एशिया

🔥 Trending searches on Wiki हिन्दी:

परशुरामहरे कृष्ण (मंत्र)राज्यपाल (भारत)चन्द्रगुप्त मौर्यमृदाआधुनिक हिंदी गद्य का इतिहासमध्यकालीन भारतहिंदी साहित्य का इतिहास (पुस्तक)जॉनी सिन्सलालबहादुर शास्त्रीगौतम बुद्धहिमाचल प्रदेशरुद्रदामनएलोरा गुफाएंस्‍लॉथमानचित्रकार्ल मार्क्सगुर्दाध्रुव तारा – समय सदी से परेअशोकहिन्दूमेटा प्लेटफॉर्म्सआदमभाग 1 (भारत का संविधान)प्रयोजनमूलक हिन्दीप्रथम विश्व युद्धआँगनवाडीव्यापारिक कृषिसी॰पी॰ जोशीकिशोर कुमारजाटराजस्थानभारत-चीन सम्बन्धकब्जअजातशत्रु (मगध का राजा)प्रथम आंग्ल-अफ़ग़ान युद्धमहाद्वीपचाणक्यपुनर्जागरणमहागौरीरोनी तालुकदारजनसंख्या के आधार पर भारत के राज्य और संघ क्षेत्रमहावीर प्रसाद द्विवेदीराजेश खन्नास्त्री जननांगसत्याग्रहराजगीरहम आपके हैं कौनजी-20आसनकपासराशियाँखाद्य प्रसंस्करणवर्णमालासंस्कृत भाषाशीतयुद्धजय श्री रामपरिवारविश्व-भारती विश्वविद्यालयस्वामी विवेकानन्दराजपाल यादवमहामृत्युञ्जय मन्त्रएड्सपुणे समझौतातुलनात्मक राजनीतितरबूज़केदारनाथ मन्दिरशाह जहाँइंस्टाग्रामरक्ततिरुपतिमानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणावेदमस्तानीलाल सिंह चड्ढासहजन🡆 More